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    Madhubani News: कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर पिपराघाट में चार लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

    By Madan Lal Karna Edited By: Ajit kumar
    Updated: Wed, 05 Nov 2025 04:24 PM (IST)

    Madhubani News: कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मधुबनी के पिपराघाट में कमला, बलान और सोनी नदी के संगम पर भारी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हुए। लगभग चार लाख लोगों ने त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई और पूजा-अर्चना की। मेले में साधु-संतों के शिविर, मंदिर और देवी-देवताओं की प्रतिमाएं आकर्षण का केंद्र रहीं। सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद थी और श्रद्धालुओं के लिए चिकित्सा शिविर लगाए गए थे।

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    पिपराघाट में कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करते श्रद्धालु। जागरण 


    संवाद सहयोगी, बाबूबरही (मधुबनी)। Madhubani News: कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर बुधवार को कमला ,बलान एवं सोनी नदी के त्रिवेणी संगम तट पिपराघाट में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा।

    मेले की मस्ती में ऊंच- नीच, अमीरी -गरीबी, भेद -भाव, जाति- पंथ सभी की दीवारें टूट गई। समिति सदस्यों की माने तो चार लाख से अधिक लोग यहां जुटे। श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी- मंगलवार आधी रात से त्रिवेणी संगम के दोनों तट की लगभग एक किलोमीटर की दूरी डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं से पट गया। लोग आते गए।

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    स्नान, पूजा अर्चना, दीपदान, मन्नते लेकर मेले का लुफ्त उठाते गए। सिलसिला शाम तक जारी रहा। यह रहा आस्था का केंद्र- त्रिवेणी नदी के अतिरिक्त नदी के पूर्वी तट पर लगे तीन कल्पवास शिविर में जमे साधु संत, पिपराघाट पूर्वी चौक पर मुख्य पंडाल में स्थापित कार्तिक, गणेश सहित विभिन्न देवी देवताओं की प्रतिमा, संकट मोचन सिद्ध मनोकामना मंदिर, पौराणिक कमलेश्वर नाथ महादेव मंदिर तथा नव महादेव मंदिर आस्था का केंद्र बना रहा।

    पूजा अर्चना को लेकर यहां लोगों का तांता देखा गया। विधि व्यवस्था को लेकर तत्पर रहे विभिन्न तंत्र- विधि व्यवस्था, सुरक्षा तथा सेवा को विभिन्न तंत्र तत्पर रहे। स्काउट एंड गाइड की भूमिका अहम रहा।

    इसके अतिरिक्त थानाध्यक्ष राहुल कुमार एवं एएसएचओ संतोष कुमार के नेतृत्व में पुलिस पदाधिकारी, महिला पुलिस पदाधिकारी, लाठी बल, चौकीदार आदि मेले में घूम-घूम कर स्थिति पर नजर बनाए रखा।

    स्थानीय ग्रामीण एवं कार्तिक पूर्णिमा मेला समिति के दो सौ से अधिक सदस्य पूरी तरह तत्पर रहे। स्नान बाद कपड़ा बदलने के लिए नदी के दोनों तट पर महिला परिधान गृह बनाया गया था। नदी के पूर्वी एवं पश्चिमी ओर दो मेडिकल शिविर लगाए गए थे।

    एसडीआरएफ की टीम नौका लेकर नदी में तत्पर रहे। जानकारी के अनुसार लालापट्टी की एक महिला को ये नदी में डूबने से बचाने में कामयाब रहे। पेयजल को लेकर नगर निगम की टैंक, एंबुलेंस मौजूद दिखे।

    मेले की मस्ती में भाव विभोर दिखे लोग- समिति सदस्यों ने बताया कि यह मेला मिलन का एक स्रोत रहा है। खासकर ऐसे रिश्तेदार जो अपनी संस्कृति व सभ्यता को लेकर एक दूसरे के घर नहीं जा सकते। उसका यहां पर मिलन होता रहा है।

    ये घंटो बैठकर बातचीत में तल्लीन दिखे। समिति सदस्यों ने बताया कि मेले से मिलन बढ़ता है। कटुता दूर होती है। अपनी सभ्यता और संस्कृति को अक्षुण्ण बनाए रखने का या अहम स्रोत है।

    नेपाल सहित जिले के विभिन्न गाव से कई भगत व भगतिनी भगत खेलते पैदल ही यहां पहुंचे। जो साधना कर अपने-अपने देवता के पास गए। तेजपात की जमकर हुई खरीदारी- मेले में जिधर दिखे उधर लोगों के हाथ तेजपात ही दिखे।

    लोगों ने बताया कि मेला में नेपाल से आए तेजपात काफी स्वादिष्ट एवं सस्ते होते हैं। इसके अतिरिक्त मिट्टी से बने विभिन्न बर्तन, मूर्ति, कचरी मुरही, चूड़ा दही, नमकीन, फास्ट फूड, घरेलू सामान, कृषि उपकरण, महिला परिधान, खिलौने आदि की विक्री जमकर हुई।