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    मुस्लिम परिवारों में भी छठ की उमंग, पीढ़ियों पुरानी परंपरा को विधि-विधान से निभा रहे ‘ईदु मियां’

    Updated: Sun, 26 Oct 2025 05:08 AM (IST)

    गोपालगंज के मछागर लछीराम गांव में छठ पूजा को लेकर मुस्लिम परिवारों में भी उत्साह है। यहाँ करीब बीस मुस्लिम परिवार वर्षों से छठ मना रहे हैं। ईदु मियां जैसे लोग घाटों की सफाई और पूजा की तैयारियों में मदद कर रहे हैं। उनके परिवार में यह परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है, जो आपसी भाईचारे का प्रतीक है। यह पर्व सामाजिक सद्भाव और एकता की मिसाल है।

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    मुस्लिम परिवारों में भी छठ की उमंग

    संवाद सूत्र,हथुआ (गोपालगंज)। हथुआ प्रखंड के मछागर लछीराम गांव में छठ महापर्व को लेकर मुस्लिम परिवारों में भी उत्साह और श्रद्धा का माहौल देखने को मिल रहा है। गांव के करीब बीस मुस्लिम परिवार वर्षों से छठ पर्व मनाते आ रहे हैं और इस बार भी ईदु मियां, सेराज, रेहाना, रुखसाना, रबीना सहित दर्जनों लोग घाटों की सफाई और पूजा की तैयारियों में जुटे हैं। 

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    गांव के घरों में इन दिनों छठ के भोजपुरी लोकगीत और पारंपरिक अरघ गीत गूंज रहे हैं। घर-घर में प्रसाद की तैयारी के साथ ही व्रतियों ने स्नान और पूजा सामग्री की व्यवस्था पूरी कर ली है। 

    परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही

    ईदु मियां ने बताया कि उनके परिवार में छठ पूजन की परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है। जब घर में कोई कठिन कार्य या मन्नत पूरी होती है, तो परिवार का नया सदस्य विधि-विधान के साथ छठ पूजा करता है। 

    उन्होंने कहा कि यह पर्व केवल धार्मिक कर्म नहीं, बल्कि विश्वास और आपसी भाईचारे का प्रतीक है। गांव के लोग बताते हैं कि हिंदू-मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग मिलकर घाट की सफाई, सजावट और प्रसाद वितरण में सहयोग करते हैं। 

    इस परंपरा ने गांव में सौहार्द और एकता की एक अनोखी मिसाल कायम की है। इस तरह मछागर लछीराम गांव में छठ महापर्व केवल श्रद्धा और भक्ति का ही नहीं, बल्कि सामाजिक सद्भाव और मिलजुलकर त्योहार मनाने का प्रतीक भी बन चुका है।