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    Khagaria news: कारतूस तस्करी केस में आर्म्स सेक्शन का असिस्टेंट गिरफ्तार, हथियार तस्करों को देता था लाइसेंस

    Updated: Mon, 04 Aug 2025 11:37 PM (IST)

    खगड़िया समाहरणालय के आर्म्स सेक्शन के कार्यपालक सहायक अविनाश कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उस पर आरोप है कि वह मृत लाइसेंसधारियों के लाइसेंस हथियार तस्करों को देता था। तस्कर इन लाइसेंसों का इस्तेमाल कर विभिन्न जिलों से कारतूस खरीदते थे और गिरोहों के बीच बेचते थे। पूर्णिया पुलिस और एसटीएफ ने अविनाश को गिरफ्तार किया है।

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    कारतूस तस्करों से सांठ-गांठ मामले में खगड़िया आर्म्स सेक्शन का कार्यपालक सहायक गिरफ्तार

    जागरण संवाददाता, खगड़िया। मृत लाइसेंसधारी का जमा लाइसेंस हथियार तस्कर को उपलब्ध कराने के मामले में खगड़िया समाहरणालय स्थित सामान्य शाखा के आर्म्स सेक्शन के कार्यपालक सहायक अविनाश कुमार को गिरफ्तार किया गया है। उसे सोमवार की संध्या कचहरी पथ से गिरफ्तार किया गया है।

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    पूर्णिया पुलिस व एसटीएफ ने अविनाश कुमार को गिरफ्तार किया है। पूर्णिया के हाट थाना में उस पर मामला दर्ज है। उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि खगड़िया के चित्रगुप्तनगर थानाध्यक्ष सिंटू कुमार ने की है।

    आरोप है कि सामान्य शाखा में रहकर वह मृत लाइसेंसधारी के जमा लाइसेंस को अवैध राशि लेकर हथियार तस्कर को उपलब्ध कराता था। उस लाइसेंस पर हथियार तस्कर विभिन्न जिलों से आर्म्स दुकान से कारतूस खरीदकर गिरोहों के बीच बेच देता था।

    हाल ही में खगड़िया के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के कुम्हरचक्की गांव निवासी एक मृत लाइसेंस धारी के नाम से पूर्णिया के कई दुकानों से कारतूस उठाव का मामला सामने आया था। पुलिस का कहना है कि उक्त मामले में पूर्णिया के, K हाट थाना में केस दर्ज हुआ था। जिस मामले में अविनाश कुमार को गिरफ्तार किया गया है।

    इधर, हाजीपुर रेल थानाध्यक्ष गुंजन कुमार ने बताया कि उसकी तलाश यहां के मामले में भी थी। पिछले दिनों रेल पुलिस हाजीपुर के हत्थे चढ़े मानसी के हथियार तस्कर सोना बाबू की स्वीकारोक्ति बयान में भी उक्त कार्यपालक सहायक का नाम आया था।

    करीब 200 कारतूसों की हुई तस्करी 

    सूत्र का कहना है कि शेखपुरा के एक मृत लाइसेंस धारी के लाइसेंस पर भी करीब दो सौ कारतूस की खरीद की गई थी। इस मामले की भी कई दिनों से जांच चल रही थी। मालूम हो कि कारतूस तस्करी का मामला खुलने के बाद अविनाश कुमार बचाव के लिए चित्रगुप्तनगर थाना पहुंचे थे।

    जहां उन्होंने कुछ दिनों पहले लाइसेंस गायब होने की बात कहते हुए केस दर्ज करने का आग्रह किया था, लेकिन थानाध्यक्ष सिंटू कुमार को इसमें कुछ झोल का आभास होने पर केस दर्ज नहीं करके उसकी जांच करने की बात कहते हुए उन्हें वापस कर दिया था।

    बहरहाल, आर्म्स सेक्शन से हो रहे बड़े पैमाने पर कारतूसों की तस्करी मामले की गहन जांच होने बाद बहुत कुछ खुलासा होने की संभावना बढ़ गई है।