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    बक्सर में सियासी हलचल तेज, कुर्सी गंवा बैठी मुख्य पार्षद सुनीता गुप्ता; इस मामले में हुई कार्रवाई

    डुमराव नगर परिषद की मुख्य पार्षद सुनीता गुप्ता को होल्डिंग टैक्स में गड़बड़ी के आरोप में राज्य निर्वाचन आयोग ने अयोग्य घोषित कर दिया। उनकी कुर्सी छिन गई और जश्न की तैयारी अधूरी रह गई। इस फैसले ने शहर को दो खेमों में बांट दिया है जहां समर्थक उदास हैं और विरोधी जश्न मना रहे हैं। अब नए चेयरमैन की तलाश शुरू हो गई है।

    By Anil Ojha Edited By: Piyush Pandey Updated: Sun, 08 Jun 2025 04:46 PM (IST)
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    जीत की दूसरी वर्षगांठ से पहले कुर्सी गंवा बैठी मुख्य पार्षद सुनीता गुप्ता।

    संवाद सहयोगी, डुमराव (बक्सर)। नगर परिषद की मुख्य पार्षद सुनीता गुप्ता की कुर्सी छिन गई, वह भी तब जब वह अपनी जीत की दूसरी वर्षगांठ मनाने की तैयारियों में जुटी थीं।

    11 जून 2023 को जनता द्वारा पहली बार चुनी गईं सुनीता 11 जून 2025 को अपनी जीत का दूसरा जश्न धूमधाम से मनाने और अपने दो साल के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड पेश करने की योजना बना रही थीं।

    लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग के एक फैसले ने उनकी सारी योजनाओं पर पानी फेर दिया। होल्डिंग टैक्स में गड़बड़ी के आरोप में आयोग ने सुनीता को अयोग्य करार देते हुए उन्हें मुख्य पार्षद पद से हटा दिया।

    इस फैसले ने डुमरांव की सियासत को हिला दिया है। सुनीता गुप्ता ने 27 जून 2023 को शपथ ग्रहण के बाद मुख्य पार्षद पद की विधिवत जिम्मेदारी ली थी।

    फैसले के बाद शहर में दो रंग

    शनिवार देर शाम बकरीद के अवकाश के बावजूद घोषित आयोग के फैसले ने डुमरांव को दो खेमों में बांट दिया। सुनीता गुप्ता और उनके समर्थकों में उदासी का माहौल है।

    उनके करीबी समर्थक रमेश यादव ने कहा कि सुनीता जी ने दो साल में डुमरांव के लिए कई विकास कार्य किए। यह फैसला उनके साथ अन्याय है। दूसरी ओर, विरोधियों ने इस फैसले को जीत की तरह लिया। देर रात तक शहर के कुछ हिस्सों में पटाखे फोड़े गए, और रविवार को चौराहों पर मिठाइयां बांटी गईं।

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    एक स्थानीय निवासी और सुनीता के विरोधी राजेश सिंह ने कहा कि नियम सबके लिए बराबर हैं। टैक्स चोरी को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

    आरोप और सुनवाई 

    पूर्व मुख्य पार्षद आशा देवी ने सुनीता पर आरोप लगाया था कि उन्होंने चुनाव से पहले कबाला ली गई जमीन का होल्डिंग टैक्स नहीं जमा किया और शपथ पत्र में संपत्ति की जानकारी छिपाई।

    आशा देवी का दावा था कि सुनीता ने करीब 10 लाख रुपये की टैक्स चोरी की। इस मामले की सुनवाई वाद संख्या 68/2023 के तहत राज्य निर्वाचन आयोग में चल रही थी।

    सुनीता ने बचाव में कहा कि उक्त जमीन उनके परिवार की संयुक्त संपत्ति है और इसका मामला कोर्ट में लंबित होने के कारण टैक्स जमा नहीं हो सका। लेकिन आयोग ने उनके तर्क को खारिज करते हुए उन्हें दोषी ठहराया।

    सुनीता का कार्यकाल और अधूरी योजनाएं 

    सुनीता गुप्ता ने अपने दो साल के कार्यकाल में डुमरांव के नवनिर्माण का वादा किया था। सड़क निर्माण, जल निकासी व्यवस्था और सफाई जैसे कार्यों में उन्होंने कई कदम उठाए थे।

    11 जून को वह अपने कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने पेश करने वाली थीं, जिसमें उनके द्वारा किए गए विकास कार्यों और भविष्य की योजनाओं का ब्योरा होना था। लेकिन आयोग के फैसले ने उनके इस सपने को चकनाचूर कर दिया।

    सियासी समीकरण और भविष्य 

    सुनीता की कुर्सी जाने के बाद मुख्य पार्षद की कुर्सी के लिए नई प्रक्रिया शुरू होगी। शहर में इस बात को लेकर चर्चाएं तेज हैं कि अगला चेयरमैन कौन होगा।

    कुछ लोग इसे स्थानीय प्रशासन में पारदर्शिता की जीत मान रहे हैं, तो कुछ इसे सियासी साजिश का हिस्सा बता रहे हैं। स्थानीय अजय मिश्रा के मुताबिक, यह फैसला डुमरांव की राजनीति में नए समीकरण बनाएगा। अगले चेयरमैन के लिए दावेदारी अभी से शुरू हो चुकी है।