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    गयाजी के कुरुमडीह टोला सुकनडीह में पेयजल संकट... ग्रामीणों की मांग, जल्द हो समाधान

    Updated: Thu, 04 Sep 2025 02:39 PM (IST)

    डोभी के कुरुमडीह टोला सुकनडीह में पानी की गंभीर समस्या है। नल जल योजना छह महीने से बंद है जिससे 150 घरों के निवासियों को परेशानी हो रही है। मोटर खराब होने से पानी की आपूर्ति ठप है और चापाकल भी खराब हैं। ग्रामीण एक किलोमीटर दूर से पानी लाने को मजबूर हैं।

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    कुरुमडीह टोला सुकनडीह में पेयजल की समस्या हुआ विकराल

    संवाद सूत्र,डोभी(गयाजी)। डोभी जिले के कुरुमडीह टोला सुकनडीह में पेयजल की समस्या विकराल हो गई है। इस टोले में लगभग 150 घर हैं, जिनमें अधिकांश अनुसूचित जाति के लोग रहते हैं। मुख्यमंत्री नल जल योजना छह महीने से बंद है, जिससे ग्रामीणों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

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    समस्या की वजह

    मुख्यमंत्री नल जल योजना के तहत लगाया गया मोटर खराब हो गया है, जिससे पानी की आपूर्ति ठप हो गई है। ग्रामीणों को पानी के लिए एक किलोमीटर दूर बोधगया प्रखंड के इगुना गांव से लाना पड़ता है। टोले में तीन सरकारी चापाकल भी खराब हैं।

    ग्रामीणों की मांग

    ग्रामीण वीरेंद्र मांझी और नरेश मांझी ने मांग की है कि नल जल योजना को जल्द से जल्द ठीक करवाया जाए, ताकि पानी की समस्या से निजात मिल सके। ग्रामीणों ने अधिकारियों से मांग की है कि अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे आगे की कार्रवाई करेंगे।

    प्रशासन की जिम्मेदारी

    कुरुमडीह टोला सुकनडीह में पानी की समस्या एक गंभीर मुद्दा है, जिसका समाधान जल्द से जल्द किया जाना आवश्यक है। प्रशासन को इस समस्या का समाधान करने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए और नल जल योजना को ठीक करवाकर पानी की आपूर्ति बहाल करनी चाहिए।

    नल-जल योजना : करोड़ों खर्च, फिर भी तीन हजार लोग प्यासे

    मोहनपुर प्रखंड के ग्राम पंचायत डेमा में सरकार की महत्वाकांक्षी नल-जल योजना फेल हो गई है। पंचायत के 13 वार्डों में से ज्यादातर जगह सप्लाई ठप है। योजना पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद, लोगों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। वार्ड 9, 10 और 11 में विभाग ने बोरिंग और पाइप तो बिछा दिए, लेकिन पानी टंकी आज तक नहीं बनी। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार ने कागजों पर योजना पूरी दिखा दी, लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है।

    ग्रामीणों की परेशानी

    ग्रामीणों को कुएं, नदी और जर्जर चापाकलों से पानी लाना पड़ता है। महिलाओं का कहना है कि योजना का पानी कभी घर तक नहीं आया। ग्रामीणों ने कई बार जिला पदाधिकारी को आवेदन दिया, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। मुखिया प्रतिनिधि दिलीप यादव ने माना कि डेमा पंचायत पूरी तरह उपेक्षित है। उन्होंने बताया कि कई बार विभाग से लिखित और मौखिक शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों ने मांग की है कि नल-जल योजना को जल्द से जल्द ठीक करवाया जाए, ताकि उन्हें पानी की समस्या से निजात मिल सके। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार को उनकी समस्या का समाधान करना चाहिए।

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