Bihar Election 2025: ताल ठोंक कर बहस कर रहे समर्थक, पसंद के दल का ले रहे पक्ष
गोपालगंज में विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन शुरू होने के साथ ही चुनावी माहौल गरमा गया है। शहरी और ग्रामीण इलाकों में लोग अपनी पसंद के प्रत्याशियों और पार्टियों के समर्थन में बहस कर रहे हैं। भोरे प्रखंड के जिउतछापर गांव में हुई एक चर्चा में विकास पर जोर दिया गया और राजनीतिक दलों के वादों को परखने की बात कही गई।
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई फाइल फोटो। (जागरण)
जागरण संवाददाता, गोपालगंज। विधानसभा चुनाव को लेकर नामांकन प्रारंभ होने के साथ ही अब शहरी इलाके से लेकर ग्रामीण इलाके के लोग भी धीरे-धीरे चुनावी रंग में रंगने लगे हैं।
जगह-जगह लोगों के बीच चुनावी चर्चा अब बहस का रूप लेने लगी है। लोग ताल ठोंक कर अपनी पसंद के राजनीतिक पार्टियों से लेकर प्रत्याशी के पक्ष में गरमा-गरम बहस कर टेंपो हाई कर रहे हैं।
अपने प्रत्याशी को साबित करने के लिए उनके पक्ष में तर्क-वितर्क करने लगे हैं। कोई किसी दल विशेष को देश के लिए अच्छा बता रहा है तो कोई प्रत्याशी को बेहतर साबित करने में लगा है। सबके अपने-अपने तर्क और अपना-अपना पक्ष हैं।
शनिवार को भोरे प्रखंड के जिउतछापर गांव में ऐसी ही एक चुनावी चर्चा जोरदार ढंग से चल रही थी। चर्चा को विनोद मिश्रा आगे बढ़ाते हुए कहते हैं कि यह समय व्यक्तिगत लाभ हानि छोड़कर बिहार के विकास का है।
तर्कों के सहारे वे विकास पर चर्चा करते हुए विकास करने वाले को वोट देने पर जोर देते रहे। इनकी बात का समर्थन करते हुए रवींद्र मिश्रा ने कहा कि हमें जातपात से ऊपर उठकर विकास को ध्यान में रख कर किसी का समर्थन या विरोध करना चाहिए।
चर्चा में शामिल नारद तिवारी ने कहा कि विकास को धरातल पर परखना भी जरूरी है। विजय विहारी बातें रखते हुए कहते हैं कि राजनीतिक दलों के वादों के झांसे में आने की जगह सभी के काम को परख कर उसका समर्थन या विरोध करना चाहिए।
इस चर्चा में आशनारायण शुक्ल तथा बृजेंद्र पांडेय ने भी खुल कर अपनी पसंद के दल और प्रत्याशी के पक्ष में अपनी बात रखी।
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