डुमरांव विधानसभा: जीत-हार के दावों से वोटरों में संशय, जदयू और माले में मुख्य मुकाबला
डुमरांव विधानसभा क्षेत्र में बिहार चुनाव 2025 के नतीजों का इंतजार है। एनडीए और महागठबंधन दोनों अपनी जीत का दावा कर रहे हैं, जिससे मतदाताओं में संशय है। मुख्य मुकाबला जदयू के राहुल कुमार सिंह और भाकपा (माले) के अजीत कुमार सिंह के बीच माना जा रहा है। बसपा और जन सुराज के प्रत्याशियों की भूमिका भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे वोटों का बंटवारा कर सकते हैं। सबकी नजरें अब मतगणना पर टिकी हैं।

डुमरांव विधानसभा: जीत-हार के दावों से वोटरों में संशय, जदयू और माले में मुख्य मुकाबला
संवाद सहयोगी, डुमरांव (बक्सर)। बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम (Bihar Assembly Election Result 2025) आने में पूरे एक सप्ताह का इंतजार बाकी है, लेकिन डुमरांव विधानसभा क्षेत्र (Dumraon Seat Election 2025) में जीत-हार को लेकर दोनों प्रमुख गठबंधनों के बीच तीखी दावेदारी ने माहौल गरमा दिया है।
एनडीए और महागठबंधन दोनों ही अपनी-अपनी जीत का दम भर रहे हैं, जिससे वोटरों के मन में संशय की स्थिति पैदा हो गई है। मतदाता उत्सुकता से जानना चाहते हैं कि रुझान किस ओर है, पर यहां का समीकरण इतना जटिल है कि किसी निश्चित अनुमान लगाना मुश्किल हो रहा है।
आमजन का अनुमान है कि मुख्य मुकाबला जनता दल (यूनाइटेड) के प्रत्याशी राहुल कुमार सिंह और भाकपा (माले) के निवर्तमान विधायक अजीत कुमार सिंह के बीच है। दोनों उम्मीदवारों की जीत-हार का गणित बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के ददन सिंह यादव और जन सुराज के शिवांग विजय सिंह की भूमिका पर टिका हुआ है।
विश्लेषकों का मानना है कि शिवांग विजय सिंह को मिलने वाले वोट जदयू के राहुल कुमार सिंह के लिए भारी पड़ सकते हैं, जबकि बसपा के ददन सिंह यादव के मत माले के अजीत कुमार सिंह के समीकरण को बिगाड़ने में निर्णायक साबित हो सकते हैं। इन छोटे प्रत्याशियों की वजह से वोटों का बंटवारा मुख्य लड़ाई को रोचक बना रहा है। शहर के हर चौक-चौराहे, नुक्कड़ और चाय की दुकानों पर यही चर्चा छाई हुई है कि डुमरांव से किसकी जीत और किसकी हार होगी।
जदयू नेता अनिल चौधरी ने दावा किया कि एनडीए प्रत्याशी राहुल कुमार सिंह की जीत पक्की हो चुकी है। उन्होंने कहा, 'जनता का समर्थन एनडीए के पक्ष में है, राहुल जी भारी मतों से विजयी होंगे।' वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नगर अध्यक्ष मुन्ना खान ने निवर्तमान विधायक अजीत कुमार सिंह की जीत पर मुहर लगाई।
उनका कहना है, 'अजीत सिंह ने क्षेत्र में विकास कार्य किए हैं, वे निश्चित रूप से फिर से जीतकर विधानसभा पहुंचेंगे।' चुनावी सर्वे और स्थानीय सूत्रों के अनुसार, डुमरांव में जातीय समीकरण, विकास मुद्दे और गठबंधन की मजबूती निर्णायक भूमिका निभा रही है। एनडीए जहां केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ गिना रहा है।
वहीं, महागठबंधन स्थानीय असंतोष को भुना रहा है। बसपा और जनसुराज के प्रत्याशी वोट काटने वाले साबित हो रहे हैं, जो अंतिम परिणाम को अप्रत्याशित बना सकते हैं। परिणाम आने तक अनिश्चितता बरकरार है, लेकिन डुमरांव की सड़कों पर उत्साह और तनाव दोनों चरम पर हैं। वोटरों की नजर अब मतगणना पर टिकी है, जहां सच्चाई सामने आएगी।

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