Bihar Chunav 2025: इलेक्शन ड्यूटी के नाम पर 407 कर्मचारियों का बेजोड़ बहाना, जांच में सिर्फ 63 मिले बीमार, 22 कर्मी गायब
Bihar Chunav 2025: बिहार विधान सभा चुनाव 2025 के चुनावी कार्य से खुद को अलग रखने के लिए 407 अधिकारियों व कर्मचारियों ने खुद को अलग-अलग रोगों का बीमार बताया। चुनाव कार्य से मुक्त होने के लिए सभी ने कर्मिक कोषांग में आवेदन दिया था। अपनी बीमारी को साबित करने के लिए संबंधित कर्मियों ने डाक्टर का पर्चा भी दिया। मेडिकल बोर्ड की जांच रिपोर्ट के अनुसार 407 में सिर्फ 63 ही अस्वस्थ है। 22 कर्मचारी तो उपस्थित ही नहीं हुए।

Bihar Chunav 2025: चुनाव कार्य से मुक्त होने के लिए 407 अधिकारियों व कर्मचारियों ने खुद को बीमार बताया।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। Bihar Chunav 2025 बिहार विधान सभा चुनाव 2025 के चुनावी कार्य से खुद को अलग रखने के लिए 407 कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने खुद को बीमार बताया था।सभी ने कर्मिक कोषांग में चुनाव कार्य से मुक्त होने के लिए आवेदन दिया था। इसमें बीमारी को साबित करने के लिए डाक्टर का पर्चा भी दिया गया। ये लोग सही में बीमार है या बहाना कर ड्यूटी से बचना चाहते है इसकी जांच के लिए डीएम के आदेश पर सीएस ने मेडिकल बोर्ड का गठन किया। सभी कर्मचारियों एवं अधिकारी बोर्ड के सामने आए। दो दिनों इन बीमार सरकारी सेवक का गहनता से जांच किया गया। मेडिकल बोर्ड ने जांच रिपोर्ट जिला प्रशासन को दे दिया है। इस रिपोर्ट के अनुसार 407 में कुल 63 अस्वस्थ है। वहीं बोर्ड के सामने आवेदन देने के बाद भी 22 कर्मचारी उपस्थित नहीं हुए।
नहीं चली बहानेबाजी अब करना होगा चुनाव ड्यूटी
चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए 344 कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने बहानेबाजी की। इनकी बहानेबाजी मेडिकल बोर्ड के सामने नहीं चली। पैरवी समेत हर विधा को अपनाने के बाद भी इन कर्मचारियों की एक नहीं चली। बोर्ड ने इनकी नहीं सुनी अब इन बहानेबाज कर्मचारियों एवं अधिकारियों को चुनाव में ड्यूटी करनी होगी। हालांकि बोर्ड ने सभी कर्मचारियों के इलाज का कागजात देखा। जिसमें हकीकत में 63 कर्मचारी एवं अधिकारी अस्वस्थ थे। इन सभी को चुनाव ड्यूटी से अब मुक्त कर दिया जाएगा। वहीं बोर्ड के सामने 22 कर्मचारी ऐसे भी थे। जिन्होंने अपनी बीमारी का आवेदन दिया लेकिन बोर्ड के सामने नहीं आए।
सामान्य रोग को बताया गंभीर तो जांच में पकड़े गए
चुनाव ड्यूटी से भागने के लिए तरह तरह का बहाना बनाया गया। किसी ने बीपी तो किसी ने कंट्रोल से बाहर मधुमेह के बारे में बताया। किसी के शरीर में दर्द रहता था तो कोई मानसिक रूप से परेशानी की बात कह रहा था। ऐसे लोगों ने पूरी तरह से तैयारी किया था। डाक्टर का पर्चा भी दिखाया। लेकिन बोर्ड ने जांच किया तो रोग सामान्य निकला।
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