भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में खुलेगा इनक्यूबेशन एक्सटेंशन सेंटर, IIT पटना से हुआ एमओयू
भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में जल्द ही इनक्यूबेशन एक्सटेंशन सेंटर खुलेगा। इसके लिए कॉलेज ने आईआईटी पटना के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर कि ...और पढ़ें
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फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, भागलपुर। भागलपुर इंजीनियरिंग शिक्षा और स्टार्टअप ईकोसिस्टम के लिए यह बड़ा कदम माना जा रहा है। भागलपुर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (बीसीई) और आईआईटी पटना के इनक्यूबेशन सेंटर के बीच सोमवार को एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया गया।
एमओयू के तहत बीसीई परिसर में रीजनल आईआईटी इनक्यूबेशन एक्सटेंशन सेंटर स्थापित किया जाएगा, जिसे पूरे पूर्वी बिहार के नवप्रवर्तकों के लिए मील का पत्थर माना जा रहा है।
एमओयू पर बीसीई के प्राचार्य डॉ. राजकिशोर तुगनायत और आइआइटी पटना की ओर से डॉ. सुधीर ने हस्ताक्षर किए। इस दौरान बिहार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के निदेशक अहमद महमूद भी मौजूद रहे।
अधिकारियों ने इस साझेदारी को क्षेत्र में तकनीकी क्षमता बढ़ाने, युवाओं को बेहतर प्लेटफार्म देने और नवाचार संस्कृति को मजबूती प्रदान करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया।
नवाचार को तराश कर बनाया जाएगा योग्य
बीसीई में स्थापित होने वाला नया इनक्यूबेशन एक्सटेंशन सेंटर पूर्वी बिहार के छात्रों, नवप्रवर्तकों और युवा उद्यमियों के लिए कई सुविधाएं उपलब्ध कराएगा। जैसे उन्नत प्रोटोटाइपिंग और तकनीकी प्रयोगशालाएं, अत्याधुनिक कोवर्किंग स्पेस, राष्ट्रीय स्तर के अनुभवी मेंटर्स से सीधे जुड़ने का अवसर, बिजनेस मॉडल डेवलपमेंट में विशेषज्ञ की मदद, मार्केट लिंकज और निवेशक नेटवर्क तक पहुंच।
आइडिया जनरेशन से लेकर स्टार्टअप लॉन्च और स्केलिंग तक हर चरण में तकनीकी व रणनीतिक सहयोग। अधिकारियों के अनुसार यह केंद्र न केवल बीसीइ के छात्रों बल्कि भागलपुर, मुंगेर, बांका, गोड्डा और आसपास के जिलों के टेक-इनोवेटर्स के लिए भी फायदेमंद साबित होगा।
एमओयू से खुलेगा संभावनाओं की नई राह
आईआईटी पटना के साथ यह एमओयू बीसीइ के लिए नई संभावनाओं का दरवाजा खोलता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अब क्षेत्र के युवाओं को बड़े शहरों या महानगरों की ओर नहीं जाना पड़ेगा। उन्हें यहीं भागलपुर में राष्ट्रीय स्तर की तकनीकी और स्टार्टअप सुविधाएं मिल सकेंगी।
इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। बीसीइ प्रशासन का कहना है कि आने वाले महीनों में सेंटर को पूर्णत: सक्रिय करने की दिशा में कार्य तेजी से शुरू किया जाएगा। उम्मीद है कि अगले वर्ष से यहां आइडिया-टू-स्टार्टअप प्रोग्राम, फंडिंग पिचेज, टेक्नोलॉजी शोकेस और विभिन्न नवाचार कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।

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