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    Nepal Social media Ban: भारत से सटे नेपाल के इलाके में भड़की हिंसा, बॉर्डर पर बढ़ाई गई सुरक्षा

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 09:31 PM (IST)

    नेपाल सरकार द्वारा 26 से अधिक इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाने के विरोध में बीरतामोड़ में हिंसक प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस स्टेशन में आग लगा दी जिसके बाद पुलिस ने गोलीबारी की। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया। युवाओं ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमले के रूप में इस फैसले का विरोध किया।

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    नेपाल के वीरता मोड़ में प्रदर्शन करते प्रदर्शनकारी

    संवाद सूत्र, ठाकुरगंज (किशनगंज)। नेपाल सरकार द्वारा 26 से अधिक इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाने के फैसले नेपाल-भारत सीमा से सटे झापा जिले के बीरता मोड़ में सोमवार की शाम हिंसक प्रदर्शन किया गया।

    बीरतामोड़ के मुक्ति चौक स्थित यातायात पुलिस कार्यालय को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए दर्जनों राउंड गोलियां चलानी पड़ी। देर रात तक इलाके में अफरातफरी का माहौल रहा। इस दौरान जिला प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया।

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    नेपाल सरकार द्वारा 26 से अधिक इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के खिलाफ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला मानते हुए युवाओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया जो हिंसक आंदोलन में बदल गया।

    युवाओं ने झापा जिले के दमक नगर में प्रदर्शन शुरू किया था। प्रदर्शनकारियों ने कई बाइकों में आग लगा दी और तोड़फोड़ की। देखते ही देखते आंदोलन दमक चौक से नगर पालिका क्षेत्र की ओर फैल गया।

    इसके बाद भीड़ बिरतामोड़ पहुंची और मुक्ति चौक पर जमा होकर पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगी। शाम होते-होते स्थिति और भड़क गई। गुस्साई भीड़ ने बिरतामोड़ नगर पालिका परिसर में भी आगजनी की कोशिश की।

    इसी दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच जमकर झड़प हुई। पुलिस ने स्थिति को काबू में लाने के लिए लाठीचार्ज और फायरिंग की, जिससे भगदड़ की स्थिति बन गई।

    जानकारी के अनुसार नेपाल की राजधानी काठमांडू में रविवार को हुए एक विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोली से एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई थी। इसी घटना से गुस्साए गेंजी युवाओं ने झापा और इटहरी समेत देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसक आंदोलन तेज कर दिया।

    नेपाल के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में गंभीर चिंता जताई है। आयोग के प्रवक्ता डा. टीकाराम पोखरेल ने बयान जारी कर कहा कि प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा किया गया अत्यधिक बल प्रयोग लोकतांत्रिक मूल्यों और मानवाधिकारों के खिलाफ है।

    उन्होंने कहा कि संविधान और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के तहत किसी भी व्यक्ति या समूह को शांतिपूर्ण विरोध दर्ज कराने का अधिकार है। सरकार को चाहिए कि वह असहमतिपूर्ण आवाजों को समय रहते सुने और उनका समाधान करें। न कि उन्हें हिंसा से दबाए।

    इधर, झापा के प्रमुख जिला अधिकारी गोपाल कुमार अधिकारी ने बीरता मोड़ नगरपालिका झेत्र में कर्फ्यू लगाने का आदेश जारी कर दिया है।

    भारत-नेपाल सीमा पर बढ़ी चौकसी

    झापा जिला भारत-नेपाल सीमा से महज 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, लिहाजा हिंसक घटनाओं को देखते हुए ठाकुरगंज प्रखंड सीमा के इंडो - नेपाल बार्डर पर सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और स्थानीय प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है।

    ठाकुरगंज बार्डर से लेकर गलगलिया और अन्य चेक पोस्टों पर सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है। ताकि असामाजिक तत्व सीमा पार कर भारत में नहीं घुस सकें।

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