बिहार में पुलिस छापेमारी में बरामद 15 लाख में से 3 लाख गायब, चार सिपाही जांच के घेरे में
Bihar Police Constables Theft : अपराध की दुनिया के लिए ठगी व चोरी सामान्य बात है, किंतु ठगी में चोरी हो जाए। यह बात सामान्य नहीं रह जाती है। बिहार में कुछ ऐसा ही देखने को मिला। पूरा मामला पूर्वी चंपारण के गोविंदगंज पुलिस और मुजफ्फरपुर के साहेबगंज थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। हालांकि मामला सामने आने के बाद पुलिस के वरीय अधिकारी ने कार्रवाई की है।

Bihar corruption case: ठगी में चोरी की बात सामने आने के बाद तरह-तरह की चर्चाएं हो रहीं। जागरण
जागरण टीम, मोतिहारी/अरेराज (पूर्वी चंपारण)। Bihar Crime: अपराध और पुलिस की दुनिया में कुछ ऐसी घटनाएं हो जाती हैं जो हतप्रभ कर देती हैं। पूर्वी चंपारण के गोविंदगंज और मुजफ्फरपुर के साहेबगंज थाना क्षेत्र के बीच भी कुछ ऐसा ही हुआ। ठगी के रुपये रिकवर करने गई पुलिस ने ही रुपये चोरी कर लिए।
पूर्वी चंपारण के गोविंदगंज थाना क्षेत्र स्थित रढ़िया गांव निवासी अमरेश पांडेय के घर पर गुरुवार को उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के मुंगरा बादशाहपुर थाना क्षेत्र के साहेबगंज सब्जी निवासी व्यवसायी मोहनजी गुप्ता से ठगी हो गई थी।
19 लाख की ठगी
उनको कम दाम में सोना उपलब्ध कराने का झांसा देकर करीब 19 लाख रुपये नकद ठग लिए गए। इतना ही नहीं, बदमाशों ने मारपीट कर सोने की चेन व सेलफोन भी छीन लिया था।

इस मामले में गोविंदगंज में एफआइआर के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पड़ोसी जिला मुजफ्फरपुर के साहेबगंज थाना क्षेत्र स्थित माधोपुर हजारी निवासी चंदन सिंह के आवास पर शुक्रवार की रात छापेमारी की। यहां से 15 लाख रुपये नकद, सोने जैसे दिखने वाले 10 बिस्किट और सोने की चेन जब्त की।
सिपाहियों ने चुराए रुपये
देर रात का समय और इतनी बड़ी रकम देखकर किसका मन न ललचा जाए। छापेमारी में गए सिपाहियों के साथ भी ऐसा ही हुआ। उन्होंने छापेमारी में बरामद रुपयों में से तीन लाख की चोरी कर ली।
यूं देखा जाए तो उन्होंने सभी रुपये नहीं लिए। 15 लाख रुपयों में से तीन लाख ही लिए। मतलब, इस हिसाब से लिया कि चोरी की घटना भी छुप जाएगी और ठगी की इस घटना में रिकवरी भी दिखा देंगे। सिपाहियों ने चुराए गए रुपये पुलिस जीप में मैट के नीचे ही छुपा दिए थे।
महिला ने उठाया राज से पर्दा
कहते हैं कि चोर कुछ न कुछ सुबूत छोर ही जाते हैं। भले ही वे पुलिस वालों ही क्यों न हों। हुआ भी यही। गोविंदगंज पुलिस साहेबगंज थाना निवासी जिस बदमाश चंदन के यहां छापेमारी के लिए गई थी। वह वहां से उसकी भाभी नेहा देवी को भी गिरफ्तार कर लिया था।
इतने बड़े मामले में एक महिला की गिरफ्तार सामने आने के बाद जब अधिकारियों ने उससे पूछताछ की तो महिला ने बताया कि उसके घर से जो बैग मिले उसमें 15 लाख रुपये थे।
ठगी की जगह चोरी की जांच
जब पुलिस अधिकारियों ने उसकी गिनती करवाई तो वह 12 लाख ही निकले। इसके बाद ठगी के मामले की जांच साइड में चली गई और ठगी के रुपयों की चोरी की जांच शुरू हो गई।
छापेमारी में गए पुलिसवालों से पूछताछ शुरू हुई। इस दौरान पता चला कि चार सिपाहियों ने ही घटना को अंजाम दिया है। पुलिस गाड़ी में ही मैट के नीचे से रुपये बरामद किए गए।
जेल भेजे गए सिपाही
उनके खिलाफ साहेबगंज थाने में प्राथमिकी कराई गई। चारों को गिरफ्तार करते हुए जेल भेज दिया गया है। वहीं दूसरी ओर एसपी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित भी कर दिया।
इस बारे में अरेराज के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी रवि कुमार ने कहा कि ठगी और मारपीट की शिकायत मिलने के बाद पुलिस टीम ने पहले गोविंदगंज थाना क्षेत्र के ही कनछेदवा गांव के रहने वाले सुरेंद्र दास को गिरफ्तार किया।
जब उससे पूछताछ शुरू हुई तो उसने मुजफ्फरपुर जिला अंतर्गत साहेबगंज के चंदन सिंह एवं अनिल यादव के बारे में जानकारी दी। जब उसके यहां छापेमारी की गई तो वे दोनों तो फरार हो गए, लेकिन यह रिकवरी हुई।
थानाध्यक्ष ने प्राथमिकी कराई
वहीं गोविंदगंज थानाध्यक्ष ने छापेमारी के दौरान मिले रुपये में से तीन लाख चुराने के आरोप में साहेबगंज थाने में सिपाही संतोष कुमार, गौतम कुमार यादव, कृष्ण कुमार और ओमप्रकाश के खिलाफ प्राथमिकी कराई है।
छापेमारी के दौरान बरामद कैश की चोरी करनेवाले चारों सिपाहियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। सभी को गिरफ्तार कर साहेबगंज थाने को सौंपा गया है। पुलिस बरामद सोने जैसा बिस्किट व चेन की जांच करा रही है। मुजफ्फरपुर से गिरफ्तार महिला से गिरोह के मास्टरमाइंड के बारे में जानकारी ली जा रही है।
विनय तिवारी, प्रभारी पुलिस अधीक्षक, पूर्वी चंपारण

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