भोजपुर के बूथों पर सांस्कृतिक महोत्सव, धान के कटोरे से स्वतंत्रता संग्राम की दिखी झलक
भोजपुर के मतदान केंद्रों पर सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन किया गया। इस महोत्सव में स्थानीय कला, संस्कृति और स्वतंत्रता संग्राम की झलक देखने को मिली। कार्यक्रमों में भोजपुर की कृषि समृद्धि को भी दर्शाया गया, जिससे मतदाताओं में उत्साह का संचार हुआ।

लोकतंत्र के त्योहार में भाेजपुर के संस्कृति के दिखे विविध झलक। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, आरा। भोजपुर जिले में गुरुवार को विधान सभा चुनाव को लोकतंत्र के उत्सव के रूप में मनाया गया। कई मतदान केंद्रों पर जिले के संस्कृति के विविध रंग दिखे। लोकतंत्र के आंगन में जनता का विश्वास आस्था बनकर सकार हुआ।
बीते छठ पूजा में जिस तरह से सरोवर के घाटों को सूर्य के अर्ध्य के लिए सजाया गया था, उससे कही अधिक मतदान के लिए मतदान केंद्रों को सजाया गया था। लोकतंत्र के प्रति आस्था और विश्वास के साथ जिले भर में शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हुआ।
यह भोजपुर जिले की सांस्कृतिक विरासत रही है। जिले के आदर्श मतदान केंद्रों पर भोजपुर जिले के सांस्कृतिक विरासत की झलक दिख रही थी। प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन के नायक बाबू कुंवर सिंह के तेगवा बहादुर की छवि को सजाया गया था।
पशुपालन अस्पताल परिसर में बाबू कुंवर सिंह का घोड़े पर सवार होकर हवा में तलवार लहराते कटआउट लगाया था। इससे लोकतंत्र के रक्षक होने का संकेत मिल रहा था। धान के कटोरा के रूप में पहचान बनाने वाले किसानों का कट आउट उसकी फसलों के साथ किया गया था।
सोन नद और गंगा के किनारे अपनी बसे भोजपुर जिले के ग्राम्य जीवन के विविध रूपों को कई केंद्रों पर बनाया गया था। मतदान केंद्रों की भव्य व दिव्य रूपों में सजाया गया था।
अंग्रेजी हुकूमत के वर्षों की गुलामी से मुक्ति के लिए पहला आमजनता के सहयोग से आंदोलन करने वाले बाबू कुंवर सिंह को अधिकांश मतदान केंद्रों पर पहली बार शामिल किया गया।
महत्मा बुद्ध के कटआउट को योग करते दर्शाया गया, जिसके साथ जमीन पर रंगोली के बीच ध्यान से मिलती है शक्ति, मतदान है आपकी सच्ची अभिव्यक्ति जैसे नारे लिखे गये थे।
भोजपुर है धान का कटोरा नामक शीर्षक के तहत जिले में धान उत्पादन का क्षेत्रफल 113841 हेक्टेयर, गेहूं 102958.1हेक्टेयर, मक्का 6950 हेक्टेयर, दलहनी 2000 हेक्टेयर आदि लिखा हुआ था।

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