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    नीतीश मिश्रा को बिहार के नए मंत्रिमंडल में क्यों नहीं मिल सकी जगह? जदयू नेता ने रखी पूरी बात

    By Devkant MunnaEdited By: Ajit kumar
    Updated: Sat, 22 Nov 2025 07:27 PM (IST)

    Nitish Mishra exclusion: पूर्व उद्योग मंत्री और मधुबनी के झंझारपुर विधायक नीतीश मिश्रा को इस बार सीएम नीतीश कुमार मंत्रिमंडल ने जगह नहीं मिल सकी है। इसको लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं। किस ने क्या खेल कर दिया? कहां से पत्ता कट गया? इसको लेकर बातें हो रही हैं। इस बीच एनडीए के महत्वपूर्ण सहयोगी जदयू की ओर से स्थिति साफ कर दी गई है। इसके साथ ही सोशल मीडिया में चल रही चर्चा के तथ्यहीन होने पर निराशा भी प्रकट की है।

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    भाजपा नेता नीतीश मिश्रा पिछली सरकार में उद्योग विभाग का कामकाज देख रहे थे। फाइल फोटो   

    संवाद सहयोगी, झंझारपुर (मधुबनी)। Bihar new cabinet formation: सीएम नीतीश कुमार के कैबिनेट में इस बार कई कद्दावर नेताओं को जगह नहीं मिल सकी। भाजपा ने अपने कोटे से पुराने चेहरों की जगह नए नेताओं को मौका दिया है। इसी क्रम में मधुबनी जिला से खजौली के विधायक अरुण शंकर प्रसाद को कैबिनेट में स्थान दिया गया है। उन्हें पर्यटन के साथ ही साथ कला संस्कृति एवं युवा मंत्रालय दिया गया है।

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    इसके साथ ही एक और चर्चा तेजी से चल रही है। यह है नीतीश मिश्रा को कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से जुड़ी। विशेषकर मधुबनी और झंझारपुर में। सोशल मीडिया में तरह-तरह की बातें हो रही हैं। अब जदयू का जवाब आ गया है।

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    जदयू ने अपना पक्ष रखा

    नए मंत्रिमंडल के गठन और विभागों के बंटवारे के बाद पहली बार मीडिया से बातचीत करते हुए जदयू जिलाध्यक्ष फूले भंडारी ने पूरे प्रकरण पर अपनी बात रखी। झंझारपुर विधायक नीतीश मिश्रा और शीला मंडल को मंत्री पद नहीं मिलने के मामले पर पार्टी की स्थिति साफ की।

    उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र के विधायक का मंत्री बनना स्थानीय विकास और जनता की अपेक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने स्वीकार किया कि जदयू की भी इच्छा थी कि झंझारपुर को प्रतिनिधित्व मिले, लेकिन निर्धारित कोटे के कारण सभी विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करना संभव नहीं था।

    Nitish mishra and nitish kumar

    भाजपा का आंतरिक फैसला

    भंडारी ने स्पष्ट कहा कि भाजपा कोटे से मंत्री चुनने का अधिकार पूरी तरह भाजपा संगठन का आंतरिक निर्णय है। उन्होंने कहा, “नीतीश मिश्रा एक सक्षम और लोकप्रिय विधायक हैं। उनका नाम मंत्रिमंडल में न आना निश्चित रूप से निराशाजनक है, लेकिन यह भाजपा का फैसला है, जिसमें जदयू का कोई हस्तक्षेप नहीं है।”

    सोशल मीडिया के भ्रामक पोस्ट पर आपत्ति

    जदयू जिलाध्यक्ष ने सोशल मीडिया पर पार्टी नेताओं को निशाना बनाते हुए की जा रही टिप्पणियों पर एतराज जताया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग तथ्यहीन और भ्रामक पोस्ट कर एनडीए की एकजुटता को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे व्यवहार से गठबंधन की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और जनता में भ्रम फैलता है। उन्होंने अपील की कि सोशल मीडिया पर मर्यादित और तथ्यपरक संवाद किया जाए।

    रिक्तियां और भविष्य से उम्मीद

    भंडारी ने बताया कि एनडीए सरकार के मंत्रिमंडल में कुल 36 पद तय हैं। इनमें भाजपा कोटे के 15 में से 14 भरे गए हैं, जबकि एक पद रिक्त है। जदयू कोटे से 15 में से 9 मंत्रियों की घोषणा हो चुकी है तथा 6 पद खाली हैं।

    इसके अलावा चिराग पासवान की पार्टी की एक सीट तथा एक सामूहिक सीट भी रिक्त है। उन्होंने कहा कि भविष्य में संभावित विस्तार के दौरान भाजपा के 1, जदयू के 6 और चिराग पासवान की पार्टी के 1 प्रतिनिधि को कैबिनेट में शामिल किए जाने की संभावना है।

    भंडारी ने एनडीए को ‘पांच पांडव जैसा मजबूत गठबंधन’ बताते हुए कहा कि भाजपा संगठन ने संभवतः किसी बड़े उद्देश्य के तहत अभी नीतीश मिश्रा को मंत्रिमंडल से बाहर रखा है और भविष्य में उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है।

    जदयू जिलाध्यक्ष ने जिस ओर इशारा किया है वह महत्वपूर्ण है। बिना किसी तथ्य और आधार के सोशल मीडिया पर पोस्ट करना और उसकी वजह से सहयोगी पर प्रभाव पड़ना चिंताजनक स्थिति है। इसके लिए समन्वय टीम के गठन की जरूरत है।