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    'मैडम माया' ने बढ़ाई BJP की टेंशन... लोग कहते हैं इनको मिली 21 तोपों की सलामी, पढ़ें बिहार चुनाव की चटपटी खबरें

    By Kaushal Kishore Mishra Edited By: Alok Shahi
    Updated: Thu, 16 Oct 2025 07:40 PM (IST)

    BJP Candidate List 2025, Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए भाजपा ने सभी 101 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। इसके साथ ही एक अनार सौ बीमार वाली कहावत चरितार्थ होने लगी है। जिसको देखो वही अपने को सबसे बड़ा दावेदार बताकर मुंह फूलाने लगा है। कुछ तो ऐसे रुठे हैं, जो मनाने को कतई तैयार नहीं। बिहार चुनाव में टिकट बंटवारे का घमासान भाजपा की भागलपुर इकाई में खुलकर देखने को मिल रही है। यहां सोशल मीडिया से लेकर चौक-चौराहे तक मैडम माया की चर्चा लोग-बाग कर रहे।

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    BJP Candidate List 2025, Bihar Election 2025: चुनावी रण में इस बार की गणित से भयभीत धुरंधर रास्ते का कील-कांटा हटाने में लगे हैं।

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। BJP Candidate List 2025, Bihar Election 2025 न काहू से प्रीति, न काहू से बैर। कबीरा खड़ा बाजार में, सबकी मांगे खैर... इस तरह के विचार वाले दिन अब लौटने से रहे। बिहार के चुनावी रण में इस बार की गणित से भयभीत भागलपुर के अजेय-अजीत एक धुरंधर ने अपनी हसरत पूरी करने के लिए रास्ते के कील-कांटे हटाने को तुरुप का पत्ता फेंक दिया है। ऐसी ही रणनीति के साथ कमल के फूल की राह में कांटे बिछाने को मैडम माया को 21 तोपों की सलामी दी गई है। पहले से रण में कूदने को आतुर मैडम माया ने हालांकि अंदर ही अंदर इस तरह की तैयारी कर रखी थी कि हम नहीं तो वो लेकिन किसी के पक्ष में सिंबल लेकर ही दम लेना है। लेकिन अंदरखाने में चल रहे जुगाड़ और जमीनी ताकत की जानकारी आलाकमान को जब मिली तो हम ना वो किसी को पार्टी ने बिहार चुनाव 2025 के लिए हरी झंडी नहीं दी।

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    इधर हाथ वाले अजेय ने चुनावी रण में कील-कांटे दुरुस्त कर अपनी हसरत पूरी करने को मैडम माया की दुखती रग पर हाथ रख दी है। इसके लिए मैडम माया की चुनावी रण में मजबूती के लिए 21 तोपों की सलामी दे दी है। अब ऐसी चर्चा कई दिनों से जोरों पर है। अब इसकी सच्चाई जो हो लेकिन लोगों की जुबां पर यह बात तेजी से फैल चुकी है। इधर मैडम माया के ठिकाने से चुनावी रण में हरी झंडी से सामने आने वाले मैडम माया को कोप भवन से निकालने को शिष्टाचार मुलाकात को जाने लगे।

    यह सिलसिला घर-बिरादर वाले की चौखट पर भी जा रहे हैं। लोगों को पहले के रण में जरा सी चूक से रणभूमि में चित हुए एक बेटे-साथी-भाई के लिए उस चूक को खत्म करने की सारी जुगत लगा रहे हैं। मैडम माया को 21 तोपों की सलामी देने वाले अब अपने खास-खुलास लोगों को चौकसी में मैडम माया के इर्दगिर्द लगा दिया है ताकि उन्हें कोप भवन से निकालने की जुगत में लगे लोगों की मंशा पूरी ना हो सके।

    जमीन ने रोका विजय रथ, नहीं मिला तीसरी बार अमर वरदान

    भागलपुर : रेशम नगरी की एक सीट पर चुनावी रण में कूदने की तैयारी लंबे समय से कर रहे एक प्रत्याशी के विजय रथ को उसके उस करीबी ने रोक दी जिसके लिए वह कई कुर्बानियां दे चुका था। कुर्बानी, धनबल, शारीरिक बल से लैस उस युवा समाजसेवी ने उसकी खातिर एक माह का कैंप कर जिसकी विजय गाथा में हिस्सेदारी निभाई थी। उसी अपने ने फल वाली दसलखिया बगिया के फेर में मुंह फेर लिया। मुंह भी ऐसा फेरा कि उसी इलाके के चक्रवर्ती को अपने आलाकमान तक पहुंचा कर ऐसी सेटिंग कर दी कि विजय पथ पर आगे जाने को कई कुर्बानियां देने वाले समाजसेवी का विजय रथ ही रोक दिया।

    अब चर्चा का बाजार गर्म कि दिन-रात जिसकी माला समाजसेवी जप रहे थे, आखिर कौन सी परिस्थिति आन पड़ी कि अचानक उसने मुंह ही फेर लिया। तब चर्चा में यह बात आम हो गई कि जिसके लिए वह कुर्बानी देता रहा वह तो वक्त से यारी का शौकीन रहा है। माला जपने वाली कतार में समाजसेवी से ज्यादा वजन वाला सामने आ गया तो पुराने से मुंह फेर लिया। इसके पीछे भी यह चर्चा है कि दस लखिया बगिया की चाहत में अंदर ही अंदर मोहरा बदल लिया गया।

    अचानक अवतरित हुए नेता ने वक्त से यारी बदलने के शौकीन नेता के सामने अपना वजन क्या बढ़ा दिया कुर्बानी देने वाले समाजसेवी की वाट ही लगा दी। यह भी चर्चा है कि नये अवतरित नेता की सीधी पहुंच आलाकमान तक पहुंचाने में भी बड़ा खेल हुआ है। अपनों से चोट खाए बेचारे समाजसेवी का जख्म हरा है। उस हरे जख्म के सहारे नये अवतरित नेता की राह में कील-कांटे बिछाने की तैयारी की जाने लगी है। हालांकि समाजसेवी का निशाना नये अवतरित नेता पर नहीं बल्कि उसकी राह रोक उस अपने की साख पर बट्टा लगाने की है जिसने उसे बीच मझधार में छोड़ दिया।

    उधर दो बार चुनावी रण में दमदार ताकत प्रदर्शित करने वाले एक नेता तीसरी बार अमर वरदान नहीं मिलने से काफी मर्माहत हैं। आलाकमान तक वह अपनी बात रखने के लिए सत्ता में दूसरे नंबर वाले नेताजी से भी काफी प्रेशर दिलाया था। लेकिन दस लखिया बगिया की चाहत में नये अवतरित हुए नेता की सीधी पहुंच बनाने वाले ने इस नेता को तीसरी बार अमर वरदान मिलने से रोक दिया। अब वह भी गुस्से में हैं कि उनकी आबादी भी ठीक-ठाक है, समय पर हैसियत दिखाकर ही दम लेंगे।