गैर-इरादतन हत्या के मामले में पिता-पुत्र को अलग-अलग सजा, एक को 5, दूसरे को 2 वर्ष का कारावास
झंझारपुर न्यायालय ने गैर-इरादतन हत्या के मामले में श्याम सुंदर महतो को पांच वर्ष और बासुदेव महतो को दो वर्ष की सजा सुनाई। यह फैसला 2021 के एक मामले में आया, जिसमें गोपाल महतो की मृत्यु हो गई थी। न्यायालय ने मृतक की पत्नी को मुआवजा देने का भी आदेश दिया।

पिता-पुत्र को अलग-अलग सजा
संवाद सहयोगी, झंझारपुर। जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश-तृतीय श्री अनिल कुमार राम की अदालत ने शुक्रवार को गैर-इरादतन हत्या के एक मामले में दो अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए अलग-अलग सजा सुनाई। यह फैसला सत्रवाद संख्या 431/2022 (भेजा थाना कांड संख्या 48/2021) में दिया गया।
श्याम सुंदर महतो को पांच वर्ष का कारावास
अदालत ने अभियुक्त श्याम सुंदर महतो, पिता बासुदेव महतो, निवासी भेजा, थाना भेजा को धारा 304 (भाग-2) के तहत गैर-इरादतन हत्या का दोषी पाया।
उन्हें पांच वर्ष का साधारण कारावास और 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड का भुगतान नहीं करने पर अतिरिक्त छह माह का साधारण कारावास भुगतना होगा।
बासुदेव महतो को दो वर्ष की सजा
इसी मामले में अभियुक्त बासुदेव महतो, पिता स्व. अकलू महतो, निवासी भेजा को धारा 325 के तहत दोषी ठहराया गया। उन्हें दो वर्ष का साधारण कारावास तथा 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा दी गई। अर्थदंड न देने पर अतिरिक्त तीन माह का कारावास भुगतना होगा।
पूर्व कारावास अवधि होगी समायोजित
माननीय न्यायालय ने अभियुक्तों द्वारा वाद के दौरान जेल में बिताई गई अवधि को धारा 428 दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत उनकी सजा में समायोजित करने का निर्देश दिया।
घटना का विवरण
अपर लोक अभियोजक देवशंकर झा ने जानकारी दी कि यह मामला 1 जून 2021 को अंबिका देवी द्वारा भेजा थाना में दर्ज कराया गया था।
शिकायत में श्याम सुंदर महतो, बासुदेव महतो, प्रवेश यादव और राजा बाबू प्रधान पर गाली-गलौज के साथ लोहे के रॉड व फरसा से हमला करने का आरोप लगाया गया था।
हमले में अंबिका देवी के पुत्र गोपाल महतो गंभीर रूप से घायल हुए थे, जिनकी उपचार के दौरान मृत्यु हो गई थी।
जांच में श्याम सुंदर महतो पर गोपाल के सिर पर फरसा से वार करने तथा बासुदेव महतो पर मारपीट करने का आरोप सिद्ध पाया गया।
पीड़ित परिवार को मिलेगा मुआवजा
अदालत ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार, मधुबनी के सचिव को निर्देश दिया कि मृतक गोपाल महतो की पत्नी रानी गोपाल महतो को बिहार विक्टिम कम्पनसेशन स्कीम-2014 के तहत मुआवजा उपलब्ध कराया जाए। बचाव पक्ष का पक्ष: मामले में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता लक्ष्मेश्वर सिंह ने अपनी दलीलें प्रस्तुत की।

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