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    भारत-नेपाल सीमा पर बड़ी कार्रवाई, थार से की जा रही थी चरस की तस्करी; 7 तस्कर गिरफ्तार

    Updated: Sun, 07 Dec 2025 05:43 PM (IST)

    भारत-नेपाल सीमा पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चरस की तस्करी का भंडाफोड़ किया है। थार गाड़ी से चरस ले जा रहे सात तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। ...और पढ़ें

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    थार से की जा रही थी तस्करी। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, रक्सौल (पूच)। भारत–नेपाल सीमा क्षेत्र में मादक पदार्थ तस्करी के खिलाफ बड़ी सफलता हाथ लगी है। बिहार एसटीएफ की विशेष टीम, एसएसबी स्पेशल ब्यूरो एवं मोतिहारी जिला पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है।

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    पुलिस ने इनके पास से 9 किलोग्राम अतिप्रशोधित चरस, नकदी, मोबाइल फोन और वाहन भी बरामद किए हैं। इस कार्रवाई की जानकारी पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने दी।

    एसपी ने बताया कि इंडो–नेपाल बॉर्डर पर नारकोटिक्स तस्करों की सक्रियता की लगातार सूचना मिल रही थी। इसके बाद विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों से समन्वय स्थापित कर विशेष अभियान शुरू किया गया।

    इसी क्रम में कस्टम चौक पर नाकेबंदी के दौरान नेपाल की ओर से आ रही राजस्थान नंबर की थार वाहन (आरजे 25 सीबी 4021) को रोका गया। सघन तलाशी के दौरान झोले में छुपाकर रखे 21 पैकेटों से कुल 9 किलोग्राम चरस बरामद की गई। मौके से पांच आरोपियों को हिरासत में लिया गया।

    गिरफ्तार आरोपियों में नेपाल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार के निवासी शामिल हैं। इनमें मेहराज शाह (नेपाल), बालीका वर्मा, गुड्डी वर्मा और कमलेश वर्मा (राजस्थान), आशिफ अंसारी (उत्तर प्रदेश) तथा सतीश कुमार पटेल (मोतिहारी) प्रमुख हैं।

    पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि चरस को नेपाल से बिहार के रास्ते राजस्थान भेजा जा रहा था। उनकी निशानदेही पर सुगौली क्षेत्र में छापेमारी कर दो अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया।

    नेपाल से दिल्ली तक फैला था नेटवर्क, 20 आरोपी नामजद

    पुलिस के अनुसार गिरफ्तार मुख्य आरोपी मेहराज शाह नेपाल में बड़े पैमाने पर चरस का उत्पादन करता था और बिहार के रास्ते भारत के कई राज्यों में आपूर्ति करवाता था। इस मामले में कुल 20 आरोपियों को नामजद किया गया है, जिनका नेटवर्क नेपाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, हरियाणा और दिल्ली तक फैला हुआ है।

    बरामद सामान में 9 किलोग्राम चरस (अनुमानित बाजार मूल्य लगभग 22.50 लाख रुपये), सात मोबाइल फोन, एक मोटरसाइकिल, एक चार पहिया वाहन, 40 हजार रुपये भारतीय मुद्रा और 2,500 नेपाली रुपये शामिल हैं।

    इस संयुक्त अभियान का नेतृत्व अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मनीष आनंद के निर्देशन में किया गया, जिसमें एसएसबी और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की अहम भूमिका रही। पुलिस अब गिरोह के अन्य फरार सदस्यों की तलाश में जुटी है।