India Nepal Border: नेपाल से भागे कैदी भारत में ले सकते है शरण, भारत-नेपाल सीमा पर हाई अलर्ट
नेपाल में प्रदर्शनों के बीच 13 हजार से अधिक कैदी जेलों से फरार हो गए हैं जिसके बाद सीमा पर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। रामेछाप जेल में सेना की गोलीबारी में दो कैदियों की मौत हो गई। किशनगंज जिले से सटी सीमा पर एसएसबी की 36 चौकियां तैनात हैं। अब तक 35 फरार कैदी पकड़े जा चुके हैं।

बीरबल महतो, ठाकुरगंज (किशनगंज)। नेपाल में प्रदर्शनों से उपजे हिंसक माहौल और अराजकता के बीच अबतक 13 हजार से अधिक कैदी नेपाल के जेलों एवं पुलिस कस्टडी से फरार हो चुके हैं।
इसी बीच नेपाल सरकार ने शुक्रवार तक कर्फ्यू बढ़ा दिया है और देर शाम तक अंतरिम प्रधानमंत्री के नाम की घोषणा होने की संभावना जताई जा रही है। इस बीच गुरुवार को रामेछाप जेल से भागने की कोशिश कर रहे कैदियों पर सेना ने गोलीबारी की। इसमें दो कैदियों की मौत हो गई, जबकि दस घायल हुए।
सेना के नियंत्रण में आने के बाद नेपाल में गोलीबारी की यह पहली बड़ी घटना है। दरअसल, जेन जी की अगुवाई में शुरू हुए भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों ने नेपाल की राजनीति को हिला कर रख दिया है।
प्रदर्शन के अफरातफरी का फायदा उठाते हुए बड़ी संख्या में कैदी जेलों से भाग निकले। नेपाल के गृह मंत्रालय और पुलिस के अनुसार, भागे हुए कैदियों में संगीन अपराधी भी शामिल हैं। कैदी के भारत की सीमा में घुसपैठ करने की आशंका से एसएसबी व बिहार पुलिस अलर्ट है।
भारत-नेपाल सीमा पर हाई अलर्ट
नेपाल के झापा जिले से सटे बिहार के किशनगंज जिले में स्थिति संवेदनशील मानी जा रही है। खुली सीमा होने के कारण आशंका है कि कई फरार कैदी अपनी सुरक्षा के लिए यहां पनाह ले सकते हैं।
किशनगंज की लगभग 80 किमी लंबी सीमा नेपाल से सटी है, जहां एसएसबी की 41वीं वाहिनी की 04, 19वीं वाहिनी की 17 और 12वीं बटालियन की 15 कुल 36 बीओपी (बॉर्डर आउट पोस्ट) हैं।
ठाकुरगंज स्थित 19वीं बटालियन के उप कमांडेंट विकास कुमार पांडे ने बताया कि नेपाल में कर्फ्यू लागू होने के बावजूद एसएसबी जवान 24 घंटे सतर्क हैं। बॉर्डर पर गश्त और जांच कड़ी कर दी गई है। उन्होंने देश के नागरिकों से अपील की कि वे घबराएं नहीं, सीमा पर पूरी मुस्तैदी के साथ सुरक्षा व्यवस्था में एसएसबी तैनात है।
भारत में पकड़ा रहे हैं फरार कैदी
जानकारी के मुताबिक सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) व बिहार पुलिस की चौकसी से अब तक भारत-नेपाल सीमा पर 35 फरार कैदी पकड़े जा चुके हैं। इनमें 22 उत्तर प्रदेश, 10 बिहार और 3 पश्चिम बंगाल की सीमा पर गिरफ्तार किए गए।
पकड़े गए कैदियों में मोहम्मद अब्दुल भी शामिल है, जिसने पूछताछ में कबूल किया कि वह नेपाल में लंबे समय से सोने की तस्करी में सक्रिय था। जेल से भागने के बाद उसका इरादा रक्सौल होते हुए कोलकाता पहुंचने और वहां से बांग्लादेश लौटने का था, लेकिन एसएसबी की मुस्तैदी ने उसकी योजना विफल कर दी।
भारत और नेपाल दोनों के लिए चुनौती
जानकारों का मानना है कि नेपाल की जेलों से भागे कैदियों का भारत में प्रवेश दोनों देशों के लिए कानून-व्यवस्था की चुनौती साबित हो सकता है। फिलहाल सीमा पर चौकसी और स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय को और मजबूत किया जा रहा है, ताकि किसी भी संभावित खतरे को समय रहते रोका जा सके।
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