Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Khajauli Vidhan Sabha Chunav Result: खजौली सीट पर एक बार फिर चला BJP का सिक्का, अरुण शंकर प्रसाद की लगातार दूसरी जीत

    Updated: Fri, 14 Nov 2025 08:59 PM (IST)

    Khajauli Vidhan Sabha Election Result 2025: बीजेपी के अरुण शंकर प्रसाद ने राजद के बृज किशोर यादव को 13,000 से ज्यादा वोटों से हराकर खजौली सीट पर लगातार दूसरी जीत हासिल की। 11 नवंबर को मतदान में शुरुआती रुझानों से ही प्रसाद आगे रहे; 2020 में उन्होंने 83,161 वोट से 22,689 वोटों का अंतर बनाया था। 2015 में राजद जीती थी।

    Hero Image

    खजौली सीट पर BJP के अरुण शंकर प्रसाद की जीत।

    डिजिटल डेस्क, खजौली (मधुबनी)। Khajauli Vidhan Sabha Election Result 2025 खजौली विधानसभा सीट से बीजेपी के अरुण शंकर प्रसाद ने एक बार फिर शानदार जीत दर्ज की है। शुरुआती राउंड से ही उन्होंने बढ़त बनाए रखी और अंत में राजद के बृज किशोर यादव को 13 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से हराकर लगातार दूसरी बार इस सीट पर कब्जा जमा लिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कैसा रहा मुकाबला?

    11 नवंबर को हुए मतदान के बाद यहां मुकाबला सीधे बीजेपी और राजद के बीच सिमट गया था। अरुण शंकर प्रसाद जहां अपने 2020 के मजबूत जनाधार के भरोसे उतरे थे, वहीं बृज किशोर यादव ने पिछली हार का बदला लेने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी। लेकिन अंतिम नतीजों में जीत का झंडा बीजेपी के हाथ ही रहा।

    2020 की तरह इस बार भी बढ़त बरकरार

    2020 में अरुण शंकर प्रसाद ने 83,161 वोट पाकर 22,689 वोटों के विशाल अंतर से जीत दर्ज की थी। इस बार अंतर भले कम रहा हो, लेकिन 13 हजार से ज्यादा वोटों की बढ़त ने फिर साबित कर दिया कि खजौली में बीजेपी का जनाधार मजबूत है।

    राजनीतिक पृष्ठभूमि

    2015 में यह सीट राजद के खाते में गई थी, लेकिन 2020 में बीजेपी ने फिर वापसी करके यह सीट हासिल की और 2025 में भी मतदाताओं ने उसी भरोसे को दोहराया है। लगातार दो चुनाव बीजेपी के खाते में जाने के बाद अब खजौली की राजनीति में अरुण शंकर प्रसाद की पकड़ और मजबूत मानी जा रही है।

    नतीजे क्या बताते हैं?

    मौजूदा नतीजों ने साफ कर दिया है कि खजौली में जनता ने विकास और स्थिरता के एजेंडे पर फिर एक बार बीजेपी को चुना। त्रिकोणीय मुकाबले की संभावनाओं के बीच भी मुख्य लड़ाई इन्हीं दो दलों में रही और अंत में अरुण शंकर प्रसाद विजयी बने।