बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष जल्द खोलेंगे राजद नेताओं की पोल, शराबबंदी पर कही यह बड़ी बात
बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार में राजद के लोग शराब की सप्लाई कर रहे हैं। वे जल्द ही इसका खुलासा करेंगे। बिहार में गुंडाराज चल रहा है अब यहां चल रही है विचारधारा की लड़ाई।

जागरण टीम, लखीसराय। बिहार में शराबबंदी के नाम पर मजाक बनाया जा रहा है। राजद के लोग ही बिहार में शराब की सप्लाई कर रहे हैं। इसका जल्द खुलासा करेंगे। यहां गुंडाराज कायम हो गया है। ये बातें बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कही। वे यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि यदि नीतीश कुमार को हिम्मत है तो विधानसभा को भंग करके चुनाव कर ले, अंदाजा लग जाएगा कि बिहार की जनता क्या चाहती है। भाजपा मोकामा और गोपालगंज में उपचुनाव जितने जा रही है। यहां के लोगों ने जंगलराज मिटाने के लिए ही एनडीए को वोट किया था। लेकिन, जदयू के निज स्वार्थ के कारण यहां गुंडाराज कायम हो गया है। दारू और बालू के खेल में सरकारी दल के लोग लगे हैं। अवैध कमाई की जुगत करके भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। भाजपा इसके खिलाफ सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ेगी। सरकार में बैठे लोगों के चाल और चरित्र को जनता के सामने बेनकाब करेंगे। विचारधारा की लड़ाई में भाजपा हर समय जनता का ख्याल रख रही है।
विजय कुमार सिन्हा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे सिर्फ अपनी कुर्सी की चाहत रखते हैं। वे अपने राजनीतिक उद्देश्य से भटक चुके हैं। अभी चुनाव हो जाये तो उन्हें अपनी लोकप्रियता का अंदाजा लग जाएगा।
सत्ता संरक्षित लोगों को मिला बालू का ठेका
बिहार के लखीसराय में सत्ता संरक्षित लोगों को ही बालू का ठेका मिला है। यहां बालू और दारु पर सत्ता संरक्षित लोगों का कब्जा है। अवैध कार्य में पूरा सिस्टम लिप्त है। भ्रष्ट लोगों की जमात है। कुशासन में बैठे लोगों को जनता की चिंता नहीं है। चोर दरवाजे से कुर्सी का संचालन करके जनहित की बातें की जा रही है। चोर दरवाजे से इस गुंडाराज को चलने नहीं देंगे।
अतिक्रमण हटाने के नाम पर लोगों के घर तोड़े जा रहे हैं लेकिन उन्हें बसाने का काम नहीं किया जा रहा है। जबकि प्रत्येक भूमिहीन को पांच डिसमल जमीन देने का सरकारी प्रावधन है लेकिन इस दिशा में काम नहीं हो रहा है। लखीसराय में रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाना जायज है लेकिन वर्षों से वहां रह रहे लोगों को खुले आसमान में छोड़ दिया गया है। उन्हें बसावट की जमीन देने की चिंता सरकार और प्रशासन को नहीं है। वे लोग नदी के किनारे खुले आकाश में रह रहे हैं।

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