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    Chhath Geet, Chhath Puja Kab Hai: रुनकी झुनकी बेटी मांगीला... कल नहाय-खाय से छठ पूजा शुरू, ये छठ गीत हैं सबसे मंगलकारी

    By Hirshikesh Tiwari Edited By: Alok Shahi
    Updated: Fri, 24 Oct 2025 04:03 AM (IST)

    Chhath Geet, Chhath Puja: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा 25 अक्टूबर, शनिवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो रहा है। इस चार दिवसीय पर्व में सूर्य देव और छठी मइया की उपासना की जाती है। व्रती महिलाएं शुद्धता और सात्विकता का पालन करती हैं। घरों में पारंपरिक छठ गीत गूंज रहे हैं और वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। छठ पर्व श्रद्धा और अनुशासन का प्रतीक है।

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    Chhath Geet, Chhath Puja: लोक आस्था और सूर्योपासना का चार दिवसीय महापर्व छठ पूजा शनिवार से नहाय-खाय के साथ आरंभ होगा।

    संवाद सहयोगी, भागलपुर।  Chhath Geet, Chhath Puja लोक आस्था और सूर्योपासना का चार दिवसीय महापर्व छठ 25 अक्टूबर, शनिवार से नहाय-खाय के साथ Chhath Puja 2025 आरंभ हो रहा है। रविवार, 26 अक्टूबर को व्रती खरना का व्रत रखेंगे। सोमवार, 27 अक्टूबर को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाएगा और मंगलवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पर्व संपन्न होगा। Chhath Puja Kab Hai

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    तिलकामांझी महावीर मंदिर के पंडित आनंद झा ने बताया कि Chhath 2025 छठ व्रत में शुद्धता और सात्विकता की प्रधानता होती है। Chhath Puja Story सूर्य देव की उपासना करने से शारीरिक और मानसिक कष्टों का निवारण होता है। व्रती नहाय-खाय से ही अपने शरीर, मन और आत्मा को शुद्ध कर व्रत की शुरुआत करते हैं। इस दिन व्रती अरवा चावल, चने की दाल, सेंधा नमक और कद्दू की सब्जी का भोजन ग्रहण करते हैं। Chhath Puja Date 2025

    कद्दू को शुद्ध और सुपाच्य माना गया है, जो व्रती को ऊर्जा प्रदान करता है। व्रती महिलाएं गंगा स्नान कर लकड़ी के चूल्हे पर मिट्टी के बर्तनों में भोजन बनाती हैं, ताकि किसी प्रकार की अशुद्धि न रहे। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक अब वातावरण पूरी तरह छठमय हो गया है। Chhath Puja Geet

    शहर के गली-मोहल्लों में कांची के बांस बंगही, बंगही लचकत जाय, चार हो कोना के पोखरिया, जल उमड़ल जाय जैसे पारंपरिक गीतों की गूंज सुनाई दे रही है। जिन घरों में छठ पर्व होता है, वहां का माहौल पूरी तरह भक्ति और उल्लास से भरा है। एक ओर महिलाएं गेहूं सुखा रही हैं, तो दूसरी ओर गीतों की स्वर-लहरियां वातावरण को पवित्र बना रही हैं। Chhath Kab Hai

    परवैतीन (व्रती महिलाओं) के घर देर रात तक छठ गीत गूंज रहे हैं। पहिले पहिल छठी मइया, उग हे सुरुज देव, हे छठी मइया, पटना के घाट पर, कांच ही बांस के बहंगिया, रुनकी-झुनकी बेटी मांगीला, केलवा के पात पर उगे लन सुरुज देव और हे दीनानाथ जैसे छठ गीत अभी से ही अर्घ्य अपर्ण का अहसास करा रहे हैं। Chhath Puja Song, Chhath Ke Geet

    सामान की खरीदारी से लेकर प्रसाद तैयार करने तक हर कार्य में अत्यधिक सावधानी और शुद्धता बरती जा रही है। छठ व्रत के कई ऐसे श्रद्धालु हैं जिनकी कामना पूर्ण होती है, वे श्रद्धा के साथ घर से घाट तक दंडवत करते हुए पहुंचते हैं। इस दृढ़ आस्था और अनुशासन ने छठ को केवल पर्व नहीं, बल्कि जन-जन की आध्यात्मिक पहचान बना दिया है। Chhath Puja 2025 Kab Hai