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    कटिहार में कटाव रोकने के लिए बनी संरचना खुद गंगा में बही, 15 करोड़ एक झटके में पानी में डूबे

    Updated: Thu, 20 Nov 2025 02:37 AM (IST)

    कटिहार में गंगा नदी के कटाव को रोकने के लिए बनाई गई 15 करोड़ की संरचना खुद ही नदी में बह गई। इस घटना से स्थानीय लोगों में निराशा है और उन्होंने निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार की आशंका जताई है। लोगों ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है ताकि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके।

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     कटिहार में पानी में बह गई कटाव से बचाव के लिए बनी संरचना। फोटो जागरण

    संवाद सूत्र, अमदाबाद (कटिहार)। प्रखंड के बबला बन्ना गांव के समीप कटाव से बचाव के लिए बनाया गया संरचना बुधवार सुबह खुद गंगा नदी में बह गया। क्रेटेड बाेल्डर एप्रोन का लगभग 70 मीटर भाग कटकर नदी में समा गया।

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    इससे शेष 430 मीटर पर भी खतरे की घंटी बज गई है। वर्ष 2024 में ही 15 करोड़ के खर्च से क्रेटेड बोल्डर एप्रोन का निर्माण पूर्ण हुआ था। इससे नदी में समाने के बाद बबला बन्ना, कोढ़ाबाद, युसूफ टोला, सुबेदार टोला, भादु टोला समेत दर्जन बस्ती कटाव की आशंका से सहमे हैं।

    बताया जाता है कि बुधवार की सुबह से कटाव की गति बढ़ गई थी। देखते ही देखते क्रेटेड बाल्डर एप्रोन नदी के गर्भ में समा गया। कटाव स्थल पर ही जामा मस्जिद है जिसका कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है।

    कटाव की सूचना मिलने पर जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता दीपक कुमार, मुख्य अभियंता अनवर जलील, बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल कटिहार के कार्यपालक अभियंता अनिरुद्ध कुमार ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।

    15 करोड़ की लागत से हुआ था कटाव रोधी कार्य

    बबला बन्ना गांव पिछले दो-तीन साल से कटाव की जद में है। इस गांव का बड़ा हिस्सा कट कर नदी में समा गया है। गांव को बचाने के लिए विभाग द्वारा 15 करोड़ की लागत से 500 मीटर में कटावरोधी कार्य किया गया है।

    सैंकड़ों परिवार हो चुके विस्थापित: पंचायत समिति सदस्य हबीबुर रहमान, मोहम्मद लतीफ, मेफताउर, आलमगीर इत्यादि ने कहा कि बबला बन्ना गांव विगत कई वर्षों से गंगा नदी के कटाव की जद में है।

    अब तक सैकड़ों परिवार कटाव के कारण विस्थापित हो गए हैं। यहां कटाव रोधी कार्य के तहत क्रेटेड बोल्डर एप्रोन का कार्य हुआ था जिससे उन लोगों ने राहत की सांस ली थी लेकिन पुन: कटाव होने से वे लोग सहमे हुए हैं। ग्रामीणों को अंदेशा है कि ससमय कटाव नहीं रोका गया तो जमा मस्जिद भी काटकर विलीन हो सकता है।

    मदरसे पर भी गहराया संकट

    ग्रामीणों ने बताया कि उक्त जामा मस्जिद के प्रांगण में मदरसा सुलेमानिया बबला बन्ना भी संचालित है। लोगों ने कहा कि मस्जिद का हिस्सा कटाव से क्षतिग्रस्त हो गया है।

    अगर मस्जिद धराशाई होती है तो मदरसा भी नदी के गर्भ में समा जाएगा। मदरसा के प्रधान मौलवी सईदुर रहमान ने बताया कि मदरसे में 211 छात्र-छात्रा नामांकित हैं। बुधवार से मस्जिद के समीप कटाव शुरू हो गई है।