लखीसराय विधानसभा: कोर वोटरों को साध रहा एनडीए, महागठबंधन भी सेंधमारी की जुगत में
लखीसराय विधानसभा क्षेत्र में एनडीए और महागठबंधन अपने मुख्य मतदाताओं को रिझाने में जुटे हैं। दोनों गठबंधन मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। एनडीए अपने परंपरागत वोट बैंक को एकजुट रखने पर ध्यान दे रहा है, जबकि महागठबंधन एनडीए के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश कर रहा है। मतदाता विकास और रोजगार जैसे मुद्दों पर ध्यान दे रहे हैं।

कोर वोटरों को साध रहा एनडीए, सेंधमारी में जुटा महागठबंधन। फाइल फोटो
मनीष कुमार, लखीसराय। लखीसराय मां बाला त्रिपुर सुंदरी और इंद्रदमनेश्वर महादेव की भूमि है। इसका इतिहास पाल काल से जुड़ा हुआ है। यह मुंगेर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। लखीसराय विधानसभा क्षेत्र में लखीसराय नगर परिषद व बड़हिया नगर परिषद के अलावा बड़हिया, रामगढ़ चौक, हलसी प्रखंड के साथ ही लखीसराय प्रखंड की सात पंचायतें हैं।
यहां से राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा एनडीए समर्थित भाजपा उम्मीदवार हैं तो दूसरी ओर महागठबंधन समर्थित कांग्रेस प्रत्याशी अमरेश कुमार अनीश दोबारा चुनाव मैदान में कड़ी टक्कर देते दिख रहे हैं। दोनों ही भूमिहार समाज से आते हैं।
लखीसराय विस सीट के इतिहास को देखें तो 1977 में इस सीट के अस्तित्व में आने के बाद से अब तक यदि 2015 के विस चुनाव को छोड़ दें तो यहां दोनों प्रमुख गठबंधन भूमिहार समाज से ही प्रत्याशी देते रहा है, क्योंकि इस क्षेत्र में दो तिहाई मतदाता भूमिहार समाज से आते हैं।
एनडीए प्रत्याशी अपने कोर वोटरों को साधने में लगे हैं तो महागठबंधन प्रत्याशी एनडीए के कोर वोट में सेंधमारी करने में जुटे हुए है। हर जगह भूमिहार वोट में बंटवारा होता दिखाई दे रहा है। ऐसे में इस बार हार-जीत का अंतर बहुत कम हो सकता है।
हालांकि, एनडीए के साथ मुश्किलें यह भी है कि यहां जदयू और भाजपा में कोई खास तालमेल नहीं दिख रहा है। इस विस के बूथ नंबर एक की शुरुआत बड़हिया क्षेत्र से होती है। बड़हिया नगर परिषद व नौ पंचायत को मिलाकर लगभग 99 हजार मतदाता हैं।
बड़हिया कांग्रेस प्रत्याशी का गांव है तथा भाजपा नेता केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी यहीं के रहने वाले हैं। स्थानीय गणेश सिंह कहते हैं कि बड़हिया में एनडीए और कांग्रेस दोनों में कांटे की टक्कर है। विनोद सिंह कहते हैं कि हमारे समाज को गाली देने वाले को हम कैसे वोट दे सकते हैं।
वहीं सोनू कुमार कहा कहना है कि इस बार गांव के बेटा को वोट करेंगे। पाली पंचायत में 85 प्रतिशत मतदाता धानुक जाति के व 15 प्रतिशत में पचपनिया हैं। मनोज महतो, अरविंद महतो, कारू महतो आदि कहते हैं कि एनडीए सरकार में टाल के हर गांव तक सड़क एवं बिजली पहुंची है तथा भय का वातावरण दूर हुआ है।
ऐजनीघाट के वीरो महतो, तनिक महतो कहते हैं कि टाल से डर का वातावरण खत्म हो चुका है, हमलोग फिर से पुराने समय में नहीं लौटना चाहते हैं। गिरधरपुर के रामचंदर पासवान, विरंची पासवान कहते हैं कि टाल में किसी समय एक भी सड़क चलने लायक नहीं हुआ करती थी, अभी बड़हिया 15 मिनट में घर पहुंच जाते हैं।
दामोदर पासवान कहते हैं कि मुंह वाले लोग ही योजना का लाभ उठा पाते हैं, दबे कुचले लोगों को सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलता है। इसलिए बदलाव जरूरी है। वहीं डुमरी, गंगासराय, जैतपुर, लक्ष्मीपुर पंचायत में दोनों गठबंधन के बीच वोट विभाजित होता दिखाई दे रहा है।
एनडीए से छिटक रहे कुशवाहा वोटर
हलसी प्रखंड में मतदाताओं की संख्या लगभग 85 हजार है। यहां यादव, कुशवाहा, भूमिहार, पासवान, मांझी सहित अन्य समाज के लोगों की मिश्रित आबादी है। इस क्षेत्र में जातीय गोलबंदी अधिक है।
यहां दोनो गठबंधन के अनुसार जाति के आधार पर लोग वोटिंग करेंगे। हालांकि इस क्षेत्र के कुशवाहा वोटरों में एनडीए को लेकर इस बार नाराजगी दिखाई दे रही है। धीरा के कृष्णनंदन प्रसाद कहते हैं कि क्षेत्र में विकास का कार्य नहीं हुआ है।
इसलिए इस बार महागठबंधन को वोट करेंगे। साढ़ामाफ के अशोक यादव, बल्लोपुर के चौढ़ी निवासी देवेंद्र प्रसाद सिंह, सिरखिंडी के पवन राम आदि का कहना है कि यहां सिंचाई के साधन नहीं है। छिलका ध्वस्त हो गया। इसे भी दुरुस्त नहीं किया गया।
ऐसे में हमलोग इस बार कांग्रेस को वोट देंगे। रामगढ़ प्रखंड औरे के निलेश कुमार, नितेश कुमार कहते हैं कि हमलोग विकास के साथ हैं। राज्य को पीछे ले जाने वाले को वोट नहीं करेंगे।
इस पंचायत के ही गरसंडा के गोपेश सिंह कहते हैं कि यहां बदलाव जरूरी है। विकास के नाम पर सिर्फ सपने दिखाए गए। बिल्लो के भोलू कुमार कहते हैं कि तेजस्वी यादव युवा हैं, हमलोग इस बार उन्हें ही वोट करेंगे।
क्षेत्र में पचमनिया वोटरों में बिखराव की स्थिति है। लखीसराय पुरानी बाजार निवासी सौरभ सिंह, रामानंद सिंह, दिनेश गुप्ता, गोपीचंद आदि कहते हैं कि हमलोग एनडीए के साथ हैं।
आतंकराज को वापस नहीं लाना चाहते हैं। नया बाजार निवासी पवन यादव, देवेंद्र यादव, अनिक साव, सुबोध साव आदि कहते हैं कि इस बार परिवर्तन जरूरी हो गया है। परिवर्तन करने से ही विकास को गति मिलेगी। एक ही प्रत्याशी को लगातार जिताने से विकास की गति थम जाती है।
जातिगत आंकड़ा
- भूमिहार - 2 लाख
- राजपूत - 5 हजार
- कायस्थ - 5 हजार
- ब्राह्मण - 10 हजार
- यादव - 30 हजार
- कोईरी - 15 हजार
- कुर्मी - 10 हजार
- सहनी- 15 हजार
- वैश्य - 50 हजार
- मुस्लिम - 5 हजार
कुल बूथ - 468
- मतदाताओं की कुल संख्या - 389624
- पुरुष मतदाता - 297707
- महिला मतदाता - 181907

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