पान में छिपा है सेहत का राज, शोध में सामने आई अहम सच्चाई; कैंसर से लड़ने में कारगर साबित
भागलपुर से पान के पत्ते जो अपने स्वाद और शौक के लिए जाने जाते हैं अब अपने स्वास्थ्य लाभों के लिए पहचान हासिल कर रहे हैं। बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के शोधकर्ताओं ने पाया है कि पान के पत्तों में कैंसर से लड़ने वाले यौगिक होते हैं खासकर मगही पान में। यह खोज किसानों के लिए आर्थिक अवसर खोलती है और चिकित्सा क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान कर सकती है।

ललन तिवारी, भागलपुर। आमतौर पर परंपरा, स्वाद और शौक से जुड़ा पान अब स्वास्थ्य और विज्ञान की दृष्टि से भी बड़ी पहचान बनाने जा रहा है। बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के वैज्ञानिकों द्वारा हाल ही में किए गए एक शोध में पता चला है कि पान के पत्तों में कैंसर से लड़ने वाले यौगिक मौजूद होते हैं।
खास बात यह है कि इन यौगिकों की सबसे अधिक मात्रा मगही पान में पाई गई है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो शरीर को सूजन, संक्रमण और कई गंभीर बीमारियों से बचाने में मददगार हैं।
बीएयू की खोज
बिहार कृषि विश्वविद्यालय के पीआरओ डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि वैज्ञानिकों की टीम ने पान की पाँच किस्मों - कलकत्ता पान, देसी पान, मगही पान, बांग्ला पान और मीठा पान पर गहन अध्ययन शुरू किया था। इस दौरान यह स्पष्ट हुआ कि मगही पान में सबसे अधिक औषधीय गुण होते हैं। इसमें पाए जाने वाले यौगिक कैंसर से लड़ने में मददगार होते हैं।
शोधकर्ताओं ने पाया कि मगही पान में टैनिन, प्रोपेन, एल्कलॉइड, फिनाइल जैसे पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं। साथ ही, इसमें मौजूद कैंसर-रोधी और सूजन-रोधी यौगिक शरीर को संक्रमण से बचाने, दांतों और हड्डियों को मज़बूत बनाने और सूजन कम करने में अहम भूमिका निभाते हैं। इतना ही नहीं, इसका सेवन दांत दर्द और जीवाणु संक्रमण में भी राहत दिलाने वाला साबित हो सकता है।
किसानों के लिए भी नया अवसर
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह खोज न केवल स्वास्थ्य की दृष्टि से, बल्कि किसानों की आर्थिक उन्नति के लिए भी मील का पत्थर साबित हो सकती है। अगर मगही पान को औषधीय महत्व के साथ बड़े पैमाने पर बाज़ार में उतारा जाए, तो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसकी माँग तेज़ी से बढ़ सकती है। इसका सीधा फ़ायदा किसानों को होगा और क्षेत्रीय कृषि को एक नई दिशा मिल सकती है।
मगही पान पर किया गया यह शोध बेहद कारगर है। इसमें पाए जाने वाले कैंसर-रोधी यौगिक चिकित्सा विज्ञान के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। यह किसानों के लिए भी वरदान है, क्योंकि औषधीय पान की खेती उनके लिए आय का एक नया स्रोत बन सकती है।
- डॉ. डी. आर. सिंह, कुलपति, बीएयू सबौर
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