जीत गए तो फिर RJD में भाग जाएंगे ओवैसी के विधायक? 5 नेताओं ने दिखाई झलक, तोड़ी वफादारी की कसम; काम न आया 'खुदा का वास्ता'
Asaduddin Owaisi: टिकट न मिलने से नाराज़ होकर पांच लोगों ने एआइएमआइएम पार्टी छोड़ दी और दूसरे दलों से चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने पार्टी पर टिकट वितरण में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। पार्टी अध्यक्ष ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि टिकट सर्वे के आधार पर दिए गए थे और कसमें तोड़ने वालों को खुदा सजा देगा। राजनीतिक जानकारों के अनुसार, राजनीति में कसमें तोड़ना कोई नई बात नहीं है।

Asaduddin Owaisi: टिकट नहीं मिलने से नाराज कसम खाने वाले पांच नेताओं ने पार्टी का छोड़ा साथ, निर्दलीय बनकर उतरे बिहार चुनाव में।
अमरेंद्र कांत, किशनगंज। Asaduddin Owaisi एक फिल्म का गाना झूठी खाई थी कसम वो निभाई नहीं... चुनाव के माहौल में एआइएमआइएम के कुछ नेताओं पर सटीक बैठती है। टिकट की लालसा में पहले तो पार्टी के लिए वफादार बने रहने की कसमें खाई। लेकिन जैसे ही पार्टी ने दूसरे को टिकट दिया कसमों को भूलकर पार्टी छोड़ने लगे। इनमें तो कुछ दूसरी पार्टी से तो एक निर्दलीय मैदान में हैं। इनलोगों ने पार्टी पर टिकट वितरण में गड़बड़ी व पैसे के लेनदेन का भी आरोप लगा दिया। हालांकि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने इन बातों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि इस्लाम में कसमें खाकर तोड़ने की सजा भी खुदा देते हैं।
विधानसभा चुनाव के दौरान एआइएमआइएम से टिकट की दावेदारी के लिए किशनगंज को ही पार्टी ने मुख्यालय बनाया था। सीमांचल समेत सूबे के कई जिलों से दो सौ से अधिक टिकट के दावेदार यहां पहुंचे थे। टिकट की दावेदारी करने वाले सभी को ईश्वर व अल्लाह की शपथ दिलाई जा रही थी कि वो चुनाव के दौरान, चुनाव के बाद पार्टी नहीं छोड़ेंगे। इसका वीडियो भी बनाया जाता था। कई वीडियो वायरल भी हुआ था।
उस समय पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल ईमान ने कहा था कि उनके पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते चार गद्दार दूसरे दल में शामिल हो गये। जिस कारण इसबार पार्टी टिकट के दावेदारों को शपथ दिलवा रही है। लेकिन जैसे ही टिकट का वितरण शुरू हुआ पार्टी में मारामारी शुरू हो गई। कई आरोप लगाते हुए टिकट के पांच दावेदारों ने पैसे लेकर टिकट देने का आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ दिया। इस दौरान उन्हें ली गई कसमें भी याद नहीं रहा।
इनमें से दो तो दूसरे दल से टिकट लेकर तो एक निर्दलीय मैदान में उतर गये। पैसे लेकर टिकट देने का आरोप के साथ ही लोगों ने विरोध भी जताया। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष का पुतला भी फूंका गया। जिसके बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने प्रेस कांफ्रेस कर एक-एक सीट पर टिकट सर्वे के आधार पर देने की बात कही।
उन्होंने कहा कि एक सीट से कई दावेदार रहते हैं टिकट एक ही को मिलता है। चुनाव लड़ने के लिए हैसियत भी देखना पड़ता है। कई ऐसे दावेदार थे जिन्हें पांच समर्थक तक नहीं थे। अब घर-घर तो टिकट नहीं दिया जा सकता है। पैसे लेने की बात पूरी तरह गलत है। कसमें खाने वाले लोग अगर कसमों को तोड़ दिए तो चुनाव के बाद क्या करते। अब अल्लाह के हवाले सबकुछ है।
राजनीतिक जानकारों की मानें तो कसम खाना व तोड़ना कोई नई बात नहीं है। पार्टी टिकट पर चुनाव जीतने वाले जब पार्टी छोड़ सकते हैं। सत्ता के लिए सदन में पाला बदल सकते हैं। ऐसे में कसम को तोड़ना कोई बड़ी बात नहीं है। वैसे, अब राजनीति ही सिद्धांत विहीन होती जा रही है।
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