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    Bihar News: खगड़िया में 50 साल बदली बागमती की धारा, कटाव से हो सकता है जवइनिया जैसा हाल

    Updated: Wed, 19 Nov 2025 09:30 AM (IST)

    बिहार के खगड़िया जिले में बागमती नदी ने 50 वर्षों में अपना रास्ता बदल दिया है, जिससे व्यापक कटाव हो रहा है। इस बदलाव से स्थानीय लोग चिंतित हैं क्योंकि उनके घर और खेत खतरे में हैं। प्रशासन स्थिति की निगरानी कर रहा है और सहायता प्रदान करने के लिए कदम उठा रहा है।

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    निर्भय, खगड़िया। खगड़िया नदी-पानी का जिला है। यहां कब कौन नदी किस करवट मुड़ जाए, कहना मुश्किल है। केबी तटबंध के 38.4 किलोमीटर के सामने उत्तर माड़र पंचायत के तीनगछिया गांव के पास बागमती की धारा मुड़ चुकी है। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल-दो, खगड़िया, के कार्यपालक अभियंता मनीष कुमार कहते हैं- ग्रामीणों ने बताया कि 50 वर्ष के बाद बागमती ने यहां धारा बदली है।

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    इधर, फरकिया की नदी-पानी के गहन अध्येता नदी विशेषज्ञ ब्रजभूषण झा ने बताया कि, वर्ष 2008 के आसपास बाढ़ नियंत्रण विभाग की ओर से उत्तर माड़र पंचायत के सिमराहा के समीप बागमती पर पूरब से उत्तर दिशा में एक चैनल बनाया गया। उससे बागमती की धारा अवरुद्ध हो गई। नदी के सहज प्रवाह मार्ग में बाधा उत्पन्न होने से अब बागमती अपनी पुरानी धारा में शिफ्ट हो रही है। जिससे कटाव हो रहा है।

    खैर, अगहन में बागमती भीषण कटाव कर रही है। आधे किलोमीटर की लंबाई में कटाव हो रहा है। लगभग 30 एकड़ से अधिक खेती की भूमि बागमती में समा गई है। किसानों के होश उड़े हुए हैं। रसौंक के किसान उग्र नारायण यादव ने बताया कि, अगहन में कटाव हो रहा है। 15 दिनों से कटाव जारी है।

    82 वर्षीय किसान उग्र नारायण यादव की सात बीघा जमीन नदी में समा गई है। ढाई बीघा में फसल लगी हुई थी। स्थानीय जिला परिषद सदस्य प्रतिनिधि सुनील चौरसिया ने बताया कि सबलपुर के रकीम उद्दीन, कलीम उद्दीन, रसौंक के कैलाश चौरसिया आदि की खेती योग्य भूमि नदी में चली गई है।

    कटाव करते-करते नदी प्रसिद्ध आध्यात्मिक स्थल माइजीथान(बड़ी कात्यायनी मंदिर) के पास पहुंच चुकी है। ग्रामीण माइजीथान को बचाने के लिए बीते सोमवार को यहां पहुंच मंदिर परिसर से बाहर बागमती के तट पर पूजा-अर्चना भी की।

    बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल-दो, खगड़िया, की ओर से यहां पांच दिनों से फ्लड फाइटिंग कार्य जारी है, परंतु कटाव पर नियंत्रण पाना मुश्किल हो रहा है। यहां कटाव पर नियंत्रण पाने को लेकर एनसी(नाइलन क्रेट), बंबूरोल, हाथीपांव, बंडाल आदि का कार्य किया जा रहा है, परंतु बागमती पर नियंत्रण पाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।

    मंगलवार को कटाव स्थल का जायजा कौशिकी कश्यप, प्रभारी पदाधिकारी जिला आपदा शाखा खगड़िया, रिया राज, सहायक आपदा प्रबंधन पदाधिकारी खगड़िया आदि ने लिया। मौके पर कौशिकी कश्यप ने बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों से आवश्यक विचार-विमर्श किया। उन्होंने कहा कि कटाव पर नियंत्रण को लेकर हर संभव प्रयास करें।

    नदी धारा ही बदल चुकी है। नदी कटाव करते-करते माइजीथान के पास पहुंच चुकी है। माइजीथान को बचाने और कटाव पर नियंत्रण पाने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। -मनीष कुमार, कार्यपालक अभियंता बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल-दो, खगड़िया।

    कटाव स्थल का जायजा लिया गया है। यहां नदी का प्रवाह तीव्र है। नदी मंदिर की तरफ डायरेक्ट हिट कर रही है। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल-दो, खगड़िया, की ओर से यहां फ्लड फाइटिंग कार्य कराया जा रहा है। 24 घंटे फ्लड फाइटिंग कार्य जारी है। -
    कौशिकी कश्यप, प्रभारी पदाधिकारी जिला आपदा शाखा खगड़िया।