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    Cyber Crime: भोजपुर के डाक्‍टर से 19 लाख ठगी में दिल्‍ली से दो गिरफ्तार, बताया सरगना और बैंक अधि‍कारी का नाम

    By DEEPAK KUMAR SINGHEdited By: Vyas Chandra
    Updated: Sat, 25 Oct 2025 06:25 PM (IST)

    साइबर अपराध एक बढ़ती हुई समस्या है जिसमें फ़िशिंग, पहचान की चोरी और ऑनलाइन धोखाधड़ी शामिल हैं। अपराधी लोगों को धोखा देने के लिए ईमेल और संदेशों का उपयोग करते हैं। इससे बचने के लिए सतर्क रहें, मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें, और एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें। शिकार होने पर तुरंत पुलिस को रिपोर्ट करें।

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    साइबर ठगों के बारे में जानकारी देते डीएसपी स्‍नेह सेतु। जागरण

    जागरण संवाददाता, आरा। भोजपुर साइबर पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट के नाम पर एक डाक्टर से हुई 19 लाख रुपये की ठगी के बड़े मामले का पर्दाफाश किया है। इस मामले में साइबर थाना की टीम ने अंतरराज्यीय साइबर गैंग से जुड़े दो सदस्यों को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपितों की पहचान दिल्ली के आजादपुर लाल बाग निवासी दलीप कुमार और राणा प्रताप रोड, आदर्शनगर निवासी जिशान खान के रूप में हुई है। दोनों की गिरफ्तारी दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके से हो सकी। पुलिस ने उनके पास से दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं। इसकी जानकारी शनिवार को साइबर डीएसपी स्नेह सेतू ने दी।

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    कमीशन लेकर खाते में मंगवाते थे पैसे

    डीएसपी के अनुसार पकड़े गए दोनों आरोपित कमीशन पर खाते में पैसा मंगाते थे। बैंक के सीसीटीवी फुटेज में दोनों आरोपित बैंक से पैसा निकासी करते पाए गए है। पूछताछ में पकड़े गए सदस्यों ने अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। साथ ही मास्टर माइंड उपेन्द्र सिंह का नाम बताया है, जो अभी फरार है। फरार मास्टर माइंड मूलत: राजस्थान का रहने वाला है। वर्तमान में दिल्ली में ही रहता है। पुलिस को उसकी तलाश है। इस पूरे प्रकरण में एक बैंक के डिप्टी मैनेजर अविनाश की भी संलिप्तता सामने आई है, जो पैसा लेकर फ्राड खाता खुलवाने में मदद करता था।

    यह ठगी सदर अस्पताल, आरा में पदस्थापित चिकित्सक डा. राम निवास प्रसाद से की गई थी। 26 जून को उन्हें फर्जी एटीएस अधिकारी बनकर फोन किया गया था और बताया गया था कि पकड़े गए एक अपराधी के पास से उनका आधार कार्ड और मोबाइल नंबर बरामद हुआ है, जिसके आधार पर पुणे कोर्ट से उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है। डर और दबाव में आकर डाक्टर ने 19 लाख रुपये बताए गए बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए। बाद में उन्हें ठगी का एहसास हुआ था और उन्होंने एक जुलाई को साइबर थाना में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के बाद साइबर पुलिस ने तकनीकी जांच शुरू की। जांच में पता चला कि रकम महाराष्ट्र के नागपुर स्थित बैंक आफ महाराष्ट्र में नीतिन नरेंद्र नामक व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर की गई थी। उसके बाद यह राशि दिल्ली के दलीप कुमार और जिशान खान के खातों में सात-सात लाख रुपये के रूप में ट्रांसफर की गई थी।

    चेक से की गई थी ठगी के रुपये की निकासी

    पकड़े गए दोनों आरोपितों ने यह राशि चेक के जरिए निकाली थी। पुलिस ने बैंक के सीसीटीवी फुटेज से आरोपितों की पहचान की और दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके से दोनों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उन्होंने अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि वे मास्टरमाइंड उपेंद्र सिंह के लिए काम करते थे, जो मूल रूप से राजस्थान का रहने वाला है और वर्तमान में दिल्ली में रहता है। वह अब भी फरार है। टीम में इंस्पेक्टर राकेश रंजन, दारोगा गांधी नाथ पाठक व दाराेगा स्वाती कुमारी आदि शामिल थे। साइबर पुलिस ने दिल्ली में चार दिनों तक कैंप कर पूरे मामले का खुलासा किया है।