कुशेश्वरस्थान विधानसभा: NDA का रहा है दबदबा, एक बार BJP और 3 बार JDU ने मारी बाजी
कुशेश्वरस्थान विधानसभा क्षेत्र में चुनावी माहौल गर्म है। परिसीमन के बाद बने इस क्षेत्र में अब तक चार चुनाव हुए हैं, जिनमें जदयू का दबदबा रहा है। 2021 में उपचुनाव हुआ, जिसमें शशिभूषण हजारी के पुत्र अमन भूषण हजारी ने जीत हासिल की। यहाँ विकास के कई मुद्दे हैं, जिन पर काम होना बाकी है।
-1760682091143.webp)
प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)
संवाद सहयोगी, कुशेश्वरस्थान। बिहार विधानसभा के चुनाव की घोषणा होते ही 78 कुशेश्वरस्थान विधानसभा क्षेत्र में चुनावी हलचल तेज हो गई है। यह विधानसभा समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र के अन्तर्गत आता है।
2007 के परिसीमन में कुशेश्वरस्थान विधानसभा अस्तित्व में आया। इससे पहले कुशेश्वरस्थान रोसड़ा लोकसभा के अन्तर्गत सिंघिया विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा था। बिरौल प्रखंड के एक नगर पंचायत एवं सात पंचायत तथा कुशेश्वरस्थान प्रखंड के सभी 14 पंचायत और पूर्वी प्रखंड के एक नगर पंचायत तथा सात पंचायत को मिला कर इस विधानसभा क्षेत्र का गठन किया गया।
नये परिसीमन के बाद अस्तित्व में आए कुशेश्वरस्थान विधानसभा में अब तक चार बार चुनाव हुए हैं। जिसमें एक बार भाजपा और तीन बार जदयू ने जीत का परचम लहराया है। कांग्रेस एवं राजद का इस विधानसभा क्षेत्र से चुनाव में जीत का अब तक खाता नहीं खुला है।
परिसीमन के बाद बने कुशेश्वरस्थान विधानसभा का 2010 में हुए पहले चुनाव में एनडीए गठबंधन से भाजपा प्रत्याशी शशिभूषण हजारी चुनाव जीते थे। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी आईएनडीआईए के डॉ. अशोक कुमार का हराया। इस चुनाव में लोजपा के राम चंद्र पासवान को भी हार का मुंह देखना पड़ा।
2013 में जदयू ने एनडीए से अलग होकर आइएनडीआइए में शामिल हो गए। वहीं तत्कालीन विधायक हजारी भाजपा छोड़कर जदयू के पाले में आ गए और वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर जदयू के टिकट पर चुनाव लड़े और लगातार दूसरी बार जीते।
इधर एक बार फिर राजनीतिक उठा-पटक के बीच जदयू ने अधिक से अधिक बिक्री के लिए से अलग होकर एनडीए में शामिल हुए और 2020 के विधानसभा चुनाव में शशिभूषण हजारी कुशेश्वरस्थान से जदयू के सिंबल पर चुनाव लड़कर हैट्रिक लगाया और लगातार तीसरी बार विजय का परचम लहराया।
लेकिन 2021 में विधायक हजारी का असामयिक निधन हो गया। जिससे विधानसभा का यह सीट खाली होने पर उसी वर्ष यहां उपचुनाव कराया गया। उपचुनाव में दिवंगत विधायक हजारी के पुत्र अमन भूषण हजारी एनडीए गठबंधन से जदयू के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे और राजद के गणेश भारती को हराकर अपने पिता के विरासत को बचाने में कामयाब रहे।
इस उपचुनाव में राजद के अलावा कांग्रेस से अतिरेक कुमार तथा लोजपा (आर) के अंजू देवी चुनाव लड़ें और दोनों को हार का मुंह देखना पड़ा। उप चुनाव में जदयू के अमन भूषण हजारी को 59887 तथा राजद के गणेश भारती को 47192 मत मिले। इस तरह अमन भूषण हजारी ने अपने प्रतिद्वंद्वी गणेश भारती को 12695 वोटों से हराया।
कांग्रेस के अतिरेक कुमार तीसरे और लोजपा के अंजू देवी चौथे स्थान पर रहे। इस विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 258998 है। जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 135930 तथा महिला मतदाता की संख्या 123066 है। मंगलामुखी मतदाता दो है।
कुशेश्वरस्थान विधानसभा में इन मुद्दों पर काम होना चाहिए
- वर्षों से लंबित पड़े सकरी हसनपुर और कुशेश्वरस्थान खगड़िया रेल परियोजना का निर्माण कार्य पूरा करना।
- सतीघाट राजघाट सड़क एवं इस मार्ग में कमला नदी में पुल का निर्माण।
- कुशेश्वरस्थान और कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड में एक एक डिग्री कॉलेज की स्थापना।
- बिरौल प्रखंड के लदहो में कमला नदी में पुल निर्माण।
- कमला बलान नदी के पश्चिमी तटबंध से पूरब बसे चार पंचायत इटहर, उसरी, उजुआ सिमरटोका और तिलकेश्वर में हर साल आने वाले बाढ़ की समस्या से स्थाई निदान करने।
- कुशेश्वरस्थान को पर्यटन स्थल के रूप में मान्यता देने आदि शामिल हैं।
कुशेश्वरस्थान से रहे अब तक के विधायक --
(सिंघिया विधानसभा क्षेत्र में)
- 1952 -- गजेन्द्र नारायण सिंह (कांग्रेस)
- 1957-- श्यामा कुमारी (कांग्रेस)
- 1962-- बबुए लाल महतो (कांग्रेस)
- 1967-- श्यामा कुमारी (कांग्रेस)
- 1972-- राम जतन पासवान (सीपीआई)
- 1977-- राम जतन पासवान (सीपीआई)
- 1980-- राम जतन पासवान (सीपीआई)
- 1985-- डा. अशोक कुमार (कांग्रेस)
- 1990-- डा. अशोक कुमार (कांग्रेस)
- 1995-- जगदीश पासवान (जनता दल)
- 2000-- डा. अशोक कुमार (कांग्रेस)
- 2005-- डा. अशोक कुमार (कांग्रेस)
- 2005-- डा. अशोक कुमार (कांग्रेस) (मध्यावधि)
(नये परिसीमन के तहत कुशेश्वरस्थान विधानसभा में।)
- 2010-- शशिभूषण हजारी (भाजपा)
- 2015-- शशिभूषण हजारी (जदयू)
- 2020-- शशिभूषण हजारी (जदयू )
- 2021-- अमन भूषण हजारी (जदयू) (उपचुनाव)।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।