अमित कुमार राय, चंद्रमंडी(जमुई)। जमुई शिक्षा विभाग अपनी करनी को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाला एक बार फिर से चर्चा में है। इस बार परलोक सिधार चुके शिक्षक को वीक्षण कार्य में ड्यूटी थमाकर विभाग चर्चित हुआ है।
चकाई प्रखंड के एक मृत शिक्षक रंगनाथ प्रसाद सिंह को भी इस बार शिक्षा विभाग ने बच्चों के परीक्षा की जिम्मेदारी दी है, जबकि उनकी मौत तीन साल पहले ही हो चुकी है।
हैरत की बात है कि तीन साल पहले हुई शिक्षक की मौत की जानकारी शिक्षा विभाग को नहीं है। यह जानकारी शिक्षा विभाग को क्यों नहीं है? यह बड़ा सवाल यही है।
अब मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग की कार्यशैली चर्चा में है। हालांकि, शिक्षा विभाग इसे भूल बताकर सुधार करने की बात कह रहा है।
क्या है पूरा मामला?
मामला चकाई प्रखंड के चंद्रमंडी शैक्षणिक अचल अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय, धमनिया से जुड़ा है। यहां के शिक्षक रंगनाथ प्रसाद सिंह की तीन साल पहले ही मौत हो गई है, लेकिन मंगलवार को चकाई शिक्षा विभाग ने वर्ग 01 से 08 तक के बच्चों की अर्धवार्षिक परीक्षा के लिए वीक्षण कार्य की जिम्मेदारी 921 शिक्षकों पर सौंपते हुए सूची जारी की है।
इसमें क्रमांक सं. 763 पर उत्क्रमित मध्य विद्यालय, धमनिया के शिक्षक रंगनाथ प्रसाद सिंह को भी बच्चों की परीक्षा लेने की जिम्मेदारी सौंप दी गई है तथा उन्हें उत्क्रमित मध्य विद्यालय, बुधवाडीह आवंटित किया गया है।
इधर, सूची जारी होने के बाद तरह-तरह की चर्चा हो रही है कि आखिर सूची बनाने वाले शिक्षा विभाग के कर्मचारियों और पदाधिकारियों को अपने ही विभाग के मृत शिक्षक के बारे में लंबे समय बीत जाने के बावजूद पता क्यों नहीं चल रहा है?
मालूम हो कि पूर्व में भी इस प्रकार का मामला शिक्षा विभाग के स्तर से सामने आ चुका है। अब एक बार फिर से यह मामला सामने आया है।
गलती से मृत शिक्षक का नाम टाइप हो गया था। सूची में सुधार किया जा रहा है। फिर से सूची सुधार कर प्रकाशित किया जाएगा। - बादल कुमार, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, चकाई
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