Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Chandra Grahan 2025 Time, Date: 7 सितंबर, चंद्र ग्रहण पर क्या करें, क्या न करें... चंद्रग्रहण पर इन बातों का रखें खास ध्यान, देखें अपनी राशि पर प्रभाव

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 01:35 AM (IST)

    Chandra Grahan 2025 September India 7 सितंबर रविवार को चंद्र ग्रहण 2025 लगने जा रहा है। चंद्र ग्रहण 2025 को धार्मिक तौर पर मानव जीवन के लिए कुछ हद तक अशुभ माना जाता है। यहां विस्तार से जानें 7 सितंबर रविवार को लग रहे चंद्र ग्रहण 2025 का समय और सूतक काल के बारे में... इस बार पूर्णिमा पर लग रहा चंद्र ग्रहण 2025। Bhado Purnima 2025 Pitru Paksha 2025

    Hero Image
    Chandra Grahan 2025 September India: आसमान में दिखेगा ब्लड मून, चंद्रग्रहण 2025, 7 सितंबर, रविवार को लगने जा रहा है।

    ललन तिवारी, भागलपुर। Chandra Grahan 2025, Lunar Eclipse 2025, Chandra Grahan Kab Hai चंद्र ग्रहण 2025 के दौरान 7 सितंबर की रात आसमान में अद्भुत खगोलीय नजारा दिखेगा। भाद्रपद पूर्णिमा पर साल का दूसरा और आखिरी चंद्रग्रहण 2025 लगेगा। खग्रास यानी Chandra Grahan 2025 पूर्ण चंद्र ग्रहण 2025 के दौरान चांद की सूरत लालिमा लिए नजर आएगी, जिसे ब्लड मून कहा जाता है। भारत सहित एशिया, यूरोप, अफ्रीका और आस्ट्रेलिया के कई हिस्सों में यह दृश्य साफ दिखाई देगा। चंद्र ग्रहण 2025, 7 सितंबर रविवार की रात से शुरू होकर 8 सितंबर सोमवार को तड़के समाप्त होगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चंद्र ग्रहण 2025 का स्पर्श, मध्य और मोक्ष काल का समय (Chandra Grahan 2025 Timings In India)

    • स्पर्श (आरंभ) : रात 9:57 बजे
    • मध्य (पूर्ण अवस्था) : रात 11:41 बजे
    • मोक्ष (समापन) : तड़के 1:27 बजे

    चंद्र ग्रहण 2025 : दोपहर 12:57 बजे से शुरू होगा सूतक काल (Lunar Eclipse 2025)

    चंद्र ग्रहण 2025 का सूतक काल नौ घंटा पहले रविवार दोपहर 12:57 बजे से शुरू हो जाएगा और समापन तक प्रभावी रहेगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार यह ग्रहण शतभिषा नक्षत्र और कुंभ राशि में लग रहा है। ऐसे जातकों को चंद्रग्रहण 2025 का दर्शन नहीं करना चाहिए, इसे अशुभ माना गया है।

    यह भी पढ़ें : Chandra Grahan 2025 India Time: चंद्र ग्रहण कब, कितने बजे दिखेगा, किस समय से लगेगा सूतक काल... किसको फायदा, किसको नुकसान

    चंद्र ग्रहण 2025 : देखें सूतक काल की ये वर्जनाएं (Chandra Grahan 2025 Visibility in India)

    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूतक काल और ग्रहण के दौरान कुछ कार्य निषिद्ध हैं। मंदिरों में प्रवेश और मूर्ति स्पर्श वर्जित है। भोजन करना, यात्रा करना और नैसर्गिक संबंध वर्जित किया गया है। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण का सीधा दर्शन नहीं करना चाहिए। 

    चंद्र ग्रहण 2025 : धारदार औजारों का प्रयोग न करें

    भागलपुर के बूढ़ानाथ मंदिर के पंडित चंद्रकांत झा उर्फ टून्नाबाबा ने बताया कि ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। ग्रहण की छाया गर्भस्थ शिशु पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। परंपरा के अनुसार पेट पर गाय के गोबर का पतला लेप लगाया जाता है।

    धारदार औजारों का प्रयोग और ग्रहण का प्रत्यक्ष दर्शन वर्जित है।

    चंद्र ग्रहण 2025 : जानें, ग्रहण काल में क्या करना चाहिए

    ज्योतिषाचार्य पंडित सचिन कुमार दूबे कहते हैं कि ग्रहण के दौरान आध्यात्मिक साधना, जप-तप, दान और मंत्र सिद्धि विशेष फलदायी माने जाते हैं। दूध, दही, घी, शक्कर आदि खाद्य पदार्थों में कुशा डालकर सुरक्षित करने की परंपरा है। ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान, भगवान का पूजन और दान-पुण्य करना अत्यंत शुभ माना जाता है। चंद्र ग्रहण 2025 का सभी 12 राशियों पर अलग-अलग प्रभाव देखने को मिलेगा।

    चंद्र ग्रहण 2025 : यहां देखें अपनी राशि पर प्रभाव

    1. मेष : लाभ
    2. वृष : सुख
    3. मिथुन : सुयश
    4. कर्क : कष्ट
    5. सिंह : स्त्री पीड़ा
    6. कन्या : सुख
    7. तुला : चिंता
    8. वृश्चिक : व्यथा
    9. धनु : धन लाभ
    10. मकर : क्षति
    11. कुंभ : घात
    12. मीन : हानि

    चंद्र ग्रहण 2025 : वैज्ञानिक दृष्टिकोण

    वैज्ञानिकों के अनुसार चंद्रग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है और उसकी छाया चंद्रमा पर पड़ती है। खग्रास स्थिति में चंद्रमा पूरी तरह छाया में आ जाता है और लालिमा लिए दिखता है। इसी को ब्लड मून कहा जाता है। धार्मिक मान्यताएं इसे शुभ-अशुभ से जोड़ती हैं, जबकि विज्ञान इसे केवल प्राकृतिक घटना मानता है।

    चंद्र ग्रहण 2025 : सामाजिक आस्था और परंपरा

    तिलकामांझी महावीर मंदिर के पंडित आनंद झा कहते हैं कि भागलपुर सहित मिथिलांचल और मगध क्षेत्र में लोग चंद्र ग्रहण के दौरान पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार पूजा-पाठ और जरूरी सावधानियां रखेंगे। इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। ग्रहण के बाद गंगा स्नान, मंत्र जप और दान-पुण्य कर लोग ग्रहण दोष से मुक्ति पाएंगे।

    comedy show banner
    comedy show banner