बिहार के इस जिले में 500 एकड़ जमीन पर खेती ठप, 6 गांव के किसान परेशान; Ex MLA की अपील बेअसर
गोपालगंज के बरौली प्रखंड में जल निकासी की समस्या के कारण किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जोकहां गांव के पास स्लुइस गेट से पानी का निकास बंद होने से छह गांवों की लगभग सौ एकड़ जमीन पर खेती ठप हो गई है। अतिक्रमण के कारण जल निकासी बाधित है जिससे पांच सौ एकड़ कृषि योग्य भूमि प्रभावित है।

जागरण संवाददाता, गाेपालगंज। बरौली प्रखंड क्षेत्र में बड़े पैमाने पर खेती होती है। आधुनिक जमाने के चकाचौंध में हो रहे बेतरतीब निर्माण तथा जलनिकासी के मार्ग पर अतिक्रमण के कारण खेती का रकबा सिमटता जा रहा है। निर्माण के इस दौर में कई स्थानों पर पुल-पुलियों के बंद किए जाने के कारण खेती वाले बड़े भू-भाग जल जमाव की समस्या प्रारंभ हो गई है।
इसी का जीता जागता उदाहरण बरौली प्रखंड के सोनवर्षा पंचायत के जोकहां गांव के समीप बनाए गए स्लुइस गेट के निकल रहे पानी का मार्ग बंद होना है।
बरौली प्रखंड के सोनवर्षा पंचायत के जोकहां गांव में बनाए गए स्लुइस गेट से पानी की निकासी की व्यवस्था बंद होने के बाद आधा दर्जन गांवों की करीब सौ एकड़ जमीन पर लंबे समय से कृषि कार्य बंद हो गया है। इसके अलावा भी प्रखंड में कई स्थानों पर जल जमाव के कारण किसान खरीफ की खेती नहीं कर पाते।
स्लुइस गेट से निकलने वाले पानी के लिए बनाए गए मार्ग पर अतिक्रमण तथा जलनिकासी के मार्ग पर बनाए गए पुलिया के दोनों सिरों पर अतिक्रमण के कारण यह स्थिति पैदा हुई है।
स्थानीय लोग लंबे समय से इस अतिक्रमण को हटाने की मांग कर रहे हैं। इसके बावजूद अतिक्रमण नहीं हट सका है। इसका नतीजा कृषि योग्य भू-भाग पर खेती का कार्य ठप होने के रूप में सामने आया है।
छह गांवों के लोग झेल रहे समस्या
जोकहां स्लुईस गेट से निकलने वाले पानी का बहाव बाधित होने के कारण छह गांवों के लोगों की कृषि योग्य भूमि बेकार हो गई है। इनमें अलापुर, सोनवर्षा तथा सलोना गांव के लोगों की अधिक कृषि योग्य भूमि शामिल है। स्थानीय लोगों ने बताया कि अगर यहां नल निकासी की व्यवस्था दुरुस्त हो जाती है तो बड़े भू-भाग पर कृषि कार्य फिर प्रारंभ हो जाएगा।
पूर्व विधायक की अपील पर नहीं हुई कार्रवाई
पूर्व विधायक ध्रुव नाथ चौधरी ने सरकार से इस नाले को खुलवाने की अपील की थी। उन्होंने सरकार व जिला प्रशासन ने किसानों को इस जलजमाव से मुक्ति दिलाने की दिशा में कार्य कराने को कहा था। उनकी मांग पर सरकार व जिला प्रशासन ने अबतक ध्यान नहीं दिया है।
पांच सौ एकड़ कृषि योग्य जमीन पर नहीं होती खेती
सलोना, आलापुर तथा सोनवर्षा सहित प्रखंड क्षेत्र के एक दर्जन गांवों में करीब तीन पांच सौ एकड़ जमीन पर खेती नहीं हो पाती है। कृषि विभाग भी इस आंकड़े को स्वीकार कर रहा है। इसके बावजूद इस बड़ी समस्या के समाधान की ओर शासन व कृषि विभाग की नजर नहीं है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।