25 साल बाद सुल्तानगंज-देवघर रेल परियोजना को मंजूरी, बाबा बैद्यनाथ धाम और अजगैवीनाथ धाम जुड़ेंगे
25 साल पुरानी सुल्तानगंज-देवघर रेल परियोजना को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। सांसद निशिकांत दुबे के प्रयासों से यह संभव हुआ। यह परियोजना बाबा बैद्यनाथ धाम और अजगैवीनाथ को जोड़ेगी जिससे श्रद्धालुओं को सुविधा होगी। 2024 में देवघर-मोहनपुर रेल लाइन खुलने के बाद गोड्डा तक सीधी रेल सेवा शुरू हुई और अब सुल्तानगंज-देवघर लाइन से गंगा तट से बाबाधाम सीधा जुड़ जाएगा।
जागरण संवाददाता, देवघर। 25 साल पुरानी और लंबित सुल्तानगंज (अजगैवीनाथ धाम)-देवघर रेल परियोजना को गति मिली। द्वादश ज्योतिर्लिंग में एक बाबा बैद्यनाथ धाम और बिहार के अजगैवीनाथ के बीच सीधी रेल परियोजना पर केंद्र सरकार ने अपना मन बना लिया है। अजगैवीनाथ से देवघर के बीच इस रेल परियोजना का सपना 25 साल पहले देखा गया था, लेकिन आज तक यह लंबित था।
सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने इसके लिए लगातार पहल किया। इसके बाद रेल मंत्रालय ने इस परियोजना को आगे बढ़ा दिया है। सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंग प्रदेश और खासकर गोड्डा लोकसभा के साथ साथ संताल परगना को 25 साल पुराना लंबित रेल परियोजना दिया है। जिस रेल परियोजना का सपना पूर्व रेल राज्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने देखा था। प्रधानमंत्री ने उसे आज पूरा किया है। मोदी हैं तो मुमकिन है।
सांसद ने इस परियोजना के लिए बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को जहां बधाई दिया है। वहीं, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पूरे अंग प्रदेश की जनता की ओर से अभिवादन किया।
जानकारी हो कि संताल परगना में रेल और रेल परियोजना नहीं थी। देवघर से गोड्डा की सीधी रेल लाइन नहीं थी। एक साल पहले 2024 में पीएम गति शक्ति योजना के तहत देवघर से मोहनपुर के बीच नयी रेल लाइन का उदघाटन प्रधानमंत्री ने किया इसके बाद देवघर से गोड्डा सीधी रेल लाइन चालू हो गया और गोड्डा तक ट्रेन जाने लगी।
जिस गोड्डा में एक भी ट्रेन नहीं जा रही थी वहां से दिल्ली, पटना, रांची और अन्य गंतव्य के लंबी दूरी की ट्रेन चल रही है। अब सुल्तानगंज-देवघर नयी रेल परियोजना से उत्तरवाहिनी गंगा के तट से बाबाधाम का तट सीधा जुड़ जाएगा।
अजगैवीनाथ धाम, सबौर, कहलगांव व पीरपैंती सहित छोटे स्टेशन पर टीटीई व सीआईटी की पोस्टिंग नहीं
अजगैवीनाथ धाम, नाथनगर, सबौर, कहलगांव, पीरपैंती सहित किसी भी स्टेशनों पर टीटीई की पोस्टिंग नहीं है। इन स्टेशनों पर क्यावयड चेकिंग टीम टिकटों की चेकिंग करती है। सीएमआई फुल कुमार शर्मा के अनुसार, टीटीई और सीआइटी की पोस्टिंग भागलपुर, जमालपुर, किऊल, साहिबगंज, मालदा जैसे बड़े जंक्शन स्टेशन पर ही पोस्टिंग होती है। अन्य स्टेशनों पर टीसी की प्रतिनियुक्ति होती है।
अजगैवीनाथ धाम स्टेशन पर टीसी की प्रतिनियुक्ति है। टीसी की ड्यूटी सहयोग (पूछताछ केंद्र) में होती है। वहीं, कहलगांव, पीरपैंती, सबौर में स्टेशन मास्टर के कक्ष में ही सहयोग की व्यवस्था है। स्टेशन मास्टर ही ट्रेनों बारे में एनाउंसमेंट करते हैं। यात्रियों को ट्रेनों के बारे में जानकारी देते हैं। यही नहीं बांका और गोड्डा में भी यही व्यवस्था है। गोड्डा से भागलपुर के टीटीई ही ट्रेन लेकर आते हैं।
इन स्टेशनों पर स्क्वायड टीम द्वारा ही चेकिंग कराई जाती है। चेकिंग टीम के आधार पर ही सीआईटी का परफार्मेंस होता है। इसलिए कि सीआइटी के नेतृत्व में टिकट चेकिंग कराई जाती है। इसी के आधार पर भागलपुर के सीआइटी दिलीप कुमार चौरसिया को बेहतर कार्य के सम्मानित किया गया।
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