Updated: Sun, 01 Dec 2024 11:47 AM (IST)
बक्सर में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है जिससे लोग चिंतित हैं। शहर का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 250 के आसपास दर्ज किया जा रहा है जो खराब की श्रेणी में आता है। शनिवार को राज्य के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में हाजीपुर के बाद बक्सर का ही नंबर रहा। धूलकणों का बड़ा योगदान है हवा की गुणवत्ता बिगाड़ने में।
शुभ नारायण पाठक, बक्सर। ठंड का असर बढ़ते ही उत्तर भारत से होते हुए पाकिस्तान के मैदानी इलाकों तक हवा का हाल खराब हो गया है। देश की राजधानी दिल्ली सहित कई बड़े शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने से लोग चिंता में हैं। अगर अपने जिले बक्सर की बात करें, तो यहां का हाल भी बहुत अच्छा नहीं है।
विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बीते कई दिनों से यहां का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 250 के आसपास दर्ज किया जा रहा है। शनिवार को राज्य के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में हाजीपुर के बाद बक्सर का ही नंबर रहा।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड प्रतिदिन शाम चार बजे प्रमुख शहरों के लिए बीते 24 घंटे के एक्यूआई का औसत जारी करता है। शनिवार को जारी इस रिपोर्ट में बक्सर का एक्यूआई 247 दर्ज किया गया है। यह खराब की श्रेणी में है। इस सूची में देश के 255 शहरों के एक्यूआई की रिपोर्ट को शामिल किया गया है।
अगर दूसरे शहरों से तुलना करें तो बगल के शहर वाराणसी में केवल 78 एक्यूआई दर्ज किया गया है, जो संतोषजनक है। सिवान में 107, सासाराम में 160, राजगीर में 87, प्रयागराज में 121, पटना में 182, नोएडा में 258, मुजफ्फरपुर में 234, मोतिहारी में 128, हाजीपुर में 316, गया में 129, दिल्ली 346, औरंगाबाद में 178, बेतिया 121 और आरा में 125 एक्यूआई इस दौरान दर्ज किया गया है।
इस तरह केवल एक हाजीपुर को छोड़ दें, तो बिहार के तमाम बड़े शहरों की अपेक्षा बक्सर की हवा का हाल अधिक खराब है।
अलसुबह भी हवा का हाल सही नहीं
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाइट पर हवा की गुणवत्ता का रियल टाइम हाल प्रदर्शित किया जाता है। हमने बीते 24 घंटे के लिए इसकी पड़ताल की, तो पाया कि इस दौरान एक मिनट के लिए भी एक्यूआई का स्तर 180 से कम नहीं हुआ। यह भी खराब की श्रेणी में ही आता है।
यहां तक अलसुबह जब लोग खुली हवा में सांस लेते हुए टहलने के लिए निकलते हैं, तब भी एक्यूआई का स्तर 190 था। आधी रात को एक्यूआई का स्तर न्यूनतम रहा।
पूरे जिले का प्रतिनिधित्व नहीं करता एक्यूआई
दरअसल वायु गुणवत्ता मापने के लिए कुछ चिह्नित स्थानों पर विशेष उपकरण लगाए गए हैं, जो इसकी 24 घंटे वास्तविक समय में निगरानी करते रहते हैं। इनका आंकड़ा दूरसंचार माध्यमों से वास्तविक समय में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को मिलता है और उसे लगातार वेबसाइट पर भी प्रदर्शित किया जाता है।
इसे आप कहीं से भी देख सकते हैं। लेकिन एक बात जानने योग्य है कि किसी खास शहर के लिए एक्यूआई स्तर पूरे शहर या पूरे जिले का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। बड़े शहरों में ऐसे एक से अधिक स्थानों पर उपकरणों के जरिए आंकड़ा संग्रह कर सभी का औसत लिया जाता है।
बक्सर में यह उपकरण चरित्रवन स्थित बिजली कंपनी के कार्यालय में लगा है। इसलिए यह संभव है कि सड़क और आबादी से दूर ग्रामीण अंचलों में हवा का हाल बेहतर होगा। वहीं गोलंबर, रेलवे स्टेशन और आइटीआइ रोड में हवा का हाल इससे अधिक बुरा होने की संभावना है।
धूलकण बिगाड़ रहे हवा की गुणवत्ता बक्सर में हवा की गुणवत्ता बिगाड़ने में धूलकणों का बड़ा योगदान है। गंगा किनारे होने और आसपास के खेतों में चल रही फसल कटाई से इसपर असर पड़ता है। साथ ही टूटी सड़कों और फुटपाथ के अभाव के कारण भी शहर में धूल अधिक उड़ती है।
लचर सफाई व्यवस्था और शहरी कूड़े में आग लगाने की प्रवृति भी इसका बड़ा कारण है। शनिवार की शाम चार बजे यहां हवा में पीएम 2.5 यानी छोटे ठोस कणों की मात्रा 247, पीएम 10 यानी बड़े धूलकणों की मात्रा 150 दर्ज की गई।
बक्सर में घंटावार एक्यूआई का हाल
- शाम 04 बजे : 247
- दोपहर 12 बजे : 250
- सुबह 08 बजे : 230
- सुबह 04 बजे : 190
- रात 12 बजे : 185
- रात 08 बजे : 247
वायु प्रदूषण का बच्चों, बीमार और बुजुर्ग लोगों पर अधिक असर होता है। सांस के मरीजों पर इसका असर तुरंत दिखने लगता है। हृदय रोग के मरीजों को भी ऐसी हवा में अधिक सावधानी बरतनी चाहिए। प्रदूषित हवा से बचाव के लिए सही गुणवत्ता के मास्क का प्रयोग कुछ हद तक बचाव करता है। बेहतर होगा कि अगर हवा की हालत बहुत अधिक खराब है, तो ऐसे वातावरण में बाहर निकलने से परहेज करें। अगर स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या सामने आए, तो बिना देरी किए अपने चिकित्सक से संपर्क करें। - डॉ. महेंद्र प्रसाद, पूर्व जिला अध्यक्ष, आइएमए
यह भी पढ़ें-
वायु प्रदूषण से होता है स्ट्रोक का खतरा, देश में मौत का तीसरा सबसे बड़ा कारण; 18 लाख लोग पीड़ित
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।