Bihar News: दो कमरों में दो स्कूल, दोनों में 125 छात्र-छात्रा, बिहार की शिक्षा व्यवस्था की पोल खुली
बक्सर के ब्रह्मपुर में अनुसूचित जाति प्राथमिक विद्यालय वर्षों से दो छोटे कमरों में चल रहा है। जगह की कमी के कारण एक और विद्यालय भी यही स्थानांतरित किया गया है जिससे छात्रों को गर्मी में एक ही कमरे में पढ़ना पड़ रहा है। जर्जर भवन में शिक्षक कार्यालय चलाते हैं। विद्यालय में पानी की समस्या है और इसे अभी तक अपनी ज़मीन नहीं मिली है।

जयमंगल पांडेय, ब्रह्मपुर (बक्सर)। नगर पंचायत ब्रह्मपुर का अनुसूचित जाति प्राथमिक विद्यालय वर्षों से दो छोटे कमरों में चल रहा है। इस विद्यालय में पहले से ही कमरों और जगह की कमी थी। कुछ समय से उसी परिसर में एक अन्य विद्यालय को भी स्थानांतरित कर दिया गया है।
दोनों विद्यालय अलग-अलग पालियों में चलते हैं। तीन कक्षाओं के छात्र एक ही कमरे में उमस भरी गर्मी में बैठने को मजबूर हैं। विद्यालय के दो पुराने कमरों को वर्षों पहले अनुपयुक्त घोषित किया जा चुका है। लेकिन शिक्षक उसी जर्जर भवन में अपना कार्यालय चलाते हैं।
जाहिर है कि बच्चों का भी उन जर्जर कमरों में आना-जाना लगा रहता है। अनुसूचित जाति विद्यालय के प्रधानाध्यापक कमलेश कुमार और वरीय शिक्षक शैलेंद्र कुमार ने बताया कि विद्यालय में कुल 129 छात्र हैं और विद्यालय सुबह 7:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक और दूसरा विद्यालय दोपहर 12:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक की पाली में पूरे वर्ष चलता है। इस विद्यालय में 126 छात्र हैं।
पानी के लिए एक हैंडपंप है और नल वर्षों से खराब है। छात्र-छात्राओं के लिए दो अलग-अलग शौचालय हैं और बिजली का कनेक्शन भी है। ललन जी के डेरे पर 2006 में स्थापित इस विद्यालय को न तो ज़मीन मिली और न ही भवन। इसके साथ ही अनुसूचित जाति प्राथमिक विद्यालय को भी जमीन नहीं मिली। विद्यालय के दोनों कमरे ग्राम देवता काशी दास बाबा के मंदिर परिसर में बने हैं।
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