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    कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके डॉ. शकील अहमद का खुलासा, मधुबनी के दो विधानसभा क्षेत्रों में टिकट बांटने में नहीं ली गई सलाह

    Updated: Sun, 23 Nov 2025 05:30 AM (IST)

    कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके डॉ. शकील ने खुलासा किया कि मधुबनी के दो विधानसभा क्षेत्रों में टिकट वितरण के दौरान उनसे सलाह नहीं ली गई। उन्होंने पार्टी के महत्वपूर्ण फैसलों में अपनी अनदेखी पर नाराजगी जताई और टिकट वितरण प्रक्रिया पर सवाल उठाए, जिससे पार्टी में असंतोष फैल गया है।

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    मधुबनी के दो विधानसभा क्षेत्रों में टिकट वितरण में नहीं ली गई सलाह: डॉ. शकील

    जागरण संवाददाता, मधुबनी। कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री डॉ. शकील अहमद ने कहा कि मधुबनी लोकसभा क्षेत्र के दो विधानसभा क्षेत्रों बेनीपट्टी और हरलाखी में कांग्रेस पार्टी का टिकट वितरण के समय उनसे सलाह-मशविरा नहीं किया गया।

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    खुद को उपेक्षित महसूस करते हुए कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे चुका हूं। वे शनिवार को शहर के एक होटल सभागार में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।

    उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य स्तर पर टिकट चयन में लगी टीमों की गलतियों और गड़बड़ियों के कारण कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह भी कहा कि पहले अन्य पार्टियों में पैसे लेकर टिकट देने की चर्चा होती थी, लेकिन इस बार कांग्रेस में भी टिकट बंटवारे में पैसों के लेन-देन की शिकायतें कई स्तरों पर उठाई जा रही हैं।

    टिकट बंटवारे में हुई गंभीर अनियमितताओं को लेकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा कि कई वरिष्ठ नेता एवं कार्यकर्ता खुले तौर पर आरोप लगा रहे हैं कि टिकट पाने के लिए पैसे दिए गए। कांग्रेस हाईकमान को तत्काल इसकी जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करनी चाहिए।

    उन्होंने कहा कि कांग्रेस का सिद्धांत और विचारधारा उनके भीतर रची-बसी है। वे किसी अन्य पार्टी में नहीं जाएंगे। नई पार्टी बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रतिदिन बड़ी संख्या में मिलने वाले लोग नई पार्टी बनाने की बात कर रहे हैं, लेकिन फिलहाल उनका इस दिशा में कोई निर्णय नहीं है।

    उन्होंने कहा कि बिहार में कांग्रेस को अपने अस्तित्व के लिए हर जिले की सभी सीटों पर मजबूती से खुद चुनाव लड़ना होगा। बेनीपट्टी सीट पर पहले भी पार्टी को रिपोर्ट दी थी कि यहां से राजद के साथ जब भी चुनाव लड़ा गया है, हार ही हुई है।