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    Kesaria vidhan sabha Seat 2025 : सड़क और बिजली की स्थिति में हुआ सुधार, उच्च शिक्षण संस्थान की जरूरत बरकरार

    Updated: Sun, 03 Aug 2025 07:17 PM (IST)

    Kesaria vidhan sabha Seat 2025 कृषि कार्यों के लिए अब भी संसाधन का अभाव है। जहां तक नलकूप की बात है तो ज्यादातर या तो बंद हैं या बेकार पड़े हैं। विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था बेहतर हुई है लेकिन उच्च शिक्षा का कोई विकल्प नहीं है। इसके लिए शिक्षार्थियों को अब भी बाहर ही जाना पड़ा है। इससे लड़कियों को बहुत परेशानी होती है।

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    स्तूप  परिसर  का  पहुंच  पथ  व  सौंदर्यीकरण तथा  विधायक शालिनी  मिश्र।

     संजय कुमार सिंह, मोतिहारी(पूर्वी चंपारण)। Kesaria vidhan sabha Seat 2025: कभी वामपंथ का गढ़ रहे केसरिया विधानसभा क्षेत्र ने कमोबेश सभी दलों को मौका दिया है। यहां से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के अलावा कांग्रेस, जनता पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल एवं जनता दल यूनाइटेड को प्रतिनिधित्व का अवसर मिला है। यहां से सर्वाधिक चार बार निर्वाचित होने का रिकार्ड भाकपा के पितांबर सिंह के नाम है।

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    वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड के प्रत्याशी के रूप में शालिनी मिश्र ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार संतोष कुशवाहा को हराया था। शालिनी मिश्र ने अपना राजनीतिक सफर भाकपा के साथ शुरू किया था, लेकिन बाद में जदयू का दामन थाम लिया।

    केसरिया विधानसभा क्षेत्र मूल रूप से कृषि पर आधारित है। कृषि कार्यों के लिए संसाधनों का आज भी अभाव है। ज्यादातर नलकूप बंद या बेकार पड़े हैं। नहरों की स्थिति बदहाल है। विधानसभा क्षेत्र के दक्षिणी हिस्से से होकर गंडक नदी गुजरती है। बरसात में बाढ़ और कटाव क्षेत्र की नियती बन गई है।

    विद्यालयों में बेहतर शिक्षा व्यवस्था है, लेकिन उच्च शिक्षा का कोई विकल्प नहीं है। लंबे समय से इन समस्याओं से यहां के लोग जूझ रहे हैं। क्षेत्र की सड़कें तो बेहतर हैं। बिजली की स्थिति भी काफी हद तक ठीक है, लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता है। पंचायत स्तर पर स्थापित स्वास्थ्य उपकेंद्र महज दिखावा है।

    काम जो हुए

    • दस से ज्यादा आरसीसी पुल का निर्माण।
    • डेढ़ दर्जन से ज्यादा उप स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण।
    • आधा दर्जन से ज्यादा हाईस्कूलों में वर्ग कक्ष का निर्माण।
    • आधा दर्जन से ज्यादा कब्रिस्तानों की घेराबंदी।
    • सौ से भी ज्यादा पीसीसी सड़कों का निर्माण।
    • कढ़ान में नदी के कटाव से बचाव को बांध का निर्माण।
    • बौद्ध स्तूप तक पहुंच पथ का निर्माण एवं सुंदरीकरण।
    • केसरिया, खजुरिया एवं सरोतर मठ में चहारदीवारी का निर्माण।
    • पर्यटकों के लिए पर्यटक भवन एवं पहुंच पथ का निर्माण।
    • आधा दर्जन से ज्यादा हाईस्कूलों में दो मंजिला भवन।
    • एक दर्जन से ज्यादा सामुदायिक भवनों का निर्माण।
    • बस और आटो स्टैंड का निर्माण।

    कार्य जो नहीं हो सके

    • नहरों का जीर्णोद्धार।
    • बंद पड़े नलकूप।
    • नलकूपों से जुड़े नालों का निर्माण नहीं।
    • सरकारी डिग्री कालेज की स्थापना नहीं।

    विधानसभा क्षेत्र : एक नजर में

    कुल मतदाता 2,89,041
    पुरुष 1,55,474
    महिला 1,33,549
    थर्ड जेंडर

    क्या कहते हैं लोग :

    बिहार में विकास हो रहा है, इससे इन्कार तो नहीं किया जा सकता। इसका लाभ केसरिया को भी मिला है, लेकिन शिक्षा एवं स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्था अब भी अपेक्षित स्तर की नहीं है। इसमें सुधार की आवश्यकता है। शिक्षा और स्वास्थ्य बुनियादी जरूरतें हैं।

    मो. मुस्ताक, प्रद्युमन छपरा

    गंडक के तटवर्ती गांव आज भी प्रकृति की मार झेल रहे हैं। कटाव के कारण गांव के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। बरसात में बाढ़ और उसके बाद कटाव से लोग परेशान हैं। गांव का संपर्क पथ भी आवागमन लायक नहीं है।

    जयंत कुमार, ढेकहां

    उच्च शिक्षा के लिए कोई शिक्षण संस्थान नहीं है। सरकारी स्तर पर इसकी व्यवस्था होनी चाहिए। उच्च शिक्षा के लिए इस क्षेत्र के विद्यार्थियों को मोतिहारी-मुजफ्फरपुर जैसे शहरों में जाना पड़ता है।

    संजय यादव, ताजपुर

    सरकार विकास को गति देने की हर संभव कोशिश कर रही है। सड़क, बिजली, शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतरी आई है, लेकिन नल जल योजना को प्रभावी बनाना जरूरी है। अभी कई समस्याएं हैं। सरकारी तंत्र को इस पर ध्यान देना चाहिए।

    विजेंद्र सिंह उर्फ गुड्डू सिंह, रामपुर खजुरिया

    विकास की धारा अब तक केसरिया को सींच नहीं सकी है। कई ऐसी समस्याएं हैं, जिनका निदान किए बिना विकास बेमानी है। क्षेत्र के लोग कृषि पर आधारित हैं, लेकिन सिंचाई के लिए सरकारी स्तर पर की गई व्यवस्था दम तोड़ रही है। गांव में सड़कों की स्थिति बदहाल है। विद्यालयों में पठन-पाठन की स्थिति संतोषजनक नहीं है। स्वास्थ्य सेवाएं जरूरतों को पूरा करने में असमर्थ हैं। पर्यटकों के लिए बुनियादी सुविधाओं का अभाव है।

    रामशरण प्रसाद यादव, प्रतिद्वंद्वी

    विधानसभा क्षेत्र के विकास को हरसंभव प्रयास किया। अपने कार्यकाल में 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की योजनाओं का क्रियान्वयन कराया। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली और पेयजल की स्थिति बेहतर हुई है। उच्च शिक्षा के लिए डिग्री कालेज खोलने की आवाज विधानसभा में उठाई। कृषि के क्षेत्र में भी किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। केसरिया को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की हरसंभव कोशिश जारी है।

    शालिनी मिश्र, विधायक

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