पुलिस लिखी गाड़ी से तेज प्रताप की रैली, पुलिस ने दर्ज की FIR, वाहन जब्ती की कार्रवाई शुरू
आरा में तेज प्रताप यादव की रैली में पुलिस के लोगो वाली बोलेरो के इस्तेमाल पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है। गड़हनी थाने में वाहन मालिक और अज्ञात चालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने वाहन को जब्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार, निजी वाहन पर पुलिस का लोगो लगाना अपराध है और ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी।

तेज प्रताप की रैली में पुलिस की गाड़ी
जागरण संवाददाता, आरा। जनशक्ति जनता दल के नेता एवं पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव की रैली में शामिल एक बोलेरो वाहन पर पुलिस का अधिकारिक (लोगो) चिन्ह लगा वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने के बाद पुलिस हरकत में आ गई है। इस पूरे मामले में दारोगा राजेश कुमार के बयान पर चुनाव संबंधी अपराध को लेकर गड़हनी थाना में वाहन स्वामी एवं अज्ञात चालक के खिलाफ सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी की गई है।
पुलिस ने बताया कि वाहन को जब्त करने की कार्रवाई भी की जा रही है और आगे की जांच जारी है। प्राथमिकी में आरोप है कि निजी बोलेरो वाहन पर पुलिस लिखा गया था और चेतावनी लाइट लगाई गई थी, जिससे यह सरकारी वाहन प्रतीत हो रहा था और इसका चुनाव प्रचार में उपयोग किया जा रहा था। यदि कोई व्यक्ति अपने कार्य को बढ़ाने या प्रभाव दिखाने के लिए सरकारी पहचान या शक्ति का झूठा प्रयोग करता है, तो यह अपराध माना जाता है।
बोलेरो पर चेतावनी लाइट लगी
पुलिस के अनुसार 18 अक्टूबर 2025 को प्रसारित वीडियो में पुलिस लिखी हुई एक बोलेरो पर चेतावनी लाइट लगी हुई दिखाई दे रही है। हालांकि, उपरोक्त वीडियो कहां का हैं, यह पता नहीं चल सका है।
बताया जा रहा है कि यह गाड़ी चुनाव प्रचार में उपयोग की जा रही थी। वीडियो में देखा जा रहा है कि पुलिस लिखी बोलेरो पर एक समर्थक पार्टी का टोपी लगाकर पीछे से चढ़ा हुआ है। रजिस्ट्रेशन नंबर की जांच के क्रम में पुलिस ने पाया कि उक्त बोलेरो वाहन निजी स्वामित्व वाला है।
निजी वाहन पर पुलिस का लोगो लगाना अपराध
इसके स्वामी प्रमोद कुमार यादव, निवासी लसाढ़ी, थाना गड़हनी, जिला भोजपुर बताए गए हैं। वाहन स्वामी का मोबाइल नंबर भी पुलिस को प्राप्त हुआ है।
पुलिस के अनुसार, निजी वाहन पर पुलिस का लोगो और चेतावनी लाइट लगाना गंभीर व संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है। इससे न केवल लोगों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती है, बल्कि यह कानून-व्यवस्था के लिए भी खतरा बन सकता है।
भोजपुर पुलिस अधीक्षक राज की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया जाएगा। कोई भी व्यक्ति या संगठन निजी वाहन पर पुलिस या किसी अन्य सरकारी पहचान चिन्ह का उपयोग नहीं कर सकता। ऐसा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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