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    सुगौली चीनी मिल की मनमानी से सिकरहना नदी हुई जहरीली, 10 हजार लोग बीमार; चर्म रोग और दमा का खतरा

    Updated: Wed, 26 Nov 2025 12:05 PM (IST)

    पूर्वी चंपारण के सुगौली में चीनी मिल की लापरवाही से सिकरहना नदी प्रदूषित हो गई है, जिससे 10 हजार लोग प्रभावित हैं। नदी का पानी काला होने से त्वचा रोग और सांस की बीमारियाँ फैल रही हैं। ग्रामीणों ने मिल प्रशासन और प्रदूषण बोर्ड पर लापरवाही का आरोप लगाया है और प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है। मिल प्रबंधन ने जांच और समाधान का आश्वासन दिया है।

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    सिकरहना नदी हुई जहरीली

    अमरेंद्र श्रीवास्तव, सुगौली। पूर्वी चंपारण के सुगौली चीनी मिल प्रशासन की लापरवाही से सिकरहना नदी में प्रदूषित होकर काली हो गई है। इस पानी का उपयोग करने से लोगों को चर्म रोग समेत कई प्रकार की संक्रामक बीमारियां हो रही हैं। 

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    नगर पंचायत के तीन वार्डों की करीब 10 हजार आबादी इस समस्या से जूझ रही है। दुर्गंध के कारण आसपास के लोगों का घरों में रहना मुश्किल हो गया है। हर साल गन्ना पेराई सत्र के दौरान लोग इस संकट का सामना करते हैं। मिल में ही इथेनॉल प्लांट भी है।

    आसपास की फसल भी होती है बर्बाद

    हर साल किसानों की मेहनत की फसलें भी नष्ट हो रही हैं। पेड़-पौधे भी सूख रहे हैं। जीव-जंतु भी बीमारी के शिकार हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि हाल यह है कि इस पानी की बदबू के पास इंसान कुछ देर खड़ा भी नहीं रह सकता। 

    मिल से निकलकर सिकरहना नदी में यह पानी गिरकर उसे काला व जहरीला बना रहा है। लोगों का कहना है कि कई गांवों में चापाकल का पानी भी प्रदूषित हो चुका है। 

    तेजी से फैल रही बीमारी

    ग्रामीणों में त्वचा रोग, आंख में जलन, सांस की समस्या और दमा जैसी बीमारियां तेजी से फैल रही है। ग्रामीण मुन्ना पुरी, मोहम्मद शाहिद अंसारी और विक्रम राऊत ने बताया कि सुगौली चीनी मिल अपनी मनमानी पर उतारू है और प्रदूषण बोर्ड इस पूरे मामले में आंख मूंदकर बैठा है। 

    उनका कहना है कि कागजों पर पर्यावरण संरक्षण के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन जमीन पर हकीकत बिलकुल अलग है। जहरीले पानी ने सुगौली नगर पंचायत सहित आसपास के गांवों की जिंदगी को नरक में बदल दिया है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर अब तक सिर्फ खामोशी है। 

    ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप कर कार्रवाई की मांग की है। हालांकि मिल प्रबंधन का कहना है कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है। पानी को साफ कर नदी में गिराया जाता है। बावजूद अगर लोगों की शिकायत है तो इसकी जांच कर समस्या को दूर किया जाएगा।

    इस तरह की कोई शिकायत नहीं मिली है। शिकायत मिलने पर जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।- कुंदन कुमार, अंचलाधिकारी, सुगौली

    यदि इस तरह की बात ग्रामीणों के द्वारा मेरे संज्ञान में आता है तो मिल प्रबंधन से इसके समाधान के लिए बातचीत की जाएगी। समस्या के समाधान के लिए सकारात्मक पहल की जाएगी।-राजेश कुमार उर्फ बबलू गुप्ता, विधायक