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    Gaya News:: सावन की अंतिम सोमवारी पर शिवालयों में उमड़ी भीड़, हर-हर महादेव के जयघोष से गूंजा शहर

    Updated: Mon, 04 Aug 2025 05:05 PM (IST)

    गया जी में सावन के अंतिम सोमवार को शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। मारकंडेय मंदिर समेत कई मंदिरों में श्रद्धालुओं ने भगवान भोले शंकर की पूजा-अर्चना की और जलाभिषेक किया। भक्तों ने हर-हर महादेव के जयकारे लगाए जिससे पूरा शहर भक्तिमय हो गया। आचार्य संदीप शास्त्री ने अंतिम सोमवारी के महत्व पर प्रकाश डाला।

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    सावन की अंतिम सोमवारी पर शिवालयों में उमड़ी भीड़, हर-हर महादेव के जयघोष से गूंजा शहर

    जागरण संवाददाता, गयाजी। सावन की अंतिम सोमवारी पर सोमवार को शहर एवं जिले भर के शिवालयों में शिवभक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह से ही शिवालयों में शिवभक्तों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। खासकर महिलाओं में पूजा-अर्चना को लेकर काफी उत्साह देखा गया। शहर समेत ग्रामीण क्षेत्र के शिवालयों में दिनोंभर शिवभक्तों का तांता लगा रहा।

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    इस दौरान महिला व पुरुष श्रद्धालुओं ने शिवालय पहुंचकर भगवान भोलेशंकर पर फल, फूल, नैवेद्य, भांग, धथुरा, बेलपत्र आदि चढ़ाकर पूजा-अर्चना किया। इसके साथ ही शिवलिंग पर जलाभिषेक कर अपने पूरे परिवार की मंगल कामना की। पूजन के दौरान शिवभक्त हर-हर महादेव के जयकारे लगा रहे थे। पूरे शहर हर-हर महादेव के जयघोष से गूंज उठा। शहर से लेकर गांव तक लोग शिव की भक्ति में लीन दिखे।

    पूजन को लेकर शहर के मारकंडेय महादेव मंदिर, पितामहेश्वर मंदिर, परपिता महादेव मंदिर फलकलेश्वर महादेव मंदिर, स्फटिक महादेव, पातालेश्वर महादेव मंदिर, मनोकामना मंदिर समेत ग्रामीण क्षेत्र के शिवालयों में पूरे दिन श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही। अंतिम सोमवारी को लेकर मंदिर कमेटी द्वारा लाइट लगाकर आकर्षक ढंग से सजाया गया था। शिवालयों की खूबसूरती देखते बन रही थी। पूजन को लेकर शिवभक्तों में काफी उत्साह देखा जा रहा था।

    अंतिम सोमवारी पर पूजा का अलग है महत्व

    सावन माह में सोमवार को भगवान शिव की पूजा-अर्चना का अलग महत्व है। ऐसी धारणा है कि सावन माह में भगवान भोले शंकर अपने पूरे परिवार के साथ शिवालय में विराजमान रहते हैं।

    आचार्य संदीप शास्त्री ने कहा सावन का अंतिम सोमवार शुक्ल पक्ष में होता है। इस पक्ष देवता का होता है, जबकि कृष्ण पक्ष पितरों का होता है। इस कारण अंतिम सोमवार को श्रद्धालु भगवान भोलेशंकर की पूजा-अर्चना कर जलाभिषेक अधिक संख्या में करते है। खासकर सोमवारी व्रत करने वाले भक्तों पर खुश होकर भगवान शिव उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। वहीं सावन की अंतिम सोमवारी का व्रत करने वाले भक्तों को आर्थिक संकट से मुक्ति मिलती है।

    सबसे अधिक भीड़ मारकंडेय मंदिर में

    सावन के अंतिम सोमवारी पर सबसे अधिक शिव भक्तों की भीड़ मारकंडेय मंदिर में देखी गई है। जहां सुबह से श्रद्धालुओं के तांता लगा था। कतार में लगकर श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के जलाभिषेक एवं पूजा-अर्चना कर रहे थे।

    मंदिर के पुजारी पप्पू गिरि ने कहा कि सावन के अंतिम सोमवारी को लेकर सुबह से लेकर शाम तक श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई। करीब 15 हजार श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना किए। सुबह से लेकर रात तक श्रद्धालुओं कतार में लगकर भगवान भोलेनाथ के जलाभिषेक किया। मंदिर भव्य तरीके सजाया गया है। वहीं शहर के रामशिला स्थित स्फटिक शिवलिंग के पूजा-अर्चना को लेकर सुबह से श्रद्धालु मंदिर पहुंच रहे थे।

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