Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गोपालगंज में वेतन के बदले रिश्वत का मामला गरमाया, DEO का अल्टीमेटम बेअसर; अब बड़े कदम की तैयारी

    Updated: Mon, 08 Dec 2025 07:21 PM (IST)

    गोपालगंज के शिक्षा विभाग में वेतन के बदले रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है। शिक्षक ग्यासुद्दीन ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने बकाया वेतन के भुगतान ...और पढ़ें

    Hero Image

    शिक्षा भवन गोपालगंज। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, गोपालगंज/बैकंठपुर। जिले के शिक्षा विभाग में आठ लाख रुपये की रिश्वत मांग का गंभीर मामला सामने आने से हलचल मच गई है।

    बरौली प्रखंड के खजुरिया पंचायत स्थित हलवाड़ प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक ग्यासुद्दीन ने आरोप लगाया कि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) मो. साहेब आलम, क्लर्क बाबुजान अंसारी और डीपीओ के वाहन चालक ने उनके बकाया वेतन के भुगतान के बदले अवैध रकम की मांग की।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मामले से जुड़े कई प्रसारित ऑडियो क्लिप्स इंटरनेट मीडिया पर तेजी से फैल रहे हैं, हालांकि दैनिक जागरण इनकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है।

    जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) योगेश कुमार ने आरोपित अधिकारियों को शो-कॉज नोटिस जारी किया और 24 घंटे में जवाब देने को कहा। लेकिन निर्धारित समय पूरी होने के बाद भी विभाग को कोई उत्तर नहीं मिला। डीईओ ने स्पष्ट किया कि मामले को हल्के में नहीं लिया जाएगा और जवाब संतोषजनक नहीं पाए जाने पर कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

    शिक्षक ग्यासुद्दीन का वेतन वर्ष 2015 से विभागीय जांच, नोटिंग और विभिन्न कार्यालयों के चक्कर में रुका हुआ था। उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की और नवंबर 2024 में कोर्ट ने वेतन भुगतान का आदेश दिया। वेतन निर्गत होने के तुरंत बाद ही उनके खिलाफ अवैध धन की मांग का आरोप सामने आया।

    शिक्षक का कहना है कि पैसे नहीं देने पर उन्हें धमकाया भी गया। मामला राजनीतिक स्तर तक पहुंच गया है। तिरहुत स्नातक क्षेत्र के विधान परिषद सदस्य बंशीधर ब्रजवासी ने विधान परिषद में इसे उठाया और आरोपित अधिकारियों पर तुरंत कार्रवाई की मांग की।

    उनका कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी धन की मांग शिक्षा विभाग की पारदर्शिता पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। जिले के सैकड़ों शिक्षक भी इस मामले से नाराज हैं। उनका कहना है कि यदि विभाग ने तुरंत कार्रवाई नहीं की तो आंदोलन का सहारा लेना पड़ेगा।