Bihar Chunav 2025: बिहार में वोटिंग से पहले 32 लाख से अधिक रुपये बरामद, मतदाताओं को खरीदने की आशंका
बिहार में चुनाव आयोग (Bihar Election Commision) ने 2025 के चुनावों (Bihar Assembly Election) से पहले रजला में बड़ी कार्रवाई करते हुए 32 लाख 42 हजार रुपये जब्त किए। यह कार्रवाई चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए रखने के उद्देश्य से की गई है। चुनाव आयोग का लक्ष्य है कि चुनावों से पहले अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण रखा जाए।
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घर के बक्से से बरामद हुई भारी नकदी, पूरी कार्रवाई की गई वीडियोग्राफी
संवाद सूत्र, झाझा (जमुई)। पुलिस अधीक्षक विश्वजीत दयाल के निर्देश पर झाझा पुलिस ने मंगलवार की रात बड़ी कार्रवाई करते हुए रजला गांव के निवासी महेंद्र यादव के घर से 32 लाख 42 हजार रुपये नकद बरामद किए।
यह कार्रवाई निर्वाचन आयोग के निर्देश के तहत की गई। छापेमारी का नेतृत्व एसडीपीओ राजेश कुमार एवं दंडाधिकारी रोहित कुमार ने किया। एसडीपीओ राजेश कुमार ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि रजला गांव में महेंद्र यादव के घर पर भारी मात्रा में नकदी रखी गई है, जिसे किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने की तैयारी चल रही है।
सूचना के आधार पर एसएसटी टीम के साथ छापेमारी की गई, जिसमें घर के बक्से से 32 लाख 42 हजार रुपये बरामद हुए। पूरे छापेमारी की वीडियोग्राफी कराई गई, जिसमें दरवाजा खुलवाने से लेकर बक्सा खोलने तक की प्रक्रिया दर्ज की गई।
छापेमारी के दौरान घर में महेंद्र यादव की पत्नी सुषमा देवी मौजूद थीं, जो झाझा अस्पताल में आशा कार्यकर्ता के रूप में कार्यरत हैं। वहीं, महेंद्र यादव स्थानीय स्तर पर भजन-कीर्तन का कार्य करते हैं। पुलिस के अनुसार, बरामद राशि के संबंध में गृहस्वामी से पूछताछ की जा रही है, लेकिन अब तक उन्होंने किसी भी प्रकार की स्पष्ट जानकारी नहीं दी है।
इस दौरान किसी भी राजनीतिक दल का झंडा, पोस्टर या प्रचार सामग्री घर से नहीं मिली। एसडीपीओ ने कहा कि यह कार्रवाई निर्वाचन आचार संहिता के तहत की गई है। बरामद राशि पर अब तक किसी ने दावा नहीं किया है।
मामले की सूचना आयकर विभाग को दी गई है, जिनके आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। छापेमारी दल में थानाध्यक्ष संजय कुमार, एसआई धर्मेंद्र कुमार सहित कई पुलिस अधिकारी और जवान शामिल थे।
हालांकि इस मौके पर प्रखंड विकास पदाधिकारी सुनील कुमार चांद उपस्थित रहे। सूत्रों के अनुसार, पुलिस को शक है कि यह पैसा मतदाताओं को प्रलोभन देने के उद्देश्य से किसी दल द्वारा भेजा गया था, जिसकी भनक पुलिस को पहले ही लग गई थी।

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