Bihar Politics: डिप्टी सीएम और ललन सिंह के इलाके में गरजे प्रशांत किशोर, इन पांच मुद्दों पर की चर्चा
जन सुराज अभियान के संस्थापक प्रशांत किशोर ने लखीसराय में कहा कि बिहार की जनता को जाति-धर्म से ऊपर उठकर बच्चों के भविष्य के लिए वोट करना चाहिए। उन्होंने नीतीश लालू और मोदी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। उन्होंने युवाओं के पलायन पर चिंता व्यक्त की और चिराग पासवान को एनडीए सरकार छोड़ने की सलाह दी। तेज प्रताप के पीली टोपी पहनने पर भी उन्होंने चुटकी ली।

जागरण संवाददाता, सूर्यगढ़ा (लखीसराय)। जन सुराज अभियान के संस्थापक प्रशांत किशोर रविवार को बिहार बदलाव यात्रा के क्रम में लखीसराय पहुंचे। यहां सूर्यगढ़ा के पब्लिक हाई स्कूल मैदान में आयोजित जनसभा में उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और शासन व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार और विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोला।
जनसभा में उमड़ी भारी भीड़ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि बिहार की जनता जाति-धर्म को नहीं, बल्कि अपने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर वोट करे।
प्रशांत किशोर ने कहा, इस बार किसी नेता के चेहरे पर नहीं, बल्कि अपने बच्चों के चेहरे को देखकर वोट करें। उन लोगों को पहचानें जो आपको वर्षों से ठगते आ रहे हैं। चाहे नीतीश हों, लालू हों या मोदी, सभी ने सिर्फ वादे किए, लेकिन बच्चों को न तो स्कूल मिला और न ही रोजगार।
उन्होंने कहा कि बिहार के 50 लाख से अधिक युवा दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और गुजरात में 10-12 हजार रुपये की मजदूरी कर रहे हैं। क्या यही आपका अपने बच्चों के लिए सपना था? अब समय आ गया है कि उन्हें बिहार बुलाकर यहां सम्मानजनक रोजगार दिया जाए। जन सुराज इसी सोच के साथ खड़ा है।
पीके ने चिराग पासवान को दिए सलाह
प्रशांत किशोर ने लोजपा नेता चिराग पासवान के हालिया बयान, "मुझे दुख है कि मैं इस सरकार का हिस्सा हूँ" पर टिप्पणी करते हुए कहा, "अगर चिराग जी बिहार में अपराध और भ्रष्टाचार से सचमुच दुखी हैं, तो उन्हें एनडीए सरकार से अलग हो जाना चाहिए। एक तरफ आप सत्ता में बने रहना चाहते हैं, दूसरी तरफ आलोचना करते हैं, जनता अब इस दोहरे चरित्र को समझने लगी है।" उन्होंने कहा कि जनता का दबाव ही है कि अब एनडीए के सहयोगी भी सरकार के खिलाफ बोलने को मजबूर हो रहे हैं।
तेज प्रताप के पीली टोपी पहनने पर चुटकी
पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव के पीली टोपी पहनने पर पत्रकारों के सवाल के जवाब में प्रशांत किशोर ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, "जो भी पीली टोपी पहनता है, वह जन सुराज में नहीं आया है। तेज प्रताप जी से पूछिए कि वह कब हरा पहनते हैं और कब पीला। जन सुराज का रंग पीला है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हर पीली टोपी जन सुराज हो गई है।" उन्होंने कहा कि बदलाव चाहने वालों की पहचान रंग से नहीं, बल्कि नीयत से होगी।
जनसभा में प्रशांत किशोर ने जन सुराज के पांच मुख्य एजेंडों पर भी विस्तार से चर्चा की।
- शिक्षा में सुधार: सरकारी स्कूलों की स्थिति बदलनी होगी, जहाँ सिर्फ़ मध्याह्न भोजन नहीं, बल्कि पढ़ाई भी हो।
- स्थानीय रोज़गार: हर ज़िले में कौशल आधारित उद्योग और छोटे रोज़गार केंद्र खोले जाएँगे।
- स्वास्थ्य सेवाएं: प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को आधुनिक उपकरणों और डॉक्टरों से सुसज्जित किया जाएगा।
- ग्राम विकास: हर पंचायत में पानी, नाली, सड़क और इंटरनेट जैसी बुनियादी सुविधाएँ सुनिश्चित की जाएंगी।
- जनता का राज: पंचायत से लेकर विधानसभा तक ईमानदार, जवाबदेह नेतृत्व का चयन।
बैठक में ये रहे मौजूद
जनसभा की अध्यक्षता पार्टी के ज़िला अध्यक्ष रसपति पांडेय ने की। इस दौरान बिहार प्रदेश सचिव अमित सागर, उपाध्यक्ष करण भाई मुन्न, सूर्यगढ़ा प्रखंड अध्यक्ष बालेश्वर साह, ज़िला उपाध्यक्ष माधुरी चौधरी आदि मौजूद रहे। जबकि प्रशांत किशोर के आगमन से पहले गायक कलाकार सुनील छैला बिहारी और सुप्रिया पांडे ने कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
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