Gopalganj News: जुलाई महीने में सड़क हादसे में इतने लोगों ने गवाई जान, 31 मामलों में नहीं हो पाई वाहन की पहचान
गोपालगंज जिले में जुलाई महीने में सड़क दुर्घटनाओं में 37 लोगों की जान चली गई। पुलिस ने मामले दर्ज कर जांच शुरू कर दी है पर कई वाहनों की पहचान नहीं हो पाई है जिससे मुआवजा वितरण में दिक्कत आ रही है। अधिकतर हादसे ट्रैक्टरों के कारण हुए हैं जिनमें कई बिना पंजीकरण के चल रहे हैं। पुलिस ने जनता से सहयोग की अपील की है।

जागरण संवाददाता, गोपालगंज। जिले में सड़क हादसों का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते जुलाई माह में जिले के विभिन्न हिस्सों में हुए सड़क हादसों में 37 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। यातायात थाना पुलिस ने सभी मामलों में प्राथमिकी कर जांच शुरू कर दी है, लेकिन इनमें से 31 मामलों में हादसे में शामिल वाहनों की पहचान अब तक नहीं हो सकी है, जिससे जांच और मुआवजा प्रक्रिया दोनों प्रभावित हो रही हैं।
यातायात पुलिस के अनुसार, अधिकांश हादसे ट्रैक्टर की चपेट में आने से हुए हैं। जिले में बड़ी संख्या में ट्रैक्टर और ट्राली बिना पंजीकरण और बिना नंबर प्लेट के सड़कों पर दौड़ रहे हैं।
दुर्घटना के बाद ऐसे वाहनों की पहचान करना बेहद कठिन हो जाता है। यही वजह है कि मृतकों के परिजनों को मिलने वाला सरकारी मुआवजा महीनों तक अटक जाता है।
जुलाई में हुई 37 मौतें जिले के लिए एक चेतावनी हैं कि यातायात नियमों के पालन और वाहनों के पंजीकरण को सख्ती से लागू किए बिना सड़क सुरक्षा संभव नहीं है। पुलिस और प्रशासन के अभियान के साथ-साथ जनता का सहयोग ही इस समस्या का स्थायी समाधान बन सकता है।
मुआवजा में कानूनी अड़चन
यातायात डीएसपी मिश्रा सोमेश ने बताया कि मुआवजा दिलाने के लिए ‘ई-डार’ फॉर्म भरना अनिवार्य है, जिसे हादसे की जांच कर रहे पुलिस पदाधिकारी तैयार करते हैं। लेकिन जब वाहन की पहचान नहीं हो पाती, तो फार्म में आवश्यक विवरण नहीं भरे जा सकते। परिणामस्वरूप, पीड़ित परिवार न्याय और आर्थिक सहायता दोनों से वंचित रह जाते हैं।
पुलिस का सख्त रुख
डीएसपी सोमेश ने कहा कि बिना नंबर प्लेट या फर्जी नंबर प्लेट वाले वाहनों के खिलाफ पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। वाहन मालिकों को चेतावनी दी गई है कि ऐसे वाहनों को सार्वजनिक सड़कों पर चलाना कानूनन अपराध है, और पकड़े जाने पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आने वाले दिनों में जिले भर में विशेष अभियान चलाकर ऐसे वाहनों को जब्त किया जाएगा।
जनसहयोग की अपील
पुलिस ने आमजन से अपील की है कि किसी भी हादसे की स्थिति में तुरंत वाहन का नंबर, रंग, मॉडल और अन्य पहचान संबंधी जानकारी पुलिस को उपलब्ध कराएं, ताकि दोषियों को जल्द पकड़ा जा सके और पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।
ग्रामीण क्षेत्रों में समस्या ज्यादा
अधिकारियों का कहना है कि जिले के ग्रामीण इलाकों में ट्रैक्टर-ट्राली का उपयोग कृषि कार्यों के साथ-साथ मालवाहन और यात्री परिवहन में भी हो रहा है। बिना पंजीकरण के इनका संचालन न केवल यातायात नियमों का उल्लंघन है, बल्कि लोगों की जान के लिए भी बड़ा खतरा है।

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