43 मिनट के भाषण में PM मोदी: 15 बार जंगलराज और 4 बार बोला कट्टा, 2005 के पूर्व हुए जातीय हिंसा का जिक्र
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने 43 मिनट के भाषण में 'जंगलराज' शब्द का 15 बार और 'कट्टा' शब्द का 4 बार प्रयोग किया। उन्होंने 2005 से पहले बिहार में हुई जातीय हिंसा का भी उल्लेख किया, जिससे लोगों को पुराने दिनों की याद आ गई।

प्रधानमंत्री मोदी ने आरा में जनसभा के दौरान 15 बार जंगलराज व चार बार बोला कट्टा
जागरण संवाददाता, आरा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आरा की चुनावी सभा में रविवार को 43 मिनट के संबोधन में विशेष सावधानी बरतते हुए विकास के वादे के साथ 19 बार जंगल राज और चार बार कट्टा बोलकर लोगों को सावधान किया।
चुनावी सभा भोजपुरिया अंदाज में शुरू करने के साथ विकास के कर रहे वादों के साथ ही उन्होंने जंगलराज की याद दिलानी शुरू कर दी। बीच-बीच में जंगलराज जंगलराज बोलने के साथ लगभग 20 मिनट का भाषण पूरा होते ही जंगल राज बोलने के साथ उसके उदाहरण भी देने लगे।
स्थानीय जंगलराज के कारनामों से जुड़े हुए उन्होंने वर्ष 2004 में तरारी के अस्पताल में तैनात एक चिकित्सक के अपहरण की याद को ताजा कर दिया। उन्होंने बताया आम लोगों की सेवा करने वाले से ही सेवा शुल्क की वसूली होने लगी।
पीएम मोदी ने वर्ष 2005 के पहले भोजपुर समेत आसपास के जिलों में हुई जातीय दंगों में दलितों पिछड़ों को आग के हवाले किए जाने की घटना का विस्तार पूर्वक जिक्र किया। जंगलराज पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने उसे कल कारखाने और रोजगार बंद होने का जिम्मेदार बताते हुए रोहतास के डालमियानगर में चल रहे एशिया के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बंद होने की चर्चा की।
उन्होंने कहा कि जंगलराज का ही प्रमाण रहा कि डालमियानगर में चीनी, सीमेंट और कागज की फैक्ट्री बंद हो गई। बिहार से रोजगार और कल कारखाने सिमटने लगे। इसके लिए उन्होंने केवल कांग्रेस-राजद और लाल झंडा गैंग को जिम्मेदार बताया।
कांग्रेस पर हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री ने 1984 में आज ही के दिन दो नवंबर को सिखों के कत्लेआम की जिम्मेदार बताया। उन्होंने भोजपुरी में कहा कि जे खेत उजड़लख उहे अब बोआई के बात करत बा? ऐसा संभव नहीं है। निवेश व नौकरी केवल एनडीए से ही संभव है।

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