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    PM Kisan 22nd Installment: इन वजहों से अटक सकती है किसान सम्मान निधि की 22वीं किस्त, जल्दी से कर लें यह काम

    Updated: Tue, 09 Dec 2025 05:34 PM (IST)

    केंद्र सरकार की पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi) में बदलाव हुआ है। 22वीं किस्त के लिए किसान आईडी अनिवार्य है। किसान आईडी के बिना स ...और पढ़ें

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    पीएम किसान सम्मान निधि। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, मोतिहारी। देश सहित पूर्वी चंपारण के किसानों के लिए केंद्र सरकार द्वारा संचालित पीएम किसान सम्मान निधि योजना में एक अहम बदलाव किया गया है।

    अब 22वीं किस्त पाने के लिए किसानों के पास एक नई किसान आईडी होना अनिवार्य कर दिया गया है। सरकार ने साफ कर दिया है कि बिना किसान आईडी के किसानों के खाते में सम्मान निधि योजना की राशि नहीं भेजी जाएगी।

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    ऐसे में जिन किसानों ने किसान आईडी अभी तक नहीं बनवाई है, उनके लिए यह बड़ा अलर्ट है क्योंकि नियम पूरा न होने पर किसानों को मिलने वाली किस्त अटक सकती है।

    जिला कृषि पदाधिकारी मनीष कुमार सिंह ने बताया कि जिले के लगभग 4.80 लाख किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त बीते 19 नवंबर से विभिन्न तिथियों को जारी की गई। इसके बाद से किसानों को आईडी बनवाने के लिए पंचायत स्तर पर शिविर लगाया जाने लगा।

    अब तक जिले के 31 हजार 66 किसानों का किसान आईडी बनाया जा सका है। जिले के 27 प्रखंडों में पताही में सर्वाधिक 1904 तो पकड़ीदयाल में सबसे कम 130 किसानों की आईडी बनाई गई है।

    किसान स्वयं कर सकते हैं आईडी बनवाने के लिए आवेदन

    केंद्र सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि के लाभुक किसानों को किसान आईडी बनवाने के लिए आवेदन की प्रक्रिया को सरल रखा है। किसान तीन तरीके से अपनी किसान आईडी बनवा सकते हैं।

    किसान खुद ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, किसान कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं या संबंधित प्रखंड के कृषि कार्यालय में दस्तावेज जमा कर किसान आईडी के लिए अप्लाई कर सकते हैं। किसानों को आईडी बनवाने के लिए आधार कार्ड, जमीन संबंधी दस्तावेज, बैंक विवरण, अन्य आवश्यक कृषि दस्तावेज अनिवार्य हैं।

    किसानों का तैयार होगा डिजिटल डेटाबेस

    केंद्र सरकार राज्य सरकार से मिलकर किसानों का डिजिटल डेटाबेस तैयार कर रही है। इसका उद्देश्य किसानों को बिचौलियों से बचाने के साथ फर्जी किसानों की पहचान करना है।

    आईडी में किसानों की भूमि, फसल व अन्य कृषि संबंधी जानकारी को डिजिटल रूप से जोड़ा जाएगा। सरकार ने इस प्रक्रिया के तहत देश के 14 राज्यों में नया नियम लागू किया है, जिसमें बिहार को भी शामिल किया गया है।

    पताही में सर्वाधिक किसानों की बनी आईडी

    डीएओ सिंह ने बताया कि पूर्वी चंपारण जिले के पताही प्रखंड में सर्वाधिक 1904 किसानों की आईडी बनाई जा चुकी है। इसके साथ आदापुर में 1255, अरेराज में 1063, बंजरिया में 1080, बनकटवा में 666, चकिया में 1145, चिरैया में 1890, ढाका में 1605, घोड़ासहन में 1547, हरसिद्धि में 1454, कल्याणपुर में 1362, केसरिया में 1316, कोटवा में 1125, मधुबन में 1214, मेहसी में 1711, मोतिहारी में 1813, पहाड़पुर में 613, पकड़ीदयाल में 130, फेनहारा में 800, पीपराकोठी में 1376, रामगढ़वा में 727, रक्सौल में 732, संग्रामपुर में 1064, सुगौली में 1284, तेतरिया में 986 व तुरकौलिया में 1204 सहित कुल 31 हजार 66 किसानों की आईडी बनाई जा चुकी है।