छठ का प्रसाद सेहत का खजाना, ठेकुआ से लेकर नारियल तक देता है कई रोगों से राहत
छठ पूजा, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश का महत्वपूर्ण पर्व है। इसमें सूर्य देव और छठी मैया की आराधना की जाती है। ठेकुआ, नारियल जैसे पारंपरिक प्रसाद बनाए जाते हैं, जो धार्मिक होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होते हैं। ये प्रसाद शरीर को ऊर्जा देते हैं और कई रोगों से राहत दिलाते हैं।

ठेकुआ में छिपा है सेहत के कई राज। सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, भागलपुर। आस्था का चारदिवसीय महापर्व छठ पूर्व शनिवार से आरंभ हो रहा है। धार्मिक आस्था के साथ-साथ यह पर्व सेहत के दृष्टिकोण से भी बेहद लाभदायक है। विशेषज्ञों और पंडितों का मानना है कि छठ का प्रसाद सिर्फ पूजा का हिस्सा नहीं बल्कि स्वास्थ्य का अमृत है, जो शरीर को कई रोगों से दूर रखता है।
तिलकामांझी महावीर मंदिर के पंडित आनंद झा ने बताया कि छठ में चढ़ाया जाने वाला प्रसाद शरीर के लिए फायदेमंद होता है। पूजा में प्रसाद के रूप में केले का पूरा गुच्छा चढ़ाया जाता है।
सर्दियों में बच्चों को गैस और पेट संबंधी दिक्कतें होती हैं, ऐसे में केला उनके लिए लाभदायक है। उन्होंने कहा कि सूर्य की कृपा से ही फसल उत्पन्न होती है, इसलिए छठ में सूर्य को नई फसल का प्रसाद चढ़ाया जाता है।
इसमें गन्ना, नारियल, ठेकुआ और आंवला प्रमुख रूप से शामिल होते हैं। गन्ने का रस शरीर को ऊर्जा देता है, जबकि नारियल में मौजूद पौष्टिक तत्व इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं और सर्दी-जुकाम से बचाते हैं। ठेकुआ, जो गुड़ और आटे से बनाया जाता है, ठंड के मौसम में शरीर को गर्मी देता है और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।
वहीं संकट मोचन दरबार के पंडित चंद्रशेखर झा ने बताया कि प्रसाद में आंवला और हल्दी भी चढ़ाई जाती है। आंवला बीपी और डायबिटीज के मरीजों के लिए उपयोगी है, जबकि हल्दी प्राकृतिक एंटीबायोटिक का कार्य करती है। वहीं जगन्नाथ मंदिर के पंडित सौरभ कुमार मिश्रा ने कहा कि डाभ और नींबू का सेवन बदलते मौसम में शरीर को बीमारियों से लड़ने की क्षमता देता है।
हर फल की अपनी खासियत
फिजिशियन डॉ. विनय कुमार झा ने बताया कि छठ के दौरान चढ़ाया जाने वाला हर फल अपनी खासियत रखता है। सिंघाड़ा शरीर में पानी की कमी नहीं होने देता, जबकि नारियल पानी विटामिन, मिनरल्स और एंटीआक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो शरीर को स्वस्थ रखता है।

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