गोपालगंज में पांच महीने में हुईं 105 सड़क दुर्घटनाएं, 90 की गई जान; NH-27 सबसे अधिक खतरनाक
गोपालगंज में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या तमाम निर्देशों के बावजूद बढ़ती जा रही है। 105 सड़क दुर्घटनाओं में 90 लोगों की जान चली गई तथा 100 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। इसमें से अकेले एनएच 27 पर 39 लोगों की मौत हुई।

गोपालगंज में पांच महीने में हुईं 105 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। सांकेतिक तस्वीर।
मिथिलेश तिवारी, गोपालगंज। यातायात को लेकर नियम निर्धारित किया गया है। निर्धारित नियम के तहत वाहनों का परिचालन किए जाने का निर्देश है। इसके बावजूद यहां नियम हर दिन टूटते दिखते हैं। इसके अलावा आधी-अधूरी सड़क निर्माण, डिवाइडर तथा फर्राटा भरते वाहन हादसों का कारण बनते हैं। सड़क दुर्घटनाओं की संख्या तमाम निर्देशों के बावजूद बढ़ती जा रही है।
वर्ष 2025 के शुरुआती पांच माह के आंकड़ों को देखें तो इस अवधि में हुई 105 सड़क दुर्घटनाओं में 90 लोगों की जान चली गई तथा 100 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। इसमें से अकेले एनएच 27 पर 39 लोगों की मौत हुई। गोपालगंज जिले में सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों को परखती रिपोर्ट...।
जागरूकता कार्यक्रमों के बावजूद कम नहीं हुईं दुर्घटनाएं
हर साल यातायात नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रशासनिक स्तर पर सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है। इसके बाद भी हर साल सड़क हादसे बढ़ते जा रहे हैं। आधे-अधूरे सड़क निर्माण व ओवरलोड वाहन सड़क हादसों के सबसे प्रमुख कारण हैं। वाहन चलाने में यातायात के नियमों का पालन नहीं होना व फर्राटा भरते वाहनों के कारण भी दुर्घटनाएं होती हैं। इसके बावजूद प्रशासनिक स्तर पर इस व्यवस्था को दुरुस्त करने की कवायद नहीं की गई।
नहीं होती यातायात नियमों की नियमित जांच
यहां यातायात के नियमों की नियमित जांच के नाम पर महज कोरम पूरा किया जाता है। प्रशासनिक स्तर पर कभी भी इसके लिए लगातार अभियान नहीं चलाया जाता। यातायात नियमों के उल्लंघन के कारण आए दिन हादसे होते हैं। इसके बावजूद इस व्यवस्था को दुरुस्त करने की कवायद आज तक नहीं की गई।
नहीं होता सीट बेल्ट का उपयोग
यहां हजारों की संख्या में चार पहिया वाहन सड़क पर फर्राटा भरते हैं। 80 प्रतिशत चारपहिया वाहन में सीट बेल्ट का इस्तेमाल नहीं किया जाता। हद तो यह कि अधिकारी भी जिस वाहन का उपयोग करते हैं, उनमें भी शायद ही निर्धारित मानक का उपयोग होता हो। हाल के दिनों में सीट बेल्ट का उपयोग नहीं करने पर कार्रवाई का आंकड़ा बढ़ा है।
हाइवे पर निर्धारित किए गए हैं कई डेंजर जोन
जिले के बीचोबीच से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय उच्च पथ पर सरपट चाल ही सपना बना हुआ है। डिवाइडर, पार्किंग स्लाट से लेकर कलर लाइट रिफ्लेक्टर्स की बात करना हाइवे के कुछ इलाकों भी बेमानी है। आबादी वाले शहरी इलाके में बनाए जाने वाले कई ओवरब्रिज अधूरे पड़े हैं। ऐसे में लोग जान हथेली पर लेकर सड़क पर चलते है और ईश्वर का नाम लेकर उसे पार करते हैं।
दस साल पहले एनएच-27 को फोरलेन बनाने का काम शुरू हुआ, लेकिन यह काम आज तक पूरा नहीं हो सका है। शहरी क्षेत्र में बंजारी मोड़, जादोपुर चौक, साधु चौक और हजियापुर को एनएच 28 शहर को दो भाग काटती है, लेकिन यहां का निर्माण अब भी अधूरा ही है।
- 2025 के शुरुआती पांच माह में सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े
- माह - दुर्घटनाएं - दुर्घटना में मृत - दुर्घटना में घायल
- जनवरी 20 15 11
- फरवरी 12 12 04
- मार्च 26 25 08
- अप्रैल 28 27 60
- मई 19 11 17

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