Swadesh Darshan Yojana: इन शहरों में होगा जैन तीर्थंकर परिपथ का विकास, बिहार पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
स्वदेश दर्शन योजना के तहत वैशाली आरा पटना राजगीर पावापुरी और चंपापुरी तीर्थंकर परिपथ विकसित किया जाएगा। इस परियोजना पर 33.96 करोड़ रुपये की लागत आएगी। सांसद अजय कुमार मंडल ने भागलपुर के मंदिरों को पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा देने का मुद्दा उठाया था। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों को केंद्र सहयोग करेगा।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। स्वदेश दर्शन योजना के तहत वैशाली,आरा,पटना,राजगीर,पावापुरी,चंपापुरी तीर्थंकर परिपथ का निर्माण होगा। इस योजना के माध्यम से इन धार्मिक स्थलों को विकसित किया जाएगा। इस परिपथ का निर्माण केंद्र सरकार कराएगी।
इस परियोजना पर 33.96 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इनमें वैशाली में जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्मस्थल, आरा में जैन धर्म से संबंधित कुछ प्राचीन स्थल, पटना में कुछ ऐतिहासिक व जैन धर्म से जुड़े कुछ स्थल, राजगीर में जैन धर्म के कई तीर्थंकरों की तपोभूमि, पावापुरी में भगवान महावीर का निर्वाण स्थल तथा चंपापुरी में जैन धर्म के 12वें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य की पंच क्ल्याणक (गर्भ, जन्म, दीक्षा, ज्ञान और मोक्ष) भूमि है।
भ्रमणशील होने के कारण इनके अलावा ऐसे कोई तीर्थंकर नहीं हैं, जिनके पांचों कल्याणक एक ही स्थान पर हुए हों। भगवान महावीर यहां तीन बार आए थे। मुनि बनने से पूर्व यहां की राजकुमारी चंदनबाला के हाथों उन्हें यहीं पथ्य मिलने के कारण भी जैन धर्मावलंबियों के बीच यह विशिष्ट सिद्धक्षेत्र माना जाता है।
जानकारी के अनुसार, सांसद अजय कुमार मंडल द्वारा भागलपुर सहित बिहार के जैन मंदिरों को पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा देने संबंधी प्रश्न लोकसभा में उठाया गया था।
सांसद ने सदन में बिहार के भागलपुर जिले के प्रमुख धार्मिक स्थलों चंपानगर, बूढ़ानाथ और बटेश्वर स्थान आदि मंदिरों को राष्ट्रीय पर्यटन स्थल घोषित करने तथा इनके ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक महत्व को ध्यान में रखते हुए पर्यटन विकास योजनाओं में शामिल करने का मुद्दा भी उठाया था।
इस प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने स्पष्ट किया कि पर्यटक स्थलों का विकास एवं संवर्द्धन मुख्यतः राज्य सरकार व केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन द्वारा किया जाता है। केंद्र सरकार विभिन्न योजनाओं एवं पहलों के माध्यम से उनके प्रयासों को सहयोग प्रदान करती है।
वर्तमान में पर्यटन मंत्रालय के पास भागलपुर के चंपानगर, बूढ़ानाथ एवं बटेश्वर स्थान मंदिरों के विकास के लिए कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है, लेकिन मंत्रालय ने बिहार में पर्यटन विकास संबंधी अनेक परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की है।
इनमें पटना साहिब का विकास 29.62 करोड़, अम्बिका भवानी मंदिर सारण 13.29 करोड़, वैशाली–आरा–पटना–राजगीर–पावापुरी–चंपापुरी तीर्थंकर परिपथ 33.96 करोड़, सुल्तानगंज–देवघर कांवरिया मार्ग 44.76 करोड़, बोधगया में बौद्ध ध्यान एवं अनुभव केंद्र 165.44 करोड़ जैसी कई योजनाएं शामिल हैं।
सांसद अजय मंडल ने कहा कि भागलपुर के इन प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिरों का संपूर्ण राज्य व देश के लिए खासा महत्व है। इसलिए ये सांस्कृतिक एवं धार्मिक केंद्र संपूर्ण देश के लिए अत्यंत मूल्यवान हैं। सांसद ने विश्वास व्यक्त किया कि आगामी योजनाओं में इन स्थलों को भी प्राथमिकता मिलेगी और पर्यटन के मानचित्र पर भागलपुर की और अधिक सशक्त पहचान विकसित होगी।
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