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    पुनपुन नदी पर नेपाल-भूटान से पिंडदान करने पहुंचे श्रद्धालु, फूल माला व पूजन सामग्री की खूब हुई बिक्री

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 04:52 PM (IST)

    पितृपक्ष के आरम्भ के साथ किंजर के पुनपुन नदी घाट पर पिंडदानियों का आगमन शुरू हो गया है। नेपाल और भूटान जैसे पड़ोसी देशों से भी श्रद्धालु अपने पितरों की मुक्ति की कामना लेकर पहुंचे। पिंडदानियों ने सरकार द्वारा उचित व्यवस्था न किए जाने पर निराशा व्यक्त की जिससे उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

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    किंजर पुनपुन नदी घाट पर पिंडदान के लिए आए नेपाल-भुटान से पिंडदानी

    संवाद सहयोगी, किंजर (अरवल)। पितृपक्ष का पवित्र महीना शुरू हो गया है। अपने पितरों के मोक्ष प्राप्ति की कामना लेकर प्रथम पिंडदान एवं तर्पण के लिए शनिवार से पुनपुन नदी घाट पर पिंडदानियों का आना प्रारंभ हो गया है।

    सुबह से ही सूर्य मंदिर परिसर पिंडदानियों से पट गया। एनएच-33 के दोनों किनारों पर लगभग एक किलोमीटर तक वाहनों की कतार लग गई। पड़ोसी देश नेपाल व भूटान से भी हिंदू धर्मालम्बी अपने पितरों की मोक्ष प्राप्ति की कामना को लेकर प्रथम पिंडदान करने सपरिवार पहुंचे थे।

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    कटक उड़ीसा से आशीष अग्रवाल, मुंबई से अनूप अग्रवाल, रामगढ़ राजस्थान से पंडित विनोद तिवारी, कोरबा छत्तीसगढ़ से सुशीला देवी, राजस्थान के नागौर जिले से सुनील अग्रवाल, राजेंद्र अग्रवाल भूटान से, रवि भूषण महाराज नई दिल्ली से, स्वरूप मोहन जोशी नेपाल से, सुनील थापा नेपाल के पोखरा से पहुंचे थे।

    पिंडदानियों के आने का सिलसिला सुबह सात बजे से प्रारंभ हुआ, जो देर शाम तक जारी रहा। पिंडदानियों ने कहा कि बिहार सरकार के द्वारा इस महत्वपूर्ण स्थान पर कोई विशेष व्यवस्था नहीं किया गया है, जो काफी खेद का विषय है।

    पितृपक्ष मेला 15 दिनों का होता है, किंजर पुनपुन नदी घाट पर जिला प्रशासन की ओर से कोई इंतजाम नहीं पितृपक्ष के मौके पर नहीं किया गया। पटना जिले के पुनपुन नदी हाल्ट के पास पितृपक्ष में आने वाले पिंडदानियों की सुविधा के लिए काफी इंतजाम किया गया है, लेकिन यहां न तो जिला प्रशासन और न ही प्रखंड पदाधिकारी ने सुधी ली।

    आसपास के ग्रामीणों ने कहा कि शौचालय के लिए महिला या पुरुष को खेत खलिहान में जाना पड़ रहा है। पिछले वर्ष ग्रामीण गोताखोर को करपी अंचल द्वारा तैनात किया गया था, लेकिन इस वर्ष प्रशासन न तो ग्रामीण गोताखोर को तैनात किया है और न ही एसडीआरएफ।

    फूल माला व पूजन सामग्री की खूब हुई बिक्री

    पितृपक्ष को लेकर किंजर सूर्य मंदिर परिसर के समीप दर्जनों फूल-माला ,पान एवं पूजन सामग्री की दुकान सज गई हैं। सभी दुकानों पर खूब बिक्री हो रही है, दुकानदार खुश हैं। उनका कहना था कि जिस तरह पितृपक्ष के पहले दिन श्रद्धालुओं का तांता लगा है, इसी तरह आगे भी लोग आते रहे तो अच्छी आमदनी हो जाएगी।

    किंजर पुनपुन नदी घाट पर मुंडन को लेकर नाई की दुकान भी चल पड़ी है। पिंडदान के लिए आने वाले सभी पुरुष पिंडदानी सबसे पहले अपना बाल दाढ़ी का मुंडन कराते हैं उसके बाद ही पुनपुन नदी में स्नान कर प्रथम पिंडदान करने की प्रक्रिया में लग जाते हैं।

    इस अवसर पर कई दर्जन किंजर एवं आसपास के नाई अपने साथ बैठने के लिए कुर्सी एवं सर मुंडन का सामग्री लेकर सुबह से ही पहुंचे हुए थे एक-एक नई को हजार रूपये की आमदनी हुई पिंडदानी नाई को सर मुंडन के बाद श्रद्धा से पैसा दे रहे थे, कि नाई काफी खुश थे।

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