अलीनगर विधानसभा: प्रमुख दलों के ब्राह्मण प्रत्याशी ने संघर्ष को बनाया दिलचस्प, त्रिकोणीय मुकाबला बनाने में जुटी जसुपा
अलीनगर विधानसभा क्षेत्र में प्रमुख दलों के ब्राह्मण प्रत्याशियों के आने से चुनावी मुकाबला दिलचस्प हो गया है। जनता समाजवादी पार्टी (जसुपा) इसे त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में लगी है। ब्राह्मण मतदाताओं के समर्थन की उम्मीद और जसुपा की रणनीति से चुनाव में कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025। फोटो जागरण
शैलेंद्र कुमार झा, बेनीपुर। घनश्यामपुर, अलीनगर एवं तारडीह प्रखंड को मिलाकर सृजित अलीनगर विधानसभा की भौगोलिक और सामाजिक विविधता यहां की राजनीति को रोचक बनाती रही है।
यहां ब्राह्मण, मुस्लिम एवं यादव मतदाता निर्णायक भूमिका में रहते हैं। पिछले चुनावों तक इन्हीं को ध्यान में रखकर राजनीतिक दल अपनी ओर से प्रत्याशी उतारते रहे हैं। इस बार इसमें बदलाव हुआ।
प्रमुख दलों ने ब्राह्मण को प्रत्याशी बनाकर यहां के संघर्ष को दिलचस्प बना दिया है। वहीं एनडीए ने भाजपा से मैथिली ठाकुर को मैदान में उतारकर इसे हाट सीट बना दिया है। उनके पक्ष में अमित शाह, नित्यांनद राय की सभा और नीतीश कुमार का रोड शो हो चुका है, जबकि केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुज्जर लगातार कैंप कर रहे हैं।
उनको टक्कर देने के राजद के विनोद मिश्र जोर लगा रहे हैं। उनके पक्ष में राजद के प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी लगातार अभियान चला रहे हैं। वहीं जनसुराज पार्टी के विप्लव चौधरी संघर्ष को त्रिकोणीय धार देने में जुटे हैं।
इनके लिए जनसुराज के सूत्रधार रोड शो कर चुके हैं। क्षेत्र के चौक चौराहे पर हर कोई हार जीत का समीकरण समझाता बताता मिल जाएगा। मैथिली पहली बार चुनावी मैदान में हैं, जबकि राजद प्रत्याशी विनोद मिश्र दूसरी बार ताल ठोंक रहे हैं।
वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में वीआइपी प्रत्याशी मिश्री लाल यादव से 3101 वोट से पिछड़ गए थे। बाद में विधायक मिश्रीलाल यादव भाजपा में चले आए। लेकिन दल विरोधी गतिविधि को लेकर पार्टी ने उनको बेटिकट कर दिया।
दूसरी ओर इस बार गठबंधन का स्वरूप भी बदल गया है। दो हिस्से में बंट चुकी लोजपा का चिराग गुट एनडीए में हैं। उससे जुडे़ मत को एनडीए अपना मान रहा है। तब लोजपा प्रत्याशी राजकुमार झा को 8850 वोट मिले थे।
वहीं बगावत का मन बनाने के बाद भाजपा के लिए सक्रिय संजय कुमार सिंह पिछले चुनाव में जाप के टिकट पर 9739 मत हासिल किए थे। वर्ष 2015 के चुनाव में राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी ने भाजपा के मिश्रीलाल यादव को 13,460 मत से हराया था।
मैथिली ठाकुर चुनाव लड़ने को लेकर क्षेत्र में अलग ही उत्साह दिख रहा है। जबकि राजद एवं जनसुराज को वैसी चमक हासिल करने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। क्षेत्र के लोग राजद प्रत्याशी विनोद मिश्र को जमीन से जुड़ा मानते हैं, लेकिन यह मान्यता ईवीएम तक पहुंचने में कायम रहेगा या नहीं, यह भविष्य के गर्भ में है।
पाली गांव के मो. मन्ना चाय की चुस्की लेते हुए कहते हैं कि क्षेत्र में हुए विकास के नाम पर इसबार वोट पड़ेगा। अलीनगर चौक के सुरेन्द्र यादव का कहना था कि अलीनगर का विकास करने वाले नेता के पक्ष में इस बार वोट होगा।
वहीं कोर्थू चौक पर मिले चन्द्रमोहन झा बताते हैं कि इस बार युवा की बारी है। पकड़ी चौक पर मिले शिवशंकर झा बोल पड़े कि आज तक अलीनगर विधानसभा क्षेत्र में जो विकास हुआ वह सिद्दिकी की देन है।
शंकरपुर चौक पर भोला कुमार कहते हैं कि लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं नीतीश कुमार के नाम पर वोट देते हैं न की किसी प्रत्याशी को। अलीनगर विधानसभा क्षेत्र में ब्राह्मण, मुस्लिम , यादव, राजपूत , पासवान का प्रभाव रहा है, जबकि पचपनिया जातियां निर्णायक भूमिका में आ जाते रहे हैं। यहां दलित, महादलित के साथ साथ अति पिछड़ा समाज के मतदाताओं का भी अच्छी खासी संख्या है।
अलीनगर के मतदाता
- कुल संख्या - 2,84,522
- पुरुष -1,48,976
- महिला - 1,35,543
- थर्ड जेंडर -तीन

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