BJP या RJD? अब तक 17 विधायक चुनने में 9 चेहरों पर भरोसा; जानिए सूर्यगढ़ा सीट की इनसाइड स्टोरी
लखीसराय के सूर्यगढ़ा विधानसभा क्षेत्र में बिहार चुनाव की आहट से राजनीतिक सरगर्मी तेज है। NDA और महागठबंधन के संभावित उम्मीदवार जनता के बीच हैं पर तस्वीर अभी साफ नहीं है। टिकट न मिलने पर कई नेता निर्दलीय उतर सकते हैं। 1952 से 2020 तक यहां 17 विधायक चुने गए जिसमें प्रह्लाद यादव पांच बार विधायक रहे। कांग्रेस भाकपा और निर्दलीय उम्मीदवारों का भी दबदबा रहा है।

संवाद सहयोगी, लखीसराय। बिहार विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। इसको लेकर सूर्यगढ़ा विधानसभा क्षेत्र में राजनैतिक तापमान बढ़ने लगा है।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन एवं महागठबंधन के संभावित प्रत्याशी के अलावा जनसुराज एवं निर्दलीय संभावित प्रत्याशी भी जनता के बीच पहुंचने लगे हैं।
ये अलग बात है कि प्रमुख दल राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन एवं महागठबंधन के प्रत्याशी की भी अबतक तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। दोनों ही दल के कई-कई लोग खुद को संभावित प्रत्याशी बताकर जनता के बीच पहुंच रहे हैं।
जबकि दोनों ही प्रमुख दल के प्रत्याशी को लेकर सूर्यगढ़ा विधानसभा क्षेत्र की जनता ऊहापोह की स्थिति में है। इतना तो तय है कि टिकट नहीं मिलने की स्थिति में दोनों ही दल के कई लोग निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में कूदकर चुनाव को रोचक बनाते हुए अपने ही दल के प्रत्याशी की जीत की राह में रोड़ा अटकाएंगे।
सूर्यगढ़ा विधानसभा सीट से वर्ष 1952 से 2020 तक 17 विधायक चुने जा चुके हैं। जिसमें से सूर्यगढ़ा की जनता ने नौ चेहरे पर ही भरोसा किया है। सबसे अधिक पांच बार राजद से प्रह्लाद यादव ने सूर्यगढ़ा विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया है।
दो-दो बार राजेश्वरी प्रसाद सिंह, सुनैना शर्मा, रामजी महतो एवं प्रेमरंजन पटेल ने तथा एक-एक बार पंडित कार्यानंद शर्मा, भागवत प्रसाद मेहता, अलख शर्मा एवं सतीश कुमार ने सूर्यगढ़ा विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया है।
सूर्यगढ़ा की जनता ने विभिन्न दल के प्रत्याशी के साथ-साथ निर्दलीय प्रत्याशी पर भी भरोसा किया है। वर्ष 1952 से 1977 तक सूर्यगढ़ा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस, भाकपा एवं संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी का दबदबा रहा है।
वर्ष 1952 में कांग्रेस के राजेश्वरी प्रसाद सिंह, वर्ष 1957 में भाकपा के पंडित कार्यानंद शर्मा, वर्ष 1962 में कांग्रेस के राजेश्वरी प्रसाद सिंह, वर्ष 1967 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के भागवत प्रसाद मेहता, वर्ष 1969 एवं 1972 में भाकपा की सुनैना शर्मा ने जीत हासिल की है।
वर्ष 1977 में सूर्यगढ़ा की जनता ने कांग्रेस, भाकपा एवं सीएसपी को नजरअंदाज कर निर्दलीय रामजी प्रसाद महतो पर भरोसा जताया। वर्ष 1980 में आईएनसी (यू) की टिकट पर पुन: रामजी प्रसाद महतो, वर्ष 1985 में कांग्रेस के अलख शर्मा एवं वर्ष 1990 में भाकपा के सतीश कुमार ने जीत दर्ज की।
वर्ष 1995 में सूर्यगढ़ा की जनता ने रामजी प्रसाद महतो, कांग्रेस एवं भाकपा उम्मीदवार को नजरअंदाज कर निर्दलीय प्रह्लाद यादव पर विश्वास जताते हुए जीत दिलाई। वर्ष 2000 एवं 2005 में राजद की टिकट पर प्रह्लाद यादव, वर्ष 2005 एवं 2010 में भाजपा के प्रेमरंजन पटेल, वर्ष 2015 एवं 2020 में राजद से प्रह्लाद ने जीत दर्ज की है।
कब किसको मिली जीत
वर्ष | विजयी प्रत्याशी | दल |
---|---|---|
1952 | राजेश्वरी प्रसाद सिंह | कांग्रेस |
1957 | पंडित कार्यानंद शर्मा | भाकपा (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी) |
1962 | राजेश्वरी प्रसाद सिंह | कांग्रेस |
1967 | भागवत प्रसाद मेहता | संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी |
1969 | सुनैना शर्मा | भाकपा (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी) |
1972 | सुनैना शर्मा | भाकपा (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी) |
1977 | रामजी महतो | निर्दलीय |
1980 | रामजी महतो | आइएनसी (यू) |
1985 | अलख शर्मा | कांग्रेस |
1990 | सतीश कुमार | भाकपा (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी) |
1995 | प्रह्लाद यादव | निर्दलीय |
2000 | प्रह्लाद यादव | राजद (राष्ट्रीय जनता दल) |
2005 | प्रह्लाद यादव | राजद (राष्ट्रीय जनता दल) |
2005 | प्रेमरंजन पटेल | भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) |
2010 | प्रेमरंजन पटेल | भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) |
2015 | प्रह्लाद यादव | राजद (राष्ट्रीय जनता दल) |
2020 | प्रह्लाद यादव | राजद (राष्ट्रीय जनता दल) |
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